लोकसभा चुनाव से पहले फिर छिड़ेगी अखिलेश-शिवपाल जंग, देवरानी लड़ सकती है डिंपल यादव के खिलाफ चुनाव?
By जनार्दन पाण्डेय | Published: November 14, 2018 11:02 AM2018-11-14T11:02:31+5:302018-11-14T11:02:31+5:30
अपर्णा यादव, मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता से हुए बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। प्रतीक राजनीति में बहुत दिलचस्पी नहीं रखते हैं। लेकिन अपर्णा शुरुआती दिनों से ही राजनैतिक महत्वकांक्षा रखती आई हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के ऐन पहले शुरू हुई चाचा-भतीजे की लड़ाई सुलझने के बजाए और गहराती जा रही है। अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की वजह से शुरू हुई परिवार की लड़ाई अब खुलकर और आमने-सामने लड़ी जाएगी, ऐसी कई चर्चाएं सियासी गलियारे में तैर रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2019 में इसका सबसे चरम रूप देखा जा सकता है।
इन चर्चाओं का आधार शिवपाल यादव की सियासी तेजी और अखिलेश यादव की ओर से दिए जाने वाले उनके जवाब हैं। फिलहाल इस खेमेबंदी का बड़ा शिकार मुलायम सिंह यादव की दोनों बहुएं हो सकती हैं।
असल में शिवपाल सिंह यादव समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा को बड़ी पार्टी बनाने की होड़ में लग गए हैं। इसके लिए वे अपने वे सभी गढ़ और मजबूत करना चाहते हैं जहां उनके समर्थक हैं। संयोग से उनके ज्यादातर समर्थक और गढ़ वही हैं जो समाजवादी पार्टी के हैं। क्योंकि शिवपाल सिंह यादव, समाजवादी पार्टी का अभिन्न हिस्सा माने जाते थे और उन्होंने संगठन को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ऐसे में वे अपने सभी समर्थक अब समाजवादी पार्टी से काटकर समावादी सेक्यूलर मोर्चा की ओर मोड़ना चाहते हैं। इसमें सबसे अहम बात यह हो रही है कि अब सपा के प्रमुख नेताओं के सामने समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा के प्रमुख नेताओं को उतारने की तैयारी चल रही है। इसमें सबसे पहला नाम आ रहा है कन्नौज से अपर्णा यादव को मैदान में उतारने की।
उल्लेखनीय है कि अलिखेश यादव की पत्नी डिंपल यादव पहले से ही कन्नौज से सांसद हैं। कन्नौज सपा का गढ़ रहा है। 2014 के मोदी लहर में भी डिंपल यह सीट जीतने में सफल रही थीं। लेकिन अब उनका काट कोई और नहीं खुद उनकी देवरानी अपर्णा यादव हो सकती हैं।
अपर्णा हैं महत्वकांक्षी, राजनीति में बनाना चाहती हैं बड़ा नाम
अपर्णा यादव, मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता से हुए बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। प्रतीक राजनीति में बहुत दिलचस्पी नहीं रखते हैं। लेकिन अपर्णा शुरुआती दिनों से ही राजनैतिक महत्वकांक्षा रखती आई हैं। उन्होंने 2017 विधानसभा चुनाव में सपा की सीट लखनऊ कैंट सीट पर चुनाव भी लड़ा था, पर बीजेपी उम्मीदवा रीता बहुगुणा जोशी से चुनाव हार गई थीं।
अब वह सपा के साथ ना होकर चाचा शिवपाल यादव के समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा की तरफ हैं। उन्होंने अक्टूबर महीने हुई पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी को और आगे बढ़ाने की अपील की थी।
Yahan 24 rajneetik daloon ki baithak bulayi thi,sab agar ek saath aajayen toh woh ek shakti ban jaayegi.Shakti ko ekatha karen aur iss dal ko bal mein badal dijiye.Mein chahti hun ki Secular Morcha mazboot ho,mazbooti ke saath apne loktantra ko mazboot karen:Aparna Yadav (13 Oct) pic.twitter.com/RgVeHE6CGT
— ANI UP (@ANINewsUP) October 14, 2018
इसके अलावा ऐसे चर्चे भी जन्म ले रहे हैं कि शिवपाल यादव अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। मुलायम फिलहाल आजमगढ़ से सांसद हैं।
तर्क है कि पहले मुलायम का आशीर्वाद शिवपाल को प्राप्त था। लेकिन बाद में मुलायम ने खेमा बदल लिया और अब उनका आशीर्वाद अलिखेश को प्राप्त है। ऐसे में शिवपाल उनके सीधे ही दो-दो हाथ की तैयारी में हैं।