लोकसभा चुनाव: गुजरात के 26 सीटों को लेकर जारी है दलबदल का खेल, सौराष्ट्र में बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती
By महेश खरे | Published: March 19, 2019 08:34 AM2019-03-19T08:34:44+5:302019-03-19T09:21:03+5:30
कोली और पाटीदार बहुल सौराष्ट्र की जामनगर और राजकोट सीट पर इन दोनों नेताओं के दलबदल से अब कांग्रेस के पास कोई बड़ा नाम नहीं बचा है.
लोकसभा चुनाव में 2014 की स्थिति दोहराने के लिए भाजपा एक-एक सीट पर फूंक-फूंक कर योजना बना रही है. बीते चुनाव में गुजरात की सभी 26 सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमा लिया था. कांग्रेस के गढ़ सौराष्ट्र और आदिवासी पट्टी में भी जनता ने गुजरात के नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने के लिए एकजुटता दिखाई और वोटों से भाजपा की झोली लबालब भर दी थी. 2019 का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस और भाजपा कोई दांव खाली नहीं छोड़ना चाहती.
भाजपा ने कांग्रेस के दो विधायकों को भाजपा का खेस धारण कराकर मंत्री पद से नवाजा है. कुंवरजी बाविरया और जवाहर चावड़ा दोनों कोली समाज के नेता हैं. कोली और पाटीदार बहुल सौराष्ट्र की जामनगर और राजकोट सीट पर इन दोनों नेताओं के दलबदल से अब कांग्रेस के पास कोई बड़ा नाम नहीं बचा है. इसके जबाव में कांग्रेस ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन की उपज हार्दिक पटेल को कांग्रेस के पाले में कर लिया है.
सौराष्ट्र में 6 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को कड़ी चुनौती
सौराष्ट्र में लोकसभा की 6 सीटें जामनगर, राजकोट, जूनागढ़, अमरेली, पोरबंदर और भावनगर हैं. 56 विधानसभा सीटों वाले सौराष्ट्र में भाजपा को कांग्रेस कड़ी चुनौती देती रही है. पिछले चुनाव में चली गुजराती अस्मिता और अच्छे दिन की लहर में गुजरात की सभी 26 सीटें भाजपा की झोली में आ गई थीं. लेकिन अब स्थिति पहले जैसी नहीं है. इस कारण 2014 को दोहराने के लिए भाजपा लगभग एक साल से चुनावी तैयारियां कर रही है.
जामनगर से हार्दिक की चर्चा
देश में रिलायंस की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी के कारण ऑयल सिटी के नाम से चर्चित जामनगर से हार्दिक पटेल के चुनाव लड़ने की चर्चा है. कांग्रेस की ओर से उनका नाम लगभग फाइनल माना जा रहा है. लेकिन आरक्षण आंदोलन ठंडा पड़ने के कारण इस समय पाटीदार युवाओं पर पहले जैसी उनकी पकड़ नहीं है. फिर भी चुनाव रोचक होने की संभावना है.