लोकसभा चुनाव 2019: हिंदी हार्टलैंड के इन 117 सीटों पर भाजपा को हराना मुश्किल, जानिए क्या है कारण

By विकास कुमार | Published: February 20, 2019 03:39 PM2019-02-20T15:39:44+5:302019-02-20T15:39:44+5:30

खैर, 2014 चुनाव में जीत के पीछे एक और मात्र एक ही कारण था जिसे मीडिया में प्रायः मोदी लहर के नाम से जाना जाता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर नहीं होने के बावजूद भी किसी भी पार्टी के लिए इतने बड़े अंतर को पाटना मुश्किल होगा.

LOK SABHA 2019: 117 seats in hindi hartland BJP will not able to loose this time also | लोकसभा चुनाव 2019: हिंदी हार्टलैंड के इन 117 सीटों पर भाजपा को हराना मुश्किल, जानिए क्या है कारण

लोकसभा चुनाव 2019: हिंदी हार्टलैंड के इन 117 सीटों पर भाजपा को हराना मुश्किल, जानिए क्या है कारण

Highlights5 सीटें ऐसी थी कि जहां बीजेपी के उम्मीदवार 5 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते थे और 8 सीटों पर 4 लाख वोट के ज्यादा अंतर से चुनाव जीता था. 29 लोकसभा की सीटों पर जीत का अंतर 3 लाख से ज़्यादा तथा 75 सीटों पर जीत का अंतर 2 लाख वोटों से ज़्यादा था. 

देश में लोकसभा चुनाव में अब 2 महीने से भी कम का समय रह गया है, ऐसे में तमाम पार्टियां अपने जीत को सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक समीकरणों को साधने में जुट गए हैं. भाजपा ने  शिवसेना और एआइएडीएमके के साथ गठबंधन करने के बाद महाराष्ट्र और तमिलनाडु में अपनी जीत को पुख्ता करने का प्रयास किया है तो वहीं कांग्रेस ने भी डीएमके के साथ गठबंधन किया है. 2014 के लोकसभा चुनाव को अगर देखा जाये तो बीजेपी की जीत के पीछे का सबसे बड़ा कारण हिंदी हार्टलैंड में कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों का चुनावी सफाया था. 

मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात में ऐसी 117 सीटें थीं जहां भाजपा ने 2 लाख के ज्यादा अंतर से चुनाव जीता था. 5 सीटें ऐसी थी कि जहां बीजेपी के उम्मीदवार 5 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते थे और 8 सीटों पर 4 लाख वोट के ज्यादा अंतर से चुनाव जीता था.  ठीक इसी तरह 29 लोकसभा की सीटों पर जीत का अंतर 3 लाख से ज़्यादा तथा 75 सीटों पर जीत का अंतर 2 लाख वोटों से ज़्यादा था. 

117 सीटें ऐसी थी जहां भाजपा के जीत का अंतर 2 लाख वोटों से भी ज़्यादा था. 29 सीटों पर 2014 में 3 लाख से ज्यादा वोटों पर भाजपा को जीत मिली थी जिसमें सबसे ज्यादा सीटें उत्तर प्रदेश से मिली थी. राजस्थान से 7 सीटें तथा मध्य प्रदेश से 3 तथा गुजरात से 2 सीटें मिली थी.

वहीं भाजपा 75 सीटों पर 2 लाख से ज़्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. यहां पर 15 सीटें भाजपा ने उत्तर प्रदेश से जीती थी. यहां की कुल 80 सीटों में से भाजपा और इसकी सहयोगी पार्टियों ने मिलकर 73 सीटें जीत ली थीं. इसी प्रकार गुजरात से 10, राजस्थान से 9 और मध्य प्रदेश से 8 सीटें भी भाजपा ने अपने झोली में लेने में कामयाबी हासिल की थी.   

खैर, 2014 चुनाव में जीत के पीछे एक और मात्र एक ही कारण था जिसे मीडिया में प्रायः मोदी लहर के नाम से जाना जाता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर नहीं होने के बावजूद भी किसी भी पार्टी के लिए इतने बड़े अंतर को पाटना मुश्किल होगा. 

Web Title: LOK SABHA 2019: 117 seats in hindi hartland BJP will not able to loose this time also