लोकसभा चुनाव 2019: मोदी सरकार की 5 सफल योजनाओं का रियलिटी चेक

By विकास कुमार | Published: March 19, 2019 03:56 PM2019-03-19T15:56:41+5:302019-03-19T15:56:41+5:30

मोदी सरकार की सफल योजनाओं में उज्जवला स्कीम, सौभाग्य योजना, जन-धन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत को माना जाता है.

LOK SABHA ELECTION 2019: Modi Government ujjawala scheme, swachh bharat mission, saubhagya scheme, PMAY scheme | लोकसभा चुनाव 2019: मोदी सरकार की 5 सफल योजनाओं का रियलिटी चेक

लोकसभा चुनाव 2019: मोदी सरकार की 5 सफल योजनाओं का रियलिटी चेक

Highlightsग्रामीण महिलाओं की हालत को सुधारने के मकसद से उज्ज्वला योजना लांच की गई थी. स्वच्छ भारत योजना की तारीफ वर्ल्ड बैंक और वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम ने भी की थी.देश के हर घर में बिजली पहुंचाने की कोशिशों के तहत सौभाग्य योजना लांच की गई थी. 

लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. ऐसे में तमाम पार्टियां अपने मुद्दों को लेकर जनता के बीच में पहुंच रही है. पीएम मोदी और उनके कैबिनेट के बाकी साथी खुद को देश का चौकीदार बताते हुए कैंपेन चला रहे हैं, तो वहीं राहुल गांधी रोज़गार, राफेल और किसानों के मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष जिन मुद्दों पर नरेन्द्र मोदी को असफल बताने का प्रयास कर रहे हैं, दरअसल वो मुद्दें भारतीय राजनीति की सामूहिक विफलता के सबसे ज्वलंत उदाहरण रहे हैं. सरकारें बदलतीं रहीं लेकिन किसान और नौजवान का मुद्दा  हर चुनाव में प्रासंगिक बना रहा क्योंकि इनकी समस्याओं का कभी भी दूरगामी समाधान नहीं निकाला गया. 

नरेन्द्र मोदी ने 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रति वर्ष 2 करोड़ रोज़गार पैदा करने का वादा किया था. बीजेपी की सरकार आने के बाद पीएम मोदी ने एक बाद एक कई योजनाएं लांच की. रोज़गार बढ़ाने के मकसद से 'मेक इन इंडिया' लांच की गई. छोटे और मंझोले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के मकसद से मुद्रा योजना लांच किया गया. ग्रामीण महिलाओं की हालत को सुधारने के मकसद से उज्ज्वला योजना लांच की गई थी. 

लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राष्ट्रवाद और राफ़ेल पर मचे तकरार के बीच इन मुद्दों की सुध शायद ही कोई ले रहा है. विपक्ष 'महागठबंधन' के राजनीतिक समीकरणों और हर स्थिति में चुनाव जीतने के मकसद के बीच उलझा हुआ दिख रहा है. पीएम खुद अपनी हर रैली में अपनी योजनाओं का बखान कर रहे हैं ऐसे में मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं का रियलिटी चेक जरूरी हो जाता है. 

उज्जवला योजना- मोदी सरकार की सबसे सफल योजनाओं में उज्जवला योजना का नाम लिया जाता है. इस योजना के तहत 7 करोड़ परिवारों को सरकार की तरफ से मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया जिसके बाद गाँव की महिलाओं के जीवनस्तर पर सुधार हुआ है.

मोदी सरकार की इस योजना की तारीफ वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम ने भी की है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर एक महिला मिट्टी की चूल्हे पर लकड़ियां जला कर खाना बनाती है तो 1 घंटे के भीतर 400 सिगरेट के बराबर धुंआ उसके फेफड़े के भीतर प्रवेश करती है. 

बीच में ऐसी भी ख़बरें आई थी कि ऐसे लोगों की संख्या बहुत बड़ी मात्रा में है जो दोबारा सिलिंडर रिफिल नहीं करा पा रहे हैं. लेकिन बाद में सरकार ने गैस कंपनियों को इसका लक्ष्य देना शुरू किया. कंपनियों ने सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर इस योजना के लाभार्थियों के सिलिंडर रिफिल किए. 

आयुष्मान भारत- यह योजना बीते साल ही लांच की गई है. इस योजना के मुताबिक, 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख तक का स्वास्थय बीमा दिया जायेगा. इस योजना के तहत सरकार 50 करोड़ गरीबों को बीमा देने जा रही है जो विश्व में अभी तक की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना मानी जा रही है. मीडिया इसे मोदी केयर भी कहती है. 

इस योजना को लेकर सवाल तब उठा था जब मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए मात्र 2400 करोड़ का बजट जारी किया था. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पीयूष गोयल ने आयुष्मान भारत के लिए 6400 करोड़ का प्रावधान बजट में किया है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस योजना को ठीक तरीके से लागू करने के लिए कम से कम 1 लाख करोड़ रुपये की जरूरत बताई थी. 

अरुण जेटली ने कहा था कि डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर से सरकार को प्रति वर्ष 90 हजार करोड़ की बचत हो रही है जिसका इस्तेमाल इस योजना के लिए किया जायेगा. इसके अलावा सरकार ने अंतिम बजट में म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट पर एक्स्ट्रा गेन टैक्स लगाया था जिसका इस्तेमाल इस योजना को आर्थिक पोषण करने के लिए किया जायेगा. 

प्रधानमंत्री आवास योजना-  "साल 2022 तक भारत के सभी गरीबों के पास अपना घर होगा." पीएम मोदी के '2022 प्रोजेक्ट' का एक अहम हिस्सा यह वाक्य भी है. आवास योजना इसी मकसद के साथ लांच की गई थी. PMAY योजना में केंद्र सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती है. यह चार श्रेणियों में दिया जाता है. 12 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले व्यक्ति को 9 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है जिसमें केंद्र सरकार की तरफ से 4 प्रतिशत सब्सिडी दिया जाता है. 

18 लाख रुपये वार्षिक आय वाले व्यक्ति को 12 लाख रुपये तक का होम लोन मिल सकता है जिस पर सरकार की तरफ से 3 प्रतिशत सब्सिडी दिया जायेगा. इस रकम के अलावा लिया गया कोई भी लोन आम लोन की तरह ट्रीट किया जायेगा और उस पर साधारण तरीके से ब्याज देना होगा. सभी स्लैब में लोन की अधिकतम अवधि 20 साल होगी. 

बीजेपी ने इस योजना के तहत गरीबों के लिए 1.5 करोड़ घर बनाने का दावा किया है. पीएम मोदी ने वर्ष 2022 तक सभी भारतीयों के पास अपना घर होने का दावा किया है.

सौभाग्य योजना- देश की आजादी के 70 साल बाद भी 18 हजार गाँव अँधेरे में डूबे थे, हमारी सरकार ने उन्हें रौशन करने का काम किया है. आज कल अपनी रैलियों में पीएम मोदी को ये बातें अक्सर कहते हुए सुना जा सकता है. देश के हर घर में बिजली पहुंचाने की कोशिशों के तहत सौभाग्य योजना लांच की गई थी. 

जिन लोगों का नाम साल 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना में है, उन्हें सौभाग्य योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जाता है. जिन लोगों के नाम इस योजना में नहीं है उन्हें 500 रुपये के शुल्क पर कनेक्शन मुहैया करवाया जाता है. सौभाग्य योजना की शुरुआत 25 सितम्बर 2017 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर की गयी थी. 

ऐसे इस योजना पर बीच-बीच में सवाल उठते रहे हैं क्योंकि आज भी ऐसे कई गाँव हैं जहां बिजली के तार पहुंच गए हैं लेकिन बिजली की आंखमिचौली जारी है. कहीं बिजली सप्ताह में एक दिन आती है तो कहीं दिन में मात्र 2-3 घंटे. 

स्वच्छ भारत योजना- स्वच्छ भारत योजना मोदी सरकार की सर्वप्रशंसित योजना है. महात्मा गांधी को केंद्र में रखते हुए नरेन्द्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को की थी. इस योजना का मकसद देश में स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाना था. मोदी सरकार की इस योजना की तारीफ वर्ल्ड बैंक और वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम ने भी की थी. वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वच्छ भारत योजना के कारण 3 लाख बच्चे मरने से बचे हैं. पीएम मोदी के मुताबिक देश के 25 राज्य खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. देश के 98 प्रतिशत घरों में आज शौचालय उपलब्ध है. पूरे देश में 9 करोड़ शौचालय बनाये गए हैं.

2014 के पहले देश के घरों में शौचालयों की संख्या 39 प्रतिशत थी. ऐसे में मोदी सरकार की इस योजना ने अपने मकसदों को पूरा किया है लेकिन ऐसा नहीं है कि सवालों के घेरे में नहीं है. कई जगहों पर शौचालय के नाम पर गड्ढे खोद दिए गए तो कई जगहों पर शौचालय का निर्माण करने के बाद उसमें प्रोविजनल स्टोर खोल दिए गए. लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि इस योजना ने देश में बड़े पैमाने पर लोगों के मानसिकता को बदलने का काम किया है. मोदी सरकार का लक्ष्य 2 अक्टूबर 2019 तक देश को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त करना है. 

सरकार की यह योजना इस मायने में भी सफल रही है क्योंकि पहली बार देश में लोगों को सफाई के प्रति जागरूकता आई जिसने एक सामाजिक क्रांति का रूप ले लिया. 

Web Title: LOK SABHA ELECTION 2019: Modi Government ujjawala scheme, swachh bharat mission, saubhagya scheme, PMAY scheme