लोकमत एक्सक्लूसिव: लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण में हुआ कम मतदान, भाजपा परेशान

By हरीश गुप्ता | Published: April 13, 2019 07:50 AM2019-04-13T07:50:50+5:302019-04-13T10:29:47+5:30

पूर्वोत्तर के असम में मतदान में 10 फीसदी की भारी गिरावट ने राज्य की सभी पांच सीटें जीतने की भाजपा की महत्वाकांक्षा को धूमिल कर दिया है.

Lok Sabha election 2019: Less voting in first phase BJP upset | लोकमत एक्सक्लूसिव: लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण में हुआ कम मतदान, भाजपा परेशान

महाराष्ट्र में राकांपा के साथ गठबंधन के कारण कांग्रेस दौड़ में शामिल हो गई है

Highlights महाराष्ट्र में 2 से 5 फीसदी कम मतदान ने भाजपा कोर ग्रुप को चिंतित कर दिया है. कांग्रेस ने 2014 में 91 लोकसभा सीटों में से सात सीटों पर जीत दर्ज की थी.

12 अप्रैल 20 राज्यों में 91 लोकसभा सीटों में से अधिकतर में हुए कम मतदान से ना तो भाजपा और ना ही कांग्रेस लिए जश्न का कोई कारण है. भाजपा यदि 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी की लहर के कारण उसे मिली 32 सीटों को पहले चरण के मतदान में बरकरार रखती है, तो वह भाग्यशाली होगी.

उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड के हिंदी भाषी इलाकों के अलावा महाराष्ट्र में 2 से 5 फीसदी कम मतदान ने भाजपा कोर ग्रुप को चिंतित कर दिया है. वहीं,पूर्वोत्तर के असम में मतदान में 10 फीसदी की भारी गिरावट ने राज्य की सभी पांच सीटें जीतने की भाजपा की महत्वाकांक्षा को धूमिल कर दिया है. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चार सीटें जबकि कांग्रेस ने एक सीट जीती थी.

कांग्रेस ने 2014 में 91 लोकसभा सीटों में से सात सीटों पर जीत दर्ज की और यह आंकड़ा पार करने के लिए कठिन परिश्रम कर रही है. कांग्रेस ने अविभाजित आंध्र प्रदेश में दो सीटें जीतीं थीं जो इस बार मिलने की संभावना नहीं है. उसने महाराष्ट्र या हिंदीपट्टी की कोई सीट नहीं जीती. सात में से पांच सीटें उसे पूर्वोत्तर से मिलीं.

पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों के उदय के कारण उसके इन सीटों को बरकरार रखने की संभावना नहीं है. बेशक, महाराष्ट्र में राकांपा के साथ गठबंधन के कारण कांग्रेस दौड़ में शामिल हो गई है और भाजपा-शिवसेना को पहले चरण की सभी सात सीटों पर चुनौती दे रही है. एग्जिट पोल का संचालन करने वाले चुनावी पंडितों के मुताबिक महाराष्ट्र की तीन सीटों पर कुछ भी हो सकता है. अ

असली लड़ाई उत्तर प्रदेश में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में

2014 में पहले चरण में आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी. सपा, बसपा और रालोद का गठबंधन उसे कड़ी चुनौती दे रहा है. इनमें से चार सीटों पर कांग्रेस ने गठबंधन को रणनीतिक समर्थन दिया है. पार्टी यहां ऐसे उम्मीदवारों को लड़ा रही जो अप्रत्यक्ष रूप से गठबंधन को मदद करेंगे. गाजियाबाद में कांग्रेस की ब्राह्मण प्रत्याशी डॉली शर्मा, जनरल वी. के. सिंह के वोट को काटेंगी.

गौतम बुद्ध नगर से ठाकुर जाति के अरविंद सिंह चौहान भाजपा के डॉ. महेश शर्मा को नुकसान पहुंचा रहे हैं. कैराना में कांग्रेस के जाट उम्मीदवार भाजपा उम्मीदवार के वोट में सेंध मारेंगे जबकि मेरठ में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र अग्रवाल को कांग्रेस के बनिया उम्मीदवार हरेंद्र अग्रवाल से भारी नुकसान की आशंका है.

कांग्रेस ने बागपत और मुजफ्फरनगर से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है जहां से जयंत चौधरी और अजित सिंह खड़े थे. वहीं, कांग्रेस ने सहारनपुर में इमरान मसूद और बिजनौर में नसीमुद्दीन सिद्दिकी जैसे कद्दावर उम्मीदवारों को उतारा है. यहां वोटों का बंटवारा भाजपा को फायदा पहुंचाएगा.

बिहार में यह समीकरण :

जहां तक बिहार का सवाल है, पहले चरण की चार सीटों में से तीन सीटें भाजपा जीती थीं जबकि चौथी सीट लोजपा को मिली. इस बार, यह केवल एक सीट पर चुनाव लड़ रही है जबकि दो सीटें उसने जदयू को दी हैं. इस प्रकार भाजपा को 32 सीटें हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी.

English summary :
Lok Sabha Chunav 2019: Low voter turnout in most of the 91 Lok Sabha seats in the 20 states in First Phase of Polling on 11th April and BJP and Congress both won't be happy with this news.


Web Title: Lok Sabha election 2019: Less voting in first phase BJP upset