लोकसभा चुनाव 2019: पाकिस्तान के बिगड़ते माहौल में जम्मू-कश्मीर सीमाओं पर मतदान के लिए आपात योजनाएं
By सुरेश डुग्गर | Published: March 16, 2019 05:12 PM2019-03-16T17:12:49+5:302019-03-16T17:12:49+5:30
चुनाव की तैयारी में व्यस्त चुनाव आयोग ने राजौरी-पुंछ जिले में 60 ऐसे मतदान केंद्र चिन्हित किए हैं जहां पर पाकिस्तान की ओर से कोई कार्रवाई मतदान को प्रभावित नहीं कर सकती है।
पड़ौसी देश पाकिस्तान के साथ बिगड़ते संबंधों कारण जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में मतदान करवाना चुनाव आयोग के लिए पहले से अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। चुनाव के मद्देनजर पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ, आतंकी हमले या गोलीबारी की संभावना को देखते हुए जम्मू, कठुआ जिले में 198 किमी अंतरराष्ट्रीय सीमा व छह जिलों में फैली 814 किमी लंबी एलओसी पर स्थित सैंकड़ों मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर दिए गए हैं।
यही नहीं पिछले साल 26 नवम्बर को पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर सीजफायर ने 18 साल पूरे कर लिए हैं पर इस खुशी के बावजूद उस पार से चुनाव के दौरान की जाने वाली गड़बड़ की आशंका के चलते प्रशासन ने मतदान की खातिर आपात योजनाएं अभी से तैयार करनी आरंभ कर दी हैं।
एलओसी की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली सेना ने चुनाव को सुरक्षित बनाने के लिए पक्की तैयारी की है। सूत्रों के अनुसार सीमा की सुरक्षा के मुद्दे पर कोर ग्रुप, उसके बाद गृह सचिव, रक्षा सचिव स्तर की बैठक के बाद जल्द सेना, सुरक्षाबल अपने स्तर पर भी चुनाव के मद्देनजर की गई सुरक्षा की समीक्षा करेंगे। वहीं, चुनाव की तैयारी में व्यस्त चुनाव आयोग ने राजौरी-पुंछ जिले में 60 ऐसे मतदान केंद्र चिन्हित किए हैं जहां पर पाकिस्तान की ओर से कोई कार्रवाई मतदान को प्रभावित नहीं कर सकती है।
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के मुताबिक आयोग ने 60 मोबाइल मतदान केंद्र बनाएं हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इस बीच पाकिस्तान के अंदरूनी हालात के मद्देनजर जम्मू के अखनूर, राजौरी, पुंछ, बारामुला, कुपवाड़ा व लेह के कुछ हिस्सों में एलओसी से सटे इलाकों में चुनाव की सुरक्षा को लेकर सेना, सुरक्षाबल अधिक सतर्क हैं।
जानकारी के लिए 40 लाख से अधिक लोग पाकिस्तान से सटी 814 किमी लंबी एलओसी और 198 किमी लम्बे जम्मू कश्मीर के इंटरनेशनल बार्डर पर रहते हैं। विभिन्न चरणों में सीमांत क्षेत्रों में मतदान होना है। प्रशासन को मतदान के लिए आपात योजनाएं इसलिए तैयार करनी पड़ रही हैं क्योंकि पाक सेना सीमा और एलओसी पर शांति भंग करने से बाज नहीं आ रही है।