लोकसभा चुनाव 2019: कन्हैया कुमार ही नहीं, बिहार की राजनीति में JNU के कई पूर्व अध्यक्षों का रहा है दबदबा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 18, 2019 07:22 PM2019-04-18T19:22:57+5:302019-04-18T19:22:57+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: कन्हैया कुमार ने बेगूसराय लोकसभा सीट से भाकपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पर्चा भर दिया है। कन्हैया कुमार इस बार लोकसभा चुनाव के जरिए राजनीति में अपना डेब्यू कर रहे हैं। बीजेपी उम्मीदवार गिरीराज सिंह के खिलाफ बेगूसराय से चुनाव लड़ रहे हैं।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्षों का राजनीति में शामिल होना बिहार की राजनीति में नया नहीं है। इस बार बिहार के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमारबेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन आपको बता दें कि कन्हैया कुमार बिहार से चुनाव लड़ने वाले जेएनयूएसयू के पहले पूर्व अध्यक्ष हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि ये पहली दफा है। ऐसे कई नाम बिहार की राजनीति में हैं जिनका जेएनयूएसयू से नाता रहा है।
1.- कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान
बिहार के कटिहार जिले के कदवा से कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान 1992-93 में जेएनयूएसयू के अध्यक्ष थे, इसके बाद वह छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी बने। खान ने छात्र संघ का चुनाव स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से लड़ा था। विश्वविद्यालय छोड़ने के बाद वह कांग्रेस से जुड़ गए। खान 1999 में कांग्रेस से जुड़े और 2015 में पहली बार कदवा से विधायक निर्वाचित हुए।
खान ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''जेएनयू ने राजनीति में मेरी रुचि को एक धार दी जो कि बाद में मेरा करियर बना। मैं झूठ नहीं बोलूंगा कि वह कदम अवसरवादिता वाला नहीं था लेकिन दो दशक पहले देश में राजनीतिक माहौल अलग था।''
2. - विधानपार्षद तनवीर अख्तर
गया के शेरघाटी के रहने वाले जनता दल (यूनाइटेड) के विधानपार्षद तनवीर अख्तर 1991-92 में जेएनयूएसयू के अध्यक्ष थे। इस दौरान अहमद खान उपाध्यक्ष बने थे। अख्तर ने जेएनयूएसयू का चुनाव कांग्रेस से संबद्ध छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) से लड़ा था। वह जेएनयू से बाहर आने के बाद पार्टी के विधानपरिषद के सदस्य बनाए गए। वह बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष और बिहार यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। हालांकि वह पिछले साल जदयू में शामिल हो गए।
तनवीर अख्तर पीटीआई-भाषा को बताया, ''पार्टी बदलने का मेरा कदम अवसरवादी नहीं था। कांग्रेस के लिए काफी कुछ करने के बाद भी पार्टी के नेताओं ने मेरा अपमान किया। इसके बाद मैंने यह फैसला लिया। मैं एनएसयूआई से युवावस्था में ही जुड़ा, उस समय जेएनयू में एनएसयूआई की मौजूदगी नगण्य थी जो कि अब भी है।''
3.- चंद्रशेखर
जेएनयू के एक और पूर्व अध्यक्ष हैं जिनकी चर्चा जेएनयू में चुनावी मौसम में काफी होती है। वह हैं चंद्रशेखर। चंद्रशेखर 1993 में छात्रसंघ के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए, उसके बाद वह दो बार जेएनयूएसयू के अध्यक्ष बने। कैंपस से बाहर निकलकर वह अपने गृहजिले सीवान वापस लौट आए और भाकपा (माले) के लिए काम करने लगे। लेकिन मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश करने से पहले ही 1997 में उनकी हत्या कर दी गई।
4.- बांका के दिवंगत पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह
बांका के दिवंगत पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह भी 1982 में जेएनयूएसयू के महासचिव रह चुके हैं। वह स्टूडेंट्स फॉर डेमोक्रेटिक सोशलिज्म (डीवाईएस) संगठन से जुड़े थे।
5.- कन्हैया कुमार
लोकसभा चुनाव 2019 में कन्हैया कुमार भाकपा के टिकट पर बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 2016 में जेएनयू में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगने के बाद उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। बेगूसराय में 29 अप्रैल को चुनाव होने हैं। बेगूसराय से भाजपा के उम्मीदवार गिरिराज सिंह और राजद के उम्मीदवार तनवीर हसन चुनाव लड़ रहे हैं।
कन्हैया कुमार ने बेगूसराय लोकसभा सीट से भाकपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पर्चा भर दिया है। इस मौके पर बेगूसराय पहुंचने वालों में बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर, मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड, गुजरात से विधायक एवं दलित नेता जिग्नेश मेवाणी, जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद आदि शामिल रहे। कन्हैया कुमार इस बार लोकसभा चुनाव के जरिए राजनीति में अपना डेब्यू कर रहे हैं।
बिहार में सातों चरण में मतदान
बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव होंगे। बिहार में पहला चरण 11 अप्रैल, दूसरा चरण 18 अप्रैल, तीसरा चरण 23 अप्रैल, चौथा चरण 29 अप्रैल, पांचवां चरण 6 मई, छठा चरण 12 मई तथा सातवां चरण 19 मई को होगा। वोटों की गिनती 23 मई को होगी।
(पीटीआई इनपुट के साथ)