जया प्रदा पर बयान देकर फंसे आजम खान, एफआईआर दर्ज, महिला आयोग ने भी भेजा नोटिस
By विनीत कुमार | Published: April 15, 2019 10:01 AM2019-04-15T10:01:17+5:302019-04-15T10:45:10+5:30
आजम खान के बयान पर महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने आजम खान को नोटिस भेजा है।
रामपुर से बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के बाद अब आजम खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। समाजवादी पार्टी के रामपुर से उम्मीदवार आजम खान के खिलाफ विवादित टिप्पणी के लिए एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी उन्हें नोटिस भेजा है। आजम खान ने रविवार को एक चुनावी सभा में एक अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके बाद से विवाद बढ़ता जा रहा है।
आजम खान ने रविवार को चुनावी सभा में कहा, 'मैं उन्हें (जया प्रदा) को रामपुर लेकर आया था। आप इस बात के गवाह है कि मैंने किसी को भी उनका शरीर छूने नहीं दिया। उनका असली चेहरा पहचानने में आपको 17 साल लगे लेकिन मैं केवल 17 दिन में जान गया कि वह अंडर...** खाकी रंग का पहनती हैं।'
हलांकि, बाद में विवाद बढ़ने के बाद आजम ने सफाई दी कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। आजम खान ने साथ ही दावा किया कि अगर वे दोषी पाए जाते हैं तो चुनाव नहीं लड़ेंगे। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार आजम ने कहा, 'मैं रामपुर से नौ बार विधायक रहा हूं। मुझे मालूम है कि क्या कहना है। अगर कोई भी यह साबित कर दे कि मैंने किसी का नाम लिया है या किसी का अपमान किया है, तो मैं चुनाव से पीछे हट जाऊंगा।'
आजम के बयान पर महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने जया प्रदा पर अभद्र बयान को लेकर आजम खान को नोटिस भेजा है। इससे पहले रविवार को ही अध्यक्ष रेखा शर्मा ने साफ कर दिया था कि आजम को नोटिस भेजा जा रहा है और साथ ही चुनाव आयोग से भी यह अनुरोध किया जाएगा कि उन्हें (आजम खान) चुनाव लड़ने से रोका जाए।
बता दें कि आजम और जया प्रदा के आपसी रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में बेहद तल्ख रहे हैं। आजम खान हालांकि साल 2004 में जया प्रदा के पक्ष में थे। माना जाता है कि उन्होंने ही जया प्रदा को तब रामपुर से सपा का टिकट दिलवाया था। इसके बाद समीकरण बदलते चले गये और 2009 के बाद से दोनों के बीच कई मौकों पर जुबानी जंग और तनातनी देखी जाती रही है।
जया प्रदा 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर रामपुर से समाजवादी पार्टी की ओर से सासंद रही हैं। बाद में 2010 में उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया। जया प्रदा पिछले ही महीने बीजेपी से जुड़ी हैं।