लोकसभा चुनाव 2019: भोपाल सीट पर बीजेपी में मचा घमासान, जानिए सुषमा स्वराज के बाद कौन लड़ेगा इस सीट से चुनाव

By राजेंद्र पाराशर | Published: March 13, 2019 05:14 AM2019-03-13T05:14:38+5:302019-03-13T05:14:38+5:30

भाजपा में नाराज वरिष्ठ नेताओं में शुमार बाबूलाल गौर ने एक बार फिर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है. गौर ने टिकट की दावेदारी करते हुए यहां तक कह दिया कि मेरे कारण ही पार्टी को 75 साल का फार्मूला खत्म करना पड़ा.

lok sabha election 2019: BJP contest bhopal seat madhya pradesh after sushama swaraj | लोकसभा चुनाव 2019: भोपाल सीट पर बीजेपी में मचा घमासान, जानिए सुषमा स्वराज के बाद कौन लड़ेगा इस सीट से चुनाव

लोकसभा चुनाव 2019: भोपाल सीट पर बीजेपी में मचा घमासान, जानिए सुषमा स्वराज के बाद कौन लड़ेगा इस सीट से चुनाव

भारतीय जनता पार्टी में भोपाल संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी को लेकर घमासान मच गया है. पार्टी के लिए यह पर एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ होती जा रही है. यहां पर केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और नरेन्द्र सिंह तोमर के नामों की चर्चा चलते ही स्थानीय को मौका देने की बात सामने आने लगी है. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के बाद पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता भी इस बात पर सहमत नहीं है कि भोपाल से किसी बाहरी को उम्मीदवार बनाया जाए.

भाजपा में नाराज वरिष्ठ नेताओं में शुमार बाबूलाल गौर ने एक बार फिर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है. गौर ने टिकट की दावेदारी करते हुए यहां तक कह दिया कि मेरे कारण ही पार्टी को 75 साल का फार्मूला खत्म करना पड़ा. उन्होंने कहा कि अब तक वे वर्षों तक विधानसभा में जाते रहे, अब दिल्ली की ओर रुख करना है. गौर ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पार्टी को भोपाल संसदीय क्षेत्र में स्थानीय कार्यकर्ता को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए. हालांकि उन्होंने किसी बाहरी नेता का नाम नहीं लिया जो यहां से टिकट का दावेदार हो. उन्होंने कहा कि वे भी कार्यकर्ता की भांति दावेदारी कर रहे हैं, पार्टी मौका देगी और वे चुनाव लड़ेंगे.

गुप्ता पहुंचे गौर के निवास पर

राज्य के पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता भी आज बाबूलाल गौर के निवास पर पहुंचे और उनके मुलाकात की. वैसे गुप्ता को गौर का समर्थक माना जाता रहा है. यहां पहुंचकर दोनों के बीच किन मुद्दों पर चर्चा हुई इसका तो दोनों नेताओं ने उल्लेख नहीं किया, मगर गुप्ता इस बात पर सहमत नजर आए कि भोपाल में स्थानीय को ही मौका मिलना चाहिए. गुप्ता ने कहा कि अगर पार्टी ने उन्होंने मौका दिया तो वे जरुर मैदान में होंगे. यहां उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव हारने के बाद से उमाशंकर गुप्ता भी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सक्रियता बढ़ाए हुए हैं. वे भी यहां से दावेदार हैं.

आलोक और ध्रुवनारायण भी हैं सक्रिय

संगठन द्वारा कराए सर्वे में जब वर्तमान सांसद आलोक संजर को कमजोर प्रत्याशी के रुप में आंका गया तब से भाजपा के गढ़ रहे भोपाल में दावेदारों की संख्या में इजाफा हुआ है. गौर के बाद उमाशंकर गुप्ता तो खुलकर दावेदारी कर रहे हैं. वहीं भोपाल महापौर आलोक शर्मा और पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह भी वरिष्ठ नेताओं के सहारे दावेदारी कर रहे हैं. आलोक पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समर्थक माने जाते हैं. वहीं ध्रुवनारायण सिंह संगठन के वरिष्ठ नेताओं के सहारे सक्रियता बढ़ाए हुए हैं.

सुषमा और नरेन्द्र सिंह के नाम आए सामने

केन्द्रीयमंत्रीद्वय सुषमा स्वराज और नरेन्द्र सिंह तोमर भी भोपाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरना चाह रहे हैं. सुषमा स्वराज वर्तमान में विदिशा से सांसद हैं, वे पहले स्वास्थ्यगत कारणों से चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं, मगर राष्ट्रीय नेतृत्व उन्हें भोपाल से मैदान में उतारने की तैयारी कर रहा है.वहीं केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर इस बार ग्वालियर सीट से चुनाव नहीं लड़कर सीट बदलना चाह रहे हैं. उन्होंने पहले अपनी पसंद भोपाल बताया था, हालांकि बाद में भोपाल के अलावा वे विदिशा से चुनाव लड़ने की इच्छा भी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने व्यक्त कर चुके हैं. हालांकि शाह ने ग्वालियर प्रवास के दौरान तोमर से यह भी पूछा था कि वे ग्वालियर से मैदान में क्यों नहीं उतर सकते?

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