हरियाणा लोकसभा चुनावः राजनीतिक ताकत-विरासत के लिए जी जान से चुनावी रण में कूदीं मां, बहू और पत्नी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 8, 2019 02:34 PM2019-05-08T14:34:58+5:302019-05-08T14:34:58+5:30

हरियाणा में 12 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों के कुटुम्बजनों ने चिलचिलाती धूप, धूल उड़ाती व झुलसाती लू की परवाह न करते हुए चुनाव प्रचार को चरम पर पहुंचा दिया है। ये महिलाएं (जिनमें से कुछ विधायक हैं) अपने बेटों, ससुर और पति की जीत सुनिश्चित करने और उन्हें सत्ता तक पहुंचाने के लिए लगातार सक्रिय हैं।

lok sabha election 2019 In Haryana, mothers, wives and daughters-in-law hit the campaign trail. | हरियाणा लोकसभा चुनावः राजनीतिक ताकत-विरासत के लिए जी जान से चुनावी रण में कूदीं मां, बहू और पत्नी

हरियाणा लोकसभा चुनावः राजनीतिक ताकत-विरासत के लिए जी जान से चुनावी रण में कूदीं मां, बहू और पत्नी

Highlightsरेणुका बिश्नोई के परिवार को राजनीति पीढ़ी दर पीढ़ी विरासत में मिली है। वह खुद हांसी से कांग्रेस विधायक हैं।आशा हुड्डा भी अपने परिवार के पुरुष नेताओं की जीत सुनिश्चित करने के लिए जी जान से जुटी हैं।

हरियाणा के अत्यंत सफल पुरुष नेताओं के पीछे उनकी मां, पत्नी या बहू की कड़ी मेहनत है जो अपने परिवार की राजनीतिक ताकत और विरासत को अक्षुण्ण रखने के लिए जी जान से जुटी हुई हैं। राज्य की राजनीति में चौटाला, बिश्नोई और हुड्डा परिवार काफी प्रभावशाली हैं व इन परिवारों की महिलाओं का पुरुष नेताओं की सफलता के पीछे अहम योगदान है।

प्रदेश में 12 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों के कुटुम्बजनों ने चिलचिलाती धूप, धूल उड़ाती व झुलसाती लू की परवाह न करते हुए चुनाव प्रचार को चरम पर पहुंचा दिया है। ये महिलाएं (जिनमें से कुछ विधायक हैं) अपने बेटों, ससुर और पति की जीत सुनिश्चित करने और उन्हें सत्ता तक पहुंचाने के लिए लगातार सक्रिय हैं।

रेणुका बिश्नोई के परिवार को राजनीति पीढ़ी दर पीढ़ी विरासत में मिली है। वह खुद हांसी से कांग्रेस विधायक हैं व इसके अलावा उनकी कई और भी पहचान हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की बहू और तीन बार के विधायक कुलदीप बिश्नोई की पत्नी हैं। वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे अपने बेटे भव्य बिश्नोई की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं।

भव्य कांग्रेस के टिकट पर हिसार से चुनाव लड़ रहे हैं। बेटे के प्रचार में जुटीं रेणुका बिश्नोई ने कहा, ‘‘मैं खुद लोगों से मिलती हूं और अधिक से अधिक इलाकों तक पहुंचने की कोशिश करती हूं। मैं महिला मतदाताओं से खुलकर मिल सकती हूं और बात कर सकती हूं। मैं उनसे सही फैसला करने को कहती हूं।’’

चौटाला परिवार से राजनीति में उतरने वाली पहली महिला नैना चौटाला अपने बेटों-दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला के लिए प्रचार कर रही हैं, जो क्रमश: हिसार और सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। परिवार में विवाद के बाद उन्होंने इनेलो से नाता तोड़ लिया था और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) नाम से नयी पार्टी बना ली थी।

नैना चौटाला के पति अजय चौटाला और ससुर ओमप्रकाश चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल में सजा काट रहे हैं। नैना का मानना है कि पारिवारिक पृष्ठभूमि मदद करती है, लेकिन इससे ज्यादा काम मायने रखता है। वह राज्य में अब तक 50 से अधिक रैलियों को संबोधित कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं। हां विवाद रहा है और अब हमारी भिन्न विचारधाराएं हैं, लेकिन मतदाता अपने क्षेत्र में हुए काम के आधार पर फैसला करते हैं।’’

आशा हुड्डा भी अपने परिवार के पुरुष नेताओं की जीत सुनिश्चित करने के लिए जी जान से जुटी हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पत्नी और दीपेंद्र हुड्डा की मां हैं। उनके पति कांग्रेस के टिकट पर सोनीपत से चुनाव मैदान में हैं और पुत्र रोहतक से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।

वह अपने परिवार के दोनों पुरुषों के लिए वोट मांग रही हैं। सोनीपत और रोहतक के बीच उनका रोजाना आना-जाना रहता है। उनकी मदद उनकी बहू श्वेता हुड्डा भी कर रही हैं जो चुनाव प्रचार के दौरान उनके साथ ही रहती हैं।

तोशाम से कांग्रेस की विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू किरण चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपनी बेटी श्रुति के लिए प्रचार कर रही हैं। पूर्व सांसद एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, रीता शर्मा अपने पति अरविन्द शर्मा के लिए प्रचार कर रही हैं जो रोहतक से भाजपा के उम्मीदवार हैं।

अंजू भाटिया करनाल से भाजपा के उम्मीदवार एवं अपने पति संजय भाटिया के लिए चुनाव प्रचार में जुटी हैं। वहीं, अवंतिका माकन सिरसा से कांग्रेस के उम्मीदवार एवं अपने पति अशोक तंवर को जिताने के लिए चुनाव प्रचार में जुटी हैं।

उचाना कलां विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक प्रेमलता अपने पुत्र बृजेंद्र सिंह के लिए चुनाव प्रचार कर रही हैं जो हिसार से भाजपा के उम्मीदवार हैं और पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। बृजेंद्र जाट नेता एवं केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के पुत्र हैं और चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़ी है। 

Web Title: lok sabha election 2019 In Haryana, mothers, wives and daughters-in-law hit the campaign trail.



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