...तो क्या इस बार चंद्रबाबू नायडू के हाथ से गया आंध्र प्रदेश?

By रोहित कुमार पोरवाल | Published: April 9, 2019 05:05 PM2019-04-09T17:05:17+5:302019-04-09T18:33:16+5:30

Lok Sabha Election 2019: पदयात्रा से मिली जन सहानुभूति और पिछले बार के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों का निचोड़ निकालें तो जगन नायडू पर भारी लगते हैं। दरअसल, पिछली वार वाईएसआर और टीडीपी के बीच बहुत वोट शेयर में बहुत कम अंतर रहा था।

Lok Sabha Election 2019: Andhra Pradesh: Jagan Mohan Reddy may defeat Chandra Babu Naidu and Help Narendra Modi | ...तो क्या इस बार चंद्रबाबू नायडू के हाथ से गया आंध्र प्रदेश?

जगन मोहन रेड्डी और चंद्रबाबू नायडू। (फाइल फोटो)

Highlightsआंध्र प्रदेश में क्या इस बार जगन की आंधी में उड़ जाएंगी नायडू की उम्मीदें?पदयात्रा से लोगों के दिलों में जगह बनाने में काफी कामयाब रहे हैं जगन

Lok Sabha Election 2019: राहुल गांधी पीएम बन सकते हैं तो मेरा बेटा सीएम क्यों नहीं बन सकता? वाईएसआर कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष जगह मोहन रेड्डी की मां वाईएस विजयम्मा ने एक बार यह बात कही थी। आंध्र प्रदेश को लेकर आए कई चुनावी सर्वेक्षणों में जो नतीजे सामने आए हैं उनके मुताबिक विजयम्मा की कही बात सही साबित हो सकती है क्योंकि ज्यादातर सर्वे में जगन मोहन रेड्डी की आंधी बताई गई है। अगर ऐसा हेता है तो जगन का मुख्यमंत्री बनना और तेलुगू देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू की उम्मीदें टूटना तय है। 

जगन मोहन रेड्डी की आंधी के पीछे वजह है। पहले पिता और फिर बेटा तकरीबन पूरे आंध्र प्रदेश को पैदल नाप चुके हैं। 6 नवंबर 2017 को जगन ने करीब 3000 किलोमीटर लंबी 'प्रजा संकल्प यात्रा' के नाम से पद यात्रा शुरू की थी। खासकर उन्होंने आंध्र प्रदेश के एक भी तटीय इलाके को इस यात्रा में नहीं छोड़ा और जन-जन से मिले। उन्होंने जन-सरोकारों की बात कीं। किसानों को राहत देने की बात कीं। जगन का लोगों के बीच खासा और भावनात्मक स्वागत भी हुआ। 

गृह जिले कडप्पा से पद यात्रा शुरू कर इसे पूरा करने में जगन को 430 दिन लगे। इस दौरान वह 13 जिलों की सभी 175 विधानसभा सीटों में गए। 9 जनवरी 2019 को यह यात्रा समाप्त हुई। 

इसलिए किला फतह कर सकते हैं जगन

पदयात्रा से मिली जन सहानुभूति और पिछले बार के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों का निचोड़ निकालें तो जगन नायडू पर भारी लगते हैं। दरअसल, पिछली वार वाईएसआर और टीडीपी के बीच वोट शेयर में बहुत कम अंतर रहा था। 2014 के चुनाव में टीडीपी और उसकी सहयोगी पार्टी को 47.7 फीसदी वोट शेयर मिला था तो वाईएसआर कांग्रेस अकेले दम पर 45.4 फीसदी वोट शेयर हासिल करने में सफल रही थी। टीडीपी महज 2.3 फीसदी के मार्जिन से जीती थी जिसे पाटना जगन के लिए अबकी बार कठिन नहीं माना जा रहा है। वहीं, कभी सूबे को अपना गढ़ बना चुकी कांग्रेस को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा था। उसे महज 2.8 फीसदी वोट शेयर नसीब हुआ था।  

वहीं, सीटों के मामले में टीडीपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सूबे की 25 सीटों में से 15 जीती थीं, वाईएसआर कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं और बीजेपी ने 2 सीटों पर जीत हासिल की थी। 

मोदी के साथ जा सकते हैं जगन

तमाम सर्वेक्षणों के मुताबिक आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 में से 22-23 सीटों पर जगन की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी विजयी पताका फहरा सकती है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूर्ण बहुमत जुटाने में सफल नहीं हो पाती है तो जगन की पार्टी सशर्त एनडीए का दामन थाम सरकार बनाने में भूमिका निभा सकती है। उनके कांग्रेस में शामिल होने की भी अटकलें चल रही हैं। हालांकि, कांग्रेस से अलग होकर ही वाईएसआर कांग्रेस पार्टी वजूद में आई थी और सफलता भी अर्जित की थी। 

2009 में कांग्रेस के टिकट पर जगन ने आंध्रप्रदेश की कडप्पा सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद कांग्रेस से बगावत कर वह अलग हो गए थे और अपनी पार्टी पिता के नाम से शुरू कर चुनाव लड़ा और जीते। 2014 के चुनाव में जगन की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के वाईएस अविनाश रेड्डी ने यहां से चुनाव जीता था। 

पिता के पदचिन्हों पर नाप रहे सियासत का रास्ता

बता दें कि आंध्र प्रदेश में इस बार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ हो रहे हैं। राज्य की 25 लोकसभा और 175 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण यानी 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। कहा जा रहा है कि जगन की पैदल यात्रा ने राज्य की सियासत में खासा प्रभाव छोड़ा है। पदयात्रा की प्रेरणा के जगन ने अपने दिवंगत पिता वाईएसआर राजशेखर रेड्डी से ली। 

2009 में हवाई दुर्घटना में जान गंवाने वाले जगन के पिता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएसआर राजशेखर रेड्डी ने भी 2003 में सूबे में करीब 1600 किलोमीटर की पद यात्रा की थी और इस दौरान वह ग्रामीणों और किसानों में अपनी छवि चमकाने में सफल रहे थे। उस दौरान मुफ्त बिजली देने और ऋण माफी जैसे वादे किए थे। नतीजतन 2004 के चुनाव में वह सूबे में कांग्रेस को सत्ता में लाने में सफल रहे थे। 

चंद्रबाबू के बयान भी जगन के लिए हो सकते हैं फायदेमंद

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के भड़काऊ बयान भी जगन को फायदा पहुंचा सकते हैं। सोमवार (8 अप्रैल) को मचिलीपटनम में एक चुनावी सभा के दौरान चंद्रबाबू नायडू ने वाईएसआर कांग्रेस अध्यक्ष जगन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्र शेखर राव को पीएम नरेंद्र मोदी का पालतू कुत्ता बता दिया। रैली में उन्होंने कहा कि बेशर्म जगन और केसीआर मोदी के पालतू कुत्ते हैं जो एक बिस्किट के लिए घुटनों पर बैठे रहेंगे। वो आपको भी बिस्किट देने की कोशिश करेंगे, होशियार रहिए। चंद्रबाबू ने मोदी द्वारा जगन के लिए फंडिंग किए जाने के आरोप भी लगाए और कहा कि उन्हें एक वोट भी नहीं मिलेगा। 

चिंरजीवी के भाई पवन कल्याण भी हो सकते हैं किंगमेकर

आंध्र प्रदेश में इस बार लोकसभा की तीन और विधानसभा की सभी 175 सीटों पर अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण ने अपनी पार्टी जन सेना पार्टी के उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। पहले वह अपने भाई चिरंजीवी की पार्टी प्रजा राज्यम के लिए काम कर रहे थे जिसका विलय कांग्रेस में हो चुका है। 2014 में पार्टी का गठन कर पवन कल्याण ने बीजेपी और तेलुगू देशम पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया था। उनकी पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ा था। इस बार कहा जा रहा है कि अगर जन सेना पार्टी 10 फीसदी वोट शेयर भी हासिल करती है तो किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है। हालांकि, कयास यही लगाए जा रहें है कि पवन कल्याण एनडीए का दामन ही थामेंगे।

जगन कोर्च-कचहरी के चक्कर और झेल चुके हैं जानलेवा हमला

बता दें कि संपत्ति में बेहिसाब इजाफे और गबन के आरोपों के चलते जगन जेल भी जा चुके हैं। वह सीबीआई कोर्ट में हाजिर होने के लिए हैदराबाद के लिए फ्लाइट पकड़ने जा रहे थे तो 25 अक्टूबर 2018 को विशाखापट्टनम की वीआईपी लाउंज नें उन पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया गया था। उनके कंधे में जख्म हो गया था जिसकी सर्जरी हुई थी। इस पर उन्हें लोगों की गहरी सहानुभूति मिली। 

यूपीए सरकार के अलग राज्य तेलंगाना के बनाने के खिलाफ जगन अनिश्चकालीन भूख हड़ताल पर भी बैठे थे लेकिन ब्लड प्रेशर और सुगर लेवल नीचे जाने के कारण उनका अनशन टूट गया था। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जगन पर गबन के अलावा उनके चाचा की हत्या का आरोप भी लग चुका है।

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