लोकसभा चुनाव 2019: पहले चरण में 7 केंद्रीय मंत्रियों और चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की किस्मत दांव पर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 10, 2019 09:10 AM2019-04-10T09:10:43+5:302019-04-10T12:24:25+5:30

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को मतदान होगा। मंगलवार(9 अप्रैल) शाम 5 बजे चुनाव प्रचार खत्म हो गया। पहले चरण में 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा।

lok sabha election 2019 first phase on 11 april | लोकसभा चुनाव 2019: पहले चरण में 7 केंद्रीय मंत्रियों और चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की किस्मत दांव पर

पहले चरण में लोकसभा की 91 सीटों पर मतदान होगा।

Highlightsपहले चरण में उत्तर प्रदेश के वेस्ट यूपी की 8 सीट, बिहार के 4 और उत्तराखंड के सभी पांच सीट पर वोट डाले जाएंगेपहले चरण में चार राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव परकेंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े नेता हैं।

सतीश कुमार सिंह

लोकसभा 2019 के प्रथम चरण के लिए चुनावी बिसात बिछ चुकी है। 11 अप्रैल को मतदान होगा। मंगलवार (9 अप्रैल) शाम 5 बजे चुनाव प्रचार खत्म हो गया। पहले चरण में 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। 11 अप्रैल को कई वीवीआईपी उम्मीदवार की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। 

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वीके सिंह, महेश शर्मा समेत 7 मंत्री मैदान में हैं। इसके अलावा चार पूर्व मुख्यमंत्री और कई दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटी भी किस्मत आजमा रहे हैं। पहले चरण में अजित सिंह, जयंत चौधरी के भाग्य के फैसले होंगे। 

पहले चरण में उत्तर प्रदेश के वेस्ट यूपी की 8 सीट, बिहार के 4 और उत्तराखंड के सभी पांच सीट पर वोट डाले जाएंगे। पहले चरण में दो पूर्व मंत्रियों में भी टक्कर होगी। उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया अजित सिंह का मुकाबला बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान से होगा।

नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े नेता हैं। गडकरी की गिनती मोदी सरकार के सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों में होती है। वह नागपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। संघ का मुख्यालय भी यहां है। 2014 में पहली बार नितिन गडकरी यहां से चुनाव जीत चुके हैं। गडकरी 2.85 लाख वोट से जीते थे। इस बार उनका मुकाबला गोंदिया से भाजपा के बागी सांसद नाना पटोले से हैं। नाना कुनबी समाज से आते हैं। गडकरी को इस बार कांटे की टक्कर मिल सकती है।

वी के सिंह

पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह 2014 के चुनाव में इस समय कांग्रेस के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और सिने अभिनेता राज बब्बर को धूल चटा चुके हैं।  इस बार वीके सिंह के सामने महागठबंधन के साथ-साथ कांग्रेस से भी मुकाबला करना है। गाजियाबाद से मौजूदा सांसद सिंह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री हैं। विदेश राज्य मंत्री के रूप में वीके सिंह ने अपनी छाप छोड़ी है। साल 2015 यमन के गृह युद्ध में फंसे चार हजार भारतीयों को सुरक्षित लाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। ऑपरेशन 'संकट मोचन' की सफलता का श्रेय वीके सिंह को ही दिया जाता है।

सत्यपाल सिंह

मुंबई में सुपरकॉप से मशहूर सत्यपाल सिंह बागपत से चुनावी मैदान में हैं। नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री के पद पर काबिज सिंह के सामने इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोद प्रमुख के पुत्र जयंत चौधरी हैं। इस बार सत्यपाल सिंह के सामने महागठबंधन से कड़ी टक्कर है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सत्यपाल सिंह ने आरएलडी प्रमुख अजित सिंह को शिकस्त दी थी।

महेश शर्मा

पेशे से डॉक्टर साहब केंद्र में पर्यटन और संस्कृति मंत्री हैं। भाजपा ने फिर से उन्हें गौतमबुद्ध नगर सीट से ही चुनाव मैदान में उतारा है। इस बार महागठबंधन उम्मीदवार सतबीर नागर और कांग्रेस के अरविंद चौहान से है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में महेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र भाटी को ढाई लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।

किरण रिजिजू

अरुणाचल प्रदेश में रिजिजू भाजपा के किरण हैं। किरण रिजिजू भाजपा के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने नॉर्थ-ईस्ट में भारतीय जनता पार्टी का सूखा खत्म किया और पार्टी को सीट दिलाई। किरण रिजिजू ने लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस के ताकम संजॉय को 41,738 वोटों से हराया था। किरण रिजिजू केंद्र में गृह राज्य मंत्री भी हैं। भाजपा को उन से उम्मीद है। इस बार भी पार्टी ने उन्हें अरुणाचल पश्चिम सीट से उम्मीदवार बनाया है।

हंसराज गंगाराम अहीर
लगातार तीन चुनाव जीत चुके हंसराज गंगाराम अहीर चौका लगाने के फिराक में हैं। अहीर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री हैं।
पार्टी ने उन्हें एक बार फिर महाराष्ट्र की चंद्रपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा चुनाव 2014 में हंसराज अहीर ने इसी सीट पर 2.36 लाख वोटो से जीत हासिल की थी। लगातार तीन बार से जीतते आ रहे हंसराज अहीर का मुकाबला इस बार कांग्रेस के सुरेश धानोरकर से है।

अजय टम्टा
मोदी सरकार में कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा के सामने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा हैं। भाजपा ने अजय टम्टा को उत्तराखंड की अल्मोड़ा से चुनावी मैदान में उतारा है। लोकसभा चुनाव 2014 में अजय टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को 1 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।

दांव पर चार पूर्व सीएम की किस्मत

पहले चरण में चार राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। यह चुनाव उनके लिए भी जीवन-मरण का सवाल है। इससे उनका इस चुनाव से भविष्य भी तय हो जाएगा। 

हरीश रावत
विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से हारे हरीश रावत के लिए लोकसभा चुनाव से भविष्य तय हो जाएगा। कांग्रेस के दिग्गज नेता उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। इस बार कांग्रेस ने उन्हें नैनीताल-उधमसिंह नगर सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से होगा।


रमेश पोखरियाल निशंक

उत्तराखंड में भाजपा के दिग्गज नेता हैं। रमेश पोखरियाल निशंक सीएम के दौर में थे। लेकिन बाजी कोई और मार लेगा। बीजेपी नेता रमेश पोखरियाल निशंक भी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। पार्टी ने उन्हें उत्तराखंड की हरिद्वार लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है
उनका मुकाबला कांग्रेस के अंबरीश कुमार से होगा।

सुशील कुमार शिंदे

मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय मंत्री और महाऱाष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे शोलापुर से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। शिंदे के खिलाफ बीजेपी उम्मीदवार के अलावा प्रकाश आंबेडकर भी चुनाव मैदान में हैं। प्रकाश आंबेडकर के मैदान में आ जाने से शिंदे त्रिकोणिय मुकाबले में फंस गए है।

जीतनराम मांझी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी महादलित समुदाय से आते हैं। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के मुखिया जीतनराम मांझी बिहार के गया संसदीय से चुनाव लड़ रहे हैं। जीतन  राम मांझी की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस और वीआईपी महागठबंधन के साथ मिलकर लड़  रही है। गया सीट पर मुख्य मुकाबला राजग और महागठबंधन के बीच ही माना जा रहा है। 2014 के चुनाव मे जीतन राम मांझी जेडीयू के टिकट पर चुनावी मैदान में थे और जीतन राम मांझी को 1,31,828 वोट से ही संतोष करना पड़ा था। वह तीसरे नंबर पर रहे।

दिग्गज नेता के बेटा-बेटी...

केसीआर के नाम से मशहूर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता निजामाबाद से चुनाव लड़ रही हैं। देश का एकमात्र लोकसभा सीट जहां मतदान ईवीएम से न होकर वैलेट पेपर से होगा। क्योंकि चुनावी मैदान में 185 प्रत्याशी हैं। मौसम वैज्ञानिक (हमेशा सत्ता के सुख भोगना) के नाम से और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान बिहार की जमुई सीट से ताल ठोंक रहे हैं। वह दूसरी बार लोकसभा पहुंचे गए। आरएलडी प्रमुख अजित चौधरी के बेटे जयंत चौधरी यूपी की बागपत सीट से उम्मीदवार। उत्तराखंड में बीजेपी के कद्दावर नेता बीसी खंडूरी के बेटे और हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए मनीष खंडूरी पौड़ी गढ़वाल से उम्मीदवार हैं।

English summary :
Lok Sabha Elections 2019: Election Polling for the first phase of Lok Sabha 2019 will be on 11th April. The election campaign ended on Tuesday, 9th April at 5 pm for the first phase. In the first phase, voting will be held in 91 Lok Sabha seats of 20 states.


Web Title: lok sabha election 2019 first phase on 11 april