लोकसभा चुनाव: बिहार के करीब आधा दर्जन बाहुबली नेता पत्नी के चेहरे को आगे रख पर्दे के पीछे से चुनाव में रहने वाले हैं!
By एस पी सिन्हा | Published: March 23, 2019 07:07 PM2019-03-23T19:07:55+5:302019-03-23T19:07:55+5:30
लोकसभा चुनाव में करीब आधा दर्जन बाहुबली नेता पत्नी के चेहरे को आगे रख पर्दे के पीछे से चुनाव लडेंगे. येन-केन-प्रकारेण चुनाव जीतने में लगे बड़े दलों को भी इनका समर्थन लेने से गुरेज नहीं. उनके लिए यह दाग अच्छे हैं!
बिहार में बाहुबलियों की चर्चा के बिना चुनाव की बात अधूरी है. एक वक्त सूबे के अलग-अलग हिस्सों में इनकी तूती बोलती थी. इनके इशारों पर ही उम्मीदवारों की जीत-हार तय होती थी. इसमें एनडीए ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बिहार की 40 में से 39 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. इसमें केवल 3 महिलाओं को जगह दी गई है. इन तीनों महिला उम्मीदवारों का कहीं-न-कहीं बाहुबली कनेक्शन है.
लेकिन इस लोकसभा चुनाव में करीब आधा दर्जन बाहुबली नेता पत्नी के चेहरे को आगे रख पर्दे के पीछे से चुनाव लडेंगे. येन-केन-प्रकारेण चुनाव जीतने में लगे बड़े दलों को भी इनका समर्थन लेने से गुरेज नहीं. उनके लिए यह दाग अच्छे हैं! बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में से करीब आधा दर्जन सीटों पर बाहुबली नेता की पत्नियां बड़े दलों से संभावित उम्मीदवार हैं.
कविता सिंह बनाम हिना शहाब
सीवान लोकसभा क्षेत्र से ही बाहुबली पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब महागठबंधन की उम्मीदवार बताई जा रही हैं. उनके मुकाबले में मौजूदा भाजपा सांसद ओमप्रकाश का टिकट काट कर जदयू की ओर से बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है.
ऐसे में सीवान सीट एक बार फिर से चर्चा में है. यूं तो इस सीट की पहचान बाहुबली शहाबुद्दीन के कारण होती है, लेकिन इस बार यहां मुकाबला 'मिसेज बाहुबली' बनाम 'मिसेज बाहुबली' यानी दो बाहुबलियों की पत्नी के बीच है. यूपी की सीमा से लगे इस सीट से जदयू ने बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता देवी को टिकट देकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है. पितृपक्ष में शादी कर चुनाव जीतकर सुर्खियों में आने वाली कविता का इस सीट पर मुकाबला शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब से होगा.
नीतीश कुमार का आशीर्वाद
बाहुबली अजय सिंह की पत्नी 8 साल पहले सुर्खियों में आई थीं जब नई नवेली दुल्हन बन कर वो सीएम नीतीश कुमार से आशीर्वाद लेने पहुंची थीं. अपनी मां और तब की विधायक जगमातो देवी की मौत के बाद जुलाई 2011 में अजय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. तब अजय ने अपनी मां की मौत से रिक्त हुई इस सीट पर जदयू का टिकट मांगा था लेकिन उनकी आपराधिक छवि को ध्यान में रख कर जदयू ने उनको टिकट नहीं दिया था. कहा जाता है कि तब नीतीश ने अविवाहित अजय सिंह को पढ़ी-लिखी और 25 वर्ष की उम्र पूरी कर चुकी लड़की से शादी करने की सलाह दी थी.
नीतीश के सलाह पर टिकट की खातिर पितृपक्ष में ही अजय सिंह ने कविता से विवाह किया. ये विवाह उस वक्त सुर्खियां बटोर रहा था. तब कविता को दरौंदा उपचुनाव में जदयू का उम्मीदवार बनाया गया और वो जीत कर विधायक बन गईं. आठ साल पहले 2011 में सीवान के दरौंदा उपचुनाव में कविता सिंह 20 हजार वोटों से चुनाव जीत गई थीं.
अजय सिंह की छवि आपराधिक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाह पर विवाह कर पत्नी को जीत दिलाने वाले अजय उनको लेकर सीधे आशीर्वाद लेने पटना पहुंच गए थे. 2015 में भी कविता को जदयू ने दरौंदा सीट से टिकट दिया और वह चुनाव जीत गईं. अजय सिंह की छवि इलाके में डॉन की है और उनपर हत्या, अपहरण समेत करीब तीस संगीन मामलों में आरोप हैं. इस बार लोकसभा के सीटों के बंटवारे में ये सीट जदयू के खाते में गई तो उसे कविता सिंह से बेहतर इस इलाके में कोई उम्मीदवार नहीं लगा.
दरअसल इस सीट से राजद भी शहाबुद्दीन की पत्नी को टिकट दे रहा है ऐसे में जदयू ने अजय सिंह और कविता सिंह पर दांव खेला है. कविता जदयू से टिकट पाने वाली एक मात्र महिला उम्मीदवार हैं और माना जा रहा है कि दो बाहुबली नेताओं की पत्नी के बीच सीवान सीट पर मुकाबला काफी रोचक होगा.
मुंगेर से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी
इसी तरह मुंगेर सीट पर कांग्रेस से मोकामा के निर्दलीय बाहुबली विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को उतारा जा सकता है. नवादा सीट से बाहुबली पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी की जगह इस बार उनके भाई को टिकट दिया गया है. वहीं, शिवहर सीट से आनंद मोहन की पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद, जबकि सुपौल से सांसद पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस से टिकट की दौड़ में काफी आगे हैं.
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने वैशाली लोकसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक और लोजपा नेता दिनेश सिंह की पत्नी वीणा सिंह को उम्मीदवार बनाया है. वीणा सिंह मुजफ्फरपुर के गायघाट से विधायक रही हैं. फिलहाल वीणा सिंह को यह टिकट वैशाली के मौजूदा बाहुबली सांसद रामा सिंह को हटा कर दी गई है.
कई बाहुबली कतार में
बाहुबली कहे जाने वाले ये नेता कई लोकसभा सीटों पर खुद भी दावेदारी कर रहे हैं. इनमें मधेपुरा के वर्तमान सांसद पप्पू यादव, वैशाली के सांसद रामा किशोर सिंह, पूर्व सांसद साधु यादव, पूर्व विधायक सुनील पांडेय, मुन्ना शुक्ला और राजन तिवारी के नाम शामिल हैं. इन नेताओं पर हत्या-रंगदारी सहित कई गंभीर मामले चल रहे हैं. पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन तेजस्वी यादव की हरी झंडी नहीं मिलने के कारण अब वह खुद अपनी पार्टी जाप के टिकट पर चुनाव मैदान में होंगे.
इसी तरह राजद शासनकाल में चर्चित रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े साले साधु यादव पूर्वी चंपारण या पश्चिमी चंपारण से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. वहीं, पिछले लोकसभा चुनाव में राजद के वरिष्ठ नेता डा. रघुवंश सिंह को हरा कर लोजपा सांसद बने रामा सिंह इस बार राजद के टिकट पर शिवहर से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.
अजीत सरकार हत्याकांड से सुर्खियों में आये पूर्व बाहुबली विधायक राजन तिवारी पश्चिमी चंपारण से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. वैसे तरारी (भोजपुर) के पूर्व बाहुबली विधायक सुनील पांडेय आरा लोकसभा सीट के लिए दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनको किसी दल से आश्वासन नहीं मिला है.