लोकसभा चुनावः सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में भाजपा पर भारी सपा-बसपा गठबंधन का जातीय समीकरण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 2, 2019 02:27 PM2019-05-02T14:27:04+5:302019-05-02T15:20:24+5:30

सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा से जुड़ी इस सीट पर एक साल पहले हुए उपचुनाव में सपा ने जिस जातीय समीकरण को साधकर भाजपा को मात दी थी, उसी को आधार पर बनाकर गठबंधन एक बार फिर उलटफेर करने की कोशिश हैं। वैसे, उपचुनाव से सबक लेते हुए भाजपा की स्थानीय इकाई भी सपा-बसपा के जातिगत गणित को विफल करने में जुटी हुई है।

lok sabha election 2019 BJP fields Bhojpuri superstar Ravi Kishan from Gorakhpur. | लोकसभा चुनावः सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में भाजपा पर भारी सपा-बसपा गठबंधन का जातीय समीकरण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर। देखना है कि कौन बाजी मारता है।

Highlightsभाजपा ने भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रवि किशन को उम्मीदवार बनाया है तो सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से राम भुआल निषाद चुनावी मैदान में।गोरखपुर लोकसभा सीट पर 19 मई को मतदान होना है। योगी की प्रतिष्ठा दांव पर।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में इस बार के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन का जातीय समीकरण भाजपा के लिए चुनौती बनता दिख रहा है । हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी को उम्मीद है कि मोदी-योगी की लोकप्रियता, राष्ट्रवाद से जुड़े मुद्दों औेर अभिनेता रवि किशन की स्टार पावर की बदौलत वह पूर्वांचल की इस महत्वपूर्ण सीट पर आसानी से जीत दर्ज कर लेगी।

योगी की प्रतिष्ठा से जुड़ी इस सीट पर एक साल पहले हुए उपचुनाव में सपा ने जिस जातीय समीकरण को साधकर भाजपा को मात दी थी, उसी को आधार पर बनाकर गठबंधन एक बार फिर उलटफेर करने की कोशिश हैं। वैसे, उपचुनाव से सबक लेते हुए भाजपा की स्थानीय इकाई भी सपा-बसपा के जातिगत गणित को विफल करने में जुटी हुई है।

भाजपा ने इस सीट पर भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रवि किशन को उम्मीदवार बनाया है तो सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से स्थानीय निषाद नेता राम भुआल निषाद चुनावी मैदान में हैं। स्थानीय राजनीति से परिचित लोगों के मुताबिक इस सीट पर करीब 20 लाख मतदाता हैं, जिनमें निषाद वोटरों की संख्या साढ़े तीन लाख से अधिक है और यही इस चुनाव का परिणाम निर्धारित करने का एक मुख्य आधार पर भी होगा। वैसे , इस सीट पर करीब ढाई लाख ब्राह्मण, दो लाख से अधिक दलित, दो लाख से ज्यादा मुसलमान, लगभग दो लाख वैश्य, करीब दो लाख यादव तथा कई अन्य जातियों के मतदाता भी हैं।

योगी के गोरखपुर किले को एक बार फिर भेदने की उम्मीद में सपा-बसपा के रणनीतिकार

सपा-बसपा के रणनीतिकार इस सीट पर दलित, निषाद, यादव और मुसलमान वोटरों को एकसाथ अपनी तरफ लाकर योगी के इस किले को एक बार फिर भेदने की उम्मीद लगाए हुए हैं। सपा के जिला अध्यक्ष प्रह्लाद यादव का कहना है कि इस चुनाव का नतीजा सामाजिक समीकरण से ही तय होगा और 23 मई को एक बार फिर से लोग चौंक जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम कोई भी बात हवा में नहीं कर रहे हैं। जमीनी स्थिति यही है कि सामाजिक समीकरण गठबंधन के पक्ष में है। 23 मई को नतीजे आएंगे तो एक बार फिर लोग गोरखपुर के परिणाम से चौंक जाएंगे।’’

दूसरी तरफ, भाजपा को विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी की लोकप्रियता की वजह से हर जातीय समीकरण टूट जाएगा। पूर्वांचल के वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा, ‘‘इस बार मुद्दा नरेंद्र मोदी जी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनाने का है। लोग मोदी जी के लिए वोट कर रहे हैं। ऐसे में सपा-बसपा का जातिवादी गणित कहीं नहीं टिक पाएगा।’’

1991 से भाजपा का लगातार (2017 के उप चुनाव को छोड़कर) कब्जा रहा

गोरखपुर सीट पर 1991 से भाजपा का लगातार (2017 के उप चुनाव को छोड़कर) कब्जा रहा है। 1991 और 1996 के चुनाव में महंत अवैद्यनाथ ने भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की। फिर 1998 से 2014 तक इस सीट पर भाजपा की तरफ से ही योगी आदित्यनाथ विजयी होते रहे।

योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मार्च, 2018 में इस सीट पर हुए उप चुनाव में सपा के प्रवीण निषाद सांसद चुने गए, हालांकि अब वह भाजपा में शामिल हो गए हैं और गोरखपुर के निकट की सीट संत कबीर नगर से चुनाव लड़ रहे हैं। गठबंधन की तरफ से गोरखपुर में ‘बाहरी बनाम स्थानीय’ का मुद्दा बनाने की भी कोशिश हो रही है।

सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार राम भुआल निषाद का कहना है, ‘‘लोगों को तय करना है कि क्या वह एक ऐसे व्यक्ति (रवि किशन) को अपना प्रतिनधि चुनेंगे जो बाहरी है और चुनाव के बाद यहां नजर नहीं आएगा। मैं स्थानीय हूं और जनता के सुख-दुख में हमेशा शामिल रहूंगा।’’

दूसरी तरफ, रवि किशन ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा, ‘‘मैं इसी मिट्टी से जुड़ा हूं। मैंने यहां घर भी खरीद लिया है। चुनाव के बाद यही स्टूडियो बनेगा। यही फिल्मों की शूटिंग भी होगी और जनता की सेवा भी होगी।’’

गठबंधन इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार मधुसूदन तिवारी को भी अपने लिए फायदेमंद मानकर चल रहा है, हालांकि कांग्रेस का कहना वह किसी का वोट काटने के लिए नहीं बल्कि एक विकल्प के तौर पर चुनाव लड़ रही है। गौरतलब है कि गोरखपुर में 19 मई को मतदान होना है। 

English summary :
The caste equation of SP-BSP combine seems to be a challenge for the BJP in this Lok Sabha election in Gorakhpur, uttar pradesh. Although the ruling party hopes that the popularity of Modi-Yogi and the star power of actor Ravi Kishan, he will easily win this crucial seat of Purvanchal.


Web Title: lok sabha election 2019 BJP fields Bhojpuri superstar Ravi Kishan from Gorakhpur.