लॉकडाउन: कोटा से छात्रों को लाने के लिए पप्पू यादव ने बिहार से भिजवाईं 30 बसें
By निखिल वर्मा | Published: April 30, 2020 01:56 PM2020-04-30T13:56:16+5:302020-04-30T13:56:16+5:30
कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से बिहार के हजारों बच्चे और लाखों मजदूर विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं. केंद्र सरकार के आदेश के बाद उन्हें लाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं.
जन अधिकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने की अपने स्तर से पहल की है। मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने जानकारी दी है कि वह छात्रों को वापस लाने के लिए कोटा में 30 बसें भेजवा रहे हैं। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील की है कि वह बसों को सेनेटाइज करवा कर छात्रों की सुरक्षित यात्रा का इंतजाम सुनिश्चित कराएं।
कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने में टालमटोल करने पर नीतीश सरकार की काफी आलोचना हुई है। यह मामला पटना हाईकोर्ट तक भी पहुंचा। पटना हाईकोर्ट ने दो दिन पहले को बिहार सरकार को निर्देश दिया कि यदि राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों में से कोई भी राज्य सरकार से किसी भी तरह की मदद चाहे तो सरकार को उनका ध्यान रखना चाहिए।
बिहार सरकार के पास धन नहीं है, मैं तन-मन-धन से हर बिहारी को बिहार लाने को प्रतिबद्ध हूं। कोटा से छात्रों को लाने हेतु वहां 30 बस लगवा दिया है।
— Sewak Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) April 30, 2020
राजस्थान के मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 जी से आग्रह है कि वह बस सेनेटाइज करवा कर, छात्रों की सुरक्षित यात्रा का इंतज़ाम सुनिश्चित कराएं। pic.twitter.com/oiCl3IyZXw
केंद्र सरकार कोरोना लॉकडाउन के दौरान देश भर में फंसे लाखों लोगों को राहत देने जा रही है। गृह मंत्रालय के ताजा आदेश के बाद अब अन्य राज्य में फंसे मजदूर, विद्यार्थी, तीर्थयात्री और पर्यटक जल्द ही अपने घर तक पहुंच सकेंगे। गृह मंत्रालय ने राज्यों को फंसे लोगों को लाने और ले जाने की व्यवस्था के लिए सीमित पाबंदियों के साथ गाइडलाइंस जारी किया है।
केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक, लोगों की आवाजाही के लिए बसों का उपयोग किया जा सकेगा। बसों को सैनिटाइज करने के बाद उसमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के मुताबिक ही लोगों को बिठाया जाएगा। कोई भी राज्य इन बसों को अपनी सीमा में प्रवेश करने से नहीं रोकेगा और उन्हें गुजरने की अनुमति देगा। घर पर पहुंचने के बाद लोगों की लोकल हेल्थ आथॉरिटीज की ओर से जांच की जाएगी।