लोकसभा चुनाव 2019: कर्नाटक में मायावती के मंत्री ने उठाया आश्चर्यजनक कदम, संयुक्त विपक्ष को BSP का एक और झटका
By जनार्दन पाण्डेय | Published: October 12, 2018 12:31 PM2018-10-12T12:31:05+5:302018-10-12T12:31:05+5:30
कर्नाटक में बीएसपी के मंत्री ने आश्चर्यजनक कदम उठाया है। जब कुछ दिन पहले बसपा प्रमुख मायावती ने विपक्षी एकता के प्रयासों को झटका देते हुए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा में करार झटका दिया था।
कर्नाटक की जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार को झटका देते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एकमात्र मंत्री एन महेश ने बृहस्पतिवार को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को उनका समर्थन जारी रहेगा।
उनका यह आश्चर्यजनक कदम ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले बसपा प्रमुख मायावती ने विपक्षी एकता के प्रयासों को झटका देते हुए घोषणा की थी कि उनकी पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ ‘‘किसी भी कीमत पर’’ गठबंधन नहीं करेगी।
मायावती ने बनाई थी तीन प्रमुख राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से दूरी
बसपा प्रमुख मायावती ने लंबी कवायद के बाद कांग्रेस के उम्मीदवारों पर पानी फेर दिया था। कांग्रेस के कई मौके पर यह कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव पर्टी बीएसपी और समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ेगी।
लेकिन मायावती कांग्रेस के ऊपर छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की पार्टी जनता को कांग्रेस को तरजीह दे दी। जबकि बाकी के दो राज्यों में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसके बाद यूपी में बसपा की साथी पार्टी सपा ने भी कांग्रेस को झटका देते हुए मध्य प्रदेश में अलग चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।
जबकि एक दिन पहले ही एमपी में कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने बयान जारी किया था कि वे अखिलेश यादव के साथ संपर्क में हैं। जल्द ही दोनों पार्टियां गठबंधन का ऐलान करेंगे।
2019 लोकसभा चुनावों में महागठबंधन
हाल-फिलहाल आए सभी ओपीनियन पोल सर्वे में यह बताया जा रहा है कि अगर लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी को कोई टक्कर दे सकता है तो वह महागठबंधन ही है, जिसके लिए कांग्रेस पूरे जोर-शोर से लगी हुई है। अब जब आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव 2018 उसके लिए सेमीफाइनल माने जा रहे हैं, तब ये पार्टियां एकत्रित नहीं हो रही हैं।
मायावती के मंत्री ने इस्तीफे की बताई ये वजह
प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री महेश ने मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र कोल्लेगल पर अधिक ध्यान देने तथा लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से पद छोड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे निर्वाचन क्षेत्र में मेरे खिलाफ अभियान चल रहा था कि मैंने बेंगलूरू में डेरा डाल लिया है और कोल्लेगल पर ध्यान नहीं दे रहा हूं।’’
मायावती को बिन बताए दिया इस्तीफा
महेश ने कहा कि इसके अलावा लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के आधार को मजबूत करने की आवश्यकता है। बसपा नेता ने कहा कि उन्होंने अभी इस्तीफे के फैसले के बारे में मायावती को सूचित नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, अभी मैंने उन्हें सूचित नहीं किया है। मैं मीडिया के सामने आया हूं। अब मैं बहन जी (मायावती) को बताऊंगा।’’
महेश ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि वह उनके इस्तीफे पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की गठबंधन सरकार को उनका समर्थन जारी रहेगा।
महेश ने कहा, ‘‘सरकार में किसी के भी खिलाफ मेरे मन में कोई रोष नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मंत्री के रूप में मैंने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए और समूचे राज्य का भ्रमण किया। यह इस्तीफा पूरी तरह व्यक्तिगत कारणों से है।’’
राज्य में मई में हुआ विधानसभा चुनाव बसपा ने जनता दल (एस) के साथ मिलकर लड़ा था। खंडित जनादेश के बाद जनता दल (एस) और कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए आपस में हाथ मिला लिए थे।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)