लोकसभा चुनावः इस हॉट सीट पर कांग्रेस और BJP के बीच कड़ा मुकाबला, BSP उतरी तो बिगड़ेगा खेल 

By रामदीप मिश्रा | Published: March 18, 2019 04:24 PM2019-03-18T16:24:46+5:302019-03-18T16:24:46+5:30

करौली-धौलपुर लोकसभा सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई और अनुसू्चित जाति के लिए आरक्षित है। यहां से  मनोज राजोरिया सांसद हैं। इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का गठन करौली जिले की चार विधानसभा सीटों और धौलपुर जिले की चार विधानसभा सीटों को मिलाकर किया गया है।

lok sabha chunav 2019: karauli dholpur parliament seat history and congress bjp fight | लोकसभा चुनावः इस हॉट सीट पर कांग्रेस और BJP के बीच कड़ा मुकाबला, BSP उतरी तो बिगड़ेगा खेल 

लोकसभा चुनावः इस हॉट सीट पर कांग्रेस और BJP के बीच कड़ा मुकाबला, BSP उतरी तो बिगड़ेगा खेल 

Highlightsकरौली-धौलपुर लोकसभा सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई और अनुसू्चित जाति के लिए आरक्षित है।इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का गठन करौली जिले की चार विधानसभा सीटों और धौलपुर जिले की चार विधानसभा सीटों को मिलाकर किया गया है। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 15 लाख, 44 हजार, 876 थी।

राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है और करौली-धौलपुर लोकसभा सीट के लिए सूबे के प्रमुख दल कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरे दमखम के साथ मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में जुटे हुए हैं। यह लोकसभा सीट पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का ससुराल होने की वजह से हॉट सीट बनी हुई है। सूबे की अन्य सीटों की अपेक्षा यहां मुकाबला कड़ा देखा जाता रहा है और जीत-हार का फासला बहुत कम है। हालांकि इस क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा ज्यादा रहा है। बता दें, सूबे में 25 लोकसभा सीटों के लिए दो चरणों में चुनाव करवाए जाएंगे और करौली-धौलपुर सीट पर छह मई को मतदान कराया जाएगा।

करौली-धौलपुर लोकसभा सीट 

करौली-धौलपुर लोकसभा सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई और अनुसू्चित जाति के लिए आरक्षित है। यहां से  मनोज राजोरिया सांसद हैं। इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का गठन करौली जिले की चार विधानसभा सीटों और धौलपुर जिले की चार विधानसभा सीटों को मिलाकर किया गया है। इसमें करौली जिले की टोडाभीम, हिंडौन, करौली, सपोतरा और धौलपुर जिले की बसेड़ी, बारी, धौलपुर और राजाखेड़ा विधानसभा सीटें शामिल हैं। बीते साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस ने बाजी मारी है। कांग्रेस ने 8 विधानसभा सीटों में से 7 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि बीजेपी महज 1 सीट पर सिमट गई। वहीं, अभी तक यहां दो बार लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी विजयी हुई है। 

पार्टियां खोज रहीं जिताऊ उम्मीदवार

बताते चलें जब से लोकसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंका गया है तब से कांग्रेस व बीजेपी दोनों ही पार्टियां जिताऊ उम्मीदवार को खोजने के लिए पसीना बहा रही हैं। इसके लिए पार्टियां धरातलीय सर्वे के अलावा कई तरह का मंथन करने में लगी हुई हैं। हालांकि, कहा जा रहा है कि अगर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने करौली-धौलपुर लोकसभी सीट पर अपना प्रत्याशी उतारा तो यहां समीकरण भी प्रभावित हो सकते हैं। बरहाल, बीजेपी और कांग्रेस अपने पुराने प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी या फिर किसी नए चेहरे को जगह दी जाएगी, यह अभी भविष्य के गर्भ में है।

करौली-धौलपुर लोकसभा सीट का इतिहास

करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर पहली बार चुनाव 2009 में हुआ और कांग्रेस ने जीत हासिल की और खिलाड़ीलाल बैरवा सांसद चुनकर सभा पहुंचे। वहीं, इस चुनाव में बीजेपी ने मनोज राजोरिया को मैदान में उतारा, जिन्हें बैरवा ने 29 हजार से अधिक वोटों से हराया। हालांकि साल 2014 के लोकसभा चुनाव के में मोदी लहर के चलते एक बार फिर बीजेपी ने मनोज राजोरिया पर ही दांव आजमाया और कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसद खिलाड़ीलाल बैरवा की जगह नए उम्मीदवार लक्खिराम बैरवा को चुनावी मैदान में उतारा, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा।

लोकसभा चुनाव के आंकड़े

चुनाव आयोग के अनुसार, 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 15 लाख, 44 हजार, 876 थी। इनमें से 8 लाख, 45 हजार, 110 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था और 54.70 फीसदी वोटिंग हुई थी। बीजेपी के उम्मीदवार मनोज राजोरिया के खाते में 4 लाख, 2 हजार, 407 वोट गए थे। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार लक्खिराम को 3 लाख, 75 हजार, 191 वोट मिले थे। कुल मिलाकर बीजेपी ने कांग्रेस को 27 हजार, 216 वोटों से हराया था। 

Web Title: lok sabha chunav 2019: karauli dholpur parliament seat history and congress bjp fight