महागठबंधन में सीटों का फार्मूला तय, शरद यादव को सीट मिलने की उम्मीद कम, ऊहापोह की स्थिति
By एस पी सिन्हा | Published: February 9, 2019 07:41 AM2019-02-09T07:41:41+5:302019-02-09T07:41:41+5:30
मुकेश सहनी के अनुसार उनकी वीआईपी पार्टी को 3, उपेन्द्र कुशवाहा की रालोसपा बिहार में 5 और झारखण्ड में 01 सीट पर, जीतन राम मांझी की पार्टी हम 02 सीट पर और बीएसपी 02 सीटों पर और वाम दल 02 सीट पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कम से कम 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
बिहार में महागठबंधन के अन्दर सीटों के बंटवारे का फार्मूला क्या तय कर लिया गया है?सबसे खास बात यह बताई जा रही है कि शरद यादव की पार्टी को अलग से कोई सीट नहीं मिली है. जबकि कांग्रेस को मात्र 8 सीटों पर सीमटा दिये जाने की तैयारी है. महागठबंधन के घटक दल वीआईपी पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष मुकेश सहनी के अनुसार महागठबंधन में कांग्रेस को छोडकर बाकी दलों के बीच सीटों का बटवारा हो चूका है.
मुकेश सहनी के अनुसार उनकी वीआईपी पार्टी को 3, उपेन्द्र कुशवाहा की रालोसपा बिहार में 5 और झारखण्ड में 01 सीट पर, जीतन राम मांझी की पार्टी हम 02 सीट पर और बीएसपी 02 सीटों पर और वाम दल 02 सीट पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कम से कम 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए महागठबंधन में 8 से ज्यादा सीट नहीं बचा है.
वहीं, राजद के प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष राम चंद्र पूर्वे ने यह कहा है कि राजद 20 से 22 सीटों पर लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेगी. ऐसे में उन्होंने यह साफ संकेत दे दिया है कि कांग्रेस के लिए महागठबंधन में 7 से ज्यादा सीट नहीं है. रामचंद्र पूर्वे का कहना है कि राजद का प्रदेश में व्यापक जनाधार है और वह इतना डिजर्व करती है.
सूत्रों के अनुसार. अगर राजद 17 सीटों पर चुनाव लडने को तैयार भी हो गया तो भी कांग्रेस के लिए 9 से ज्यादा सीट का कोई उम्मीद नहीं बन पा रहा है. लेकिन सूत्रों के अनुसार कांग्रेस 10 से कम सीट पर समझौता करने को तैयार नहीं है. कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि सम्मानजनक समझौता नहीं होने पर तीन राज्यों के चुनाव में सफलता मिलने से जो ग्राफ राहुल गांधी का ग्राफ बढा है, वह नीचे गिर जाएगा.
वहीं, शरद यादव के बारे में कहा जा रहा है कि वह रालोसपा के 5 में से एक सीट पर वह चुनाव लड सकते हैं या फिर राजद के चुनाव चिन्ह पर मधेपुरा से चुनाव लड सकते हैं. सूत्रों के अनुसार राजद शरद यादव को उनकी पार्टी के सिम्बल पर चुनाव लडने का मौका नहीं देगी.
अगर शरद यादव उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लडते हैं तो रालोसपा की एक सीट कम हो सकती है. इसतरह महागठबंधन में सीटों को लेकर अभी तय कोई अधिकारिक फार्मूला तय नही हो पाया है. ऐसे में सभी अपनी डफली अपना राग वाली स्थिती से गुजर रहे हैं.