लोकसभा चुनाव में इस सीट पर रहता है BJP और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला, इस बार भी दिलचस्प होगी फाइट?

By रामदीप मिश्रा | Published: February 5, 2019 03:29 PM2019-02-05T15:29:26+5:302019-02-05T15:29:26+5:30

चुनाव आयोग के मुताबिक, 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल वोटर्स की संख्या 16 लाख, 84 हजार, 860 थी। जिसमें से 9 लाख, 60 हजार, 66 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और 56.98 फीसदी वोटिंग हुई थी।

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लोकसभा चुनाव में इस सीट पर रहता है BJP और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला, इस बार भी दिलचस्प होगी फाइट?

Highlightsभरतपुर सूबे का एक प्रमुख शहर है। यहां की खूबसूरती देश का सबसे प्रसिद्ध पक्षी उद्यान है।भरतपुर लोकसभा सीट पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां पहली बार साल 1952 में चुनाव हुए थे।यहां 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल वोटर्स की संख्या 16 लाख, 84 हजार, 860 थी।

राजस्थान के भरतपुर की लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच है। वहीं, बहुजन समाजवादी पार्टी (बीएसपी) तीसरी बड़ी पार्टी है और आम आदमी पार्टी (आप) चौथे स्थान पर है। यहां वर्तमान में बीजेपी से बहादुर सिंह कोली सांसद हैं। इस सीट से कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट सांसद रहे हैं। आइए आज आपको बताते हैं कि इस सीट के बारे में और कैसी अब तक यहां चुनावी जंग रही है...

भरतपुर जिले के बारे में जानें

भरतपुर सूबे का एक प्रमुख शहर है। यहां की खूबसूरती देश का सबसे प्रसिद्ध पक्षी उद्यान है, जोकि विश्‍व धरोहर सूची में शामिल है और यहां इस स्थान पर प्रवासी पक्षियों का भी बसेरा है। इस शहर का नाम भगवान राम के भाई भरत के नाम पर पड़ा और भरतपुर की स्थापना जाट शासक राजा सूरजमल ने की थी। यह उस समय में जाटों का गढ़ था। भरतपुर के क्षेत्र में राष्ट्रीय उद्यान के अलावा गंगा महारानी मंदिर, बांके बिहारी मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, लोहागढ़ किला, डीग के महल और डीग का किला प्रसिद्ध हैं, जोकि इसे खूबसरत बनाते हैं। 

1957 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जीती

भरतपुर लोकसभा सीट पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां पहली बार साल 1952 में चुनाव हुए थे, जिसमें निर्दलीय प्रत्याशी गिरीराज सरन सिंह ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 1957 में कांग्रेस ने अपना खाता खोला था और राज बहादुर जीते थे। फिर 1962 के चुनाव में भी कांग्रेस ने जीत हासिल की और राज बहादुर ही सांसद रहे। 1967 में बिजेन्द्र सिंह निर्दलीय जीते, 1971 के चुनाव में फिर से कांग्रेस ने वापसी की, लेकिन 1977 के चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा और भारतीय लोक दल के प्रत्याशी राम किशन जीते।

राजेश पायलट 1980 में जीते

वर्तमान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट ने 1980 के चुनाव में जीत दर्ज की और उन्होंने कांग्रेस से चुनाव लड़ा। इसके बाद 1984 के चुनाव में भी कांग्रेस ने विजय पताका फहराया। 1989 में जनता दल जीती। 1991 में बीजेपी ने पहली बार जीत हासिल की। 1996 के चुनाव में भी बीजेपी ने सीट पर जीत बरकरार रखी और 1998 में फिर कांग्रेस ने वापसी की। इसके बाद 1999 और 2004 के चुनाव में बीजेपी ने सीट जीती। 2009 के चुनाव में कांग्रेस लौटी और 2014 के चुनाव में फिर बीजेपी ने सीट जीती। कुल मिलाकर भरतपुर लोकसभा सीट से सात बार कांग्रेस जीती है, जबकि बीजेपी पांच बार इस सीट को हासिल कर चुकी है। 

2014 के लोकसभा चुनाव के आंकड़े 

चुनाव आयोग के मुताबिक, 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल वोटर्स की संख्या 16 लाख, 84 हजार, 860 थी। जिसमें से 9 लाख, 60 हजार, 66 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और 56.98 फीसदी वोटिंग हुई थी। बीजेपी के खाते में 5 लाख, 79 हजार, 825 वोट गए थे। वहीं, कांग्रेस को 3 लाख, 34 हजार, 357 वोट मिले थे। बीजेपी के उम्मीदवार बहादुर सिंह कोली ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सुरेश जाटव को 2 लाख, 45 हजार, 468 वोटों के अंतर से हराया था। 

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