लॉकडाउन: अब तक देश में 2600 स्पेशल ट्रेन चलाई गई व 35 लाख प्रवासी मजदूरों को गृहराज्य पहुंचाया गया
By अनुराग आनंद | Published: May 23, 2020 04:31 PM2020-05-23T16:31:31+5:302020-05-23T17:19:49+5:30
देश भर में लॉकडाउन की वजह से लाखों लोग फंसे हुए थे, जिसे गृहराज्य पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाया जा रहा है।
नई दिल्ली: लॉकडाउन के बाद देश भर में फंसे लाखों लोगों को घर पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है। देश के गृहमंत्रालय ने कहा है कि अब तक देश में 2600 स्पेशल ट्रेन चलाई गई है और इसके माध्यम से 35 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गृहराज्य पहुंचाया गया है।
इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों में भोजन की कमी व आवश्यक वस्तुओं की कमी के बारे में अफवाह फैलाने वालों को पकड़ने के लिए जांच की जाए।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने कहा कि यदि हमें किसी भी राज्य सरकार को आवश्यकता होती है, तो हम राज्य के भीतर ट्रेनें चलाने के लिए भी तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले 10 दिनों के लिए लगभग 2600 ट्रेनें निर्धारित की गई हैं।
More than 2600 special trains have run till date, more than 35 Lakh migrants have availed the benefits of these trains: Punya Salila Srivastava, Joint Secretary, Ministry of Home Affairs (MHA) pic.twitter.com/Kf2xdNM0gU
— ANI (@ANI) May 23, 2020
बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों से लाखों की संख्या में बिहार पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए बिहार सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया है। दूसरे राज्यों से पैदल या ट्रेनों के जरिये बिहार पहुंचने वाले लोग अब अपने गृह जिले तक मुफ्त में पहुंचेंगे। दरअसल, अब प्रतिदिन 26 जिलों के लिए राज्य के विभिन्न जगहों से ट्रेन चलाई जा रही है जिसमें प्रवासी श्रमिकों को कोई किराया नहीं देना पड़ेगा। अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए बिहार सरकार द्वारा 26 अंतर जिला श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। इन ट्रेनों से हर दिन लगभग 42, 000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को विभिन्न जिलों के ठहराव स्टेशन पर पहुंचाया जा रहा है।
बता दें कि रेलवे ने एक मई से अब तक करीब 2600 श्रमिक विशेष ट्रेनों से 32 लाख प्रवासी कामगारों को उनके घरों तक पहुंचाया है। आधिकारिक आंकडों में यह जानकारी दी गई। श्रमिक विशेष ट्रेनें मुख्यत: राज्यों के अनुरोध पर चलाई जा रही हैं जो लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्यों तक भेजना चाहते हैं। रेलवे इन ट्रेनों को चलाने के कुल व्यय का 85 फीसद व्यय खुद वहन कर रही है शेष राशि राज्य दे रहे हैं। कुल 2,570 ट्रेनों में से 505 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य तक अभी नहीं पहुंची हैं शेष 2,065 रेलगाडियों ने अपनी यात्राएं पूरी कर ली हैं।
रेलवे के आंकडों के अनुसार उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 1246 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां पहुंची हैं, इसके बाद बिहार में 804 और झारंखड में 124 रेलगाड़ियां पहुंची हैं। वहीं गुजरात ने 759, महाराष्ट्र ने 483 और पंजाब ने 291 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रवासी कामगारों को रवाना किया है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार पैदल, साइकिलों से अथवा अन्य साधनों से अपने घरों के लिए रवाना होने लगे थे।
विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में अनेक प्रवासी कामगारों की मौत भी हुई। इसके बाद रेलवे ने एक मई से कामगारों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू किया।