Lockdown: मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने राज्यों को दी दिल्ली मॉडल अपनाने की सलाह, फीस बढ़ाने पर स्कूलों के खिलाफ होगी कार्रवाई
By एसके गुप्ता | Published: April 17, 2020 11:58 PM2020-04-17T23:58:45+5:302020-04-17T23:58:45+5:30
निशंक ने जिस दिल्ली मॉडल की बात की है उसमें स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि बढ़ाकर फीस लेने वाले, बच्चों का नाम काटने वाले या स्कूल स्टाफ की सैलेरी रोकने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अनुच्छेद 51-बी के तहत एक साल की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
स्कूलों की फीस वृद्धि को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राज्यों को दिल्ली मॉडल अपनाने की सलाह दी है। उन्होंने हालांकि दिल्ली का प्रत्यक्ष नाम लेकर कहा है कि कुछ राज्य अच्छा कर रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकारें स्कूलों से बात करें और उन्हें समझाएं कि संकट की इस घड़ी में स्कूल फीस बढ़ोतरी न करें और अभिभावकों से तीन महीने की फीस लेने की बजाए केवल एक महीने की ट्यूशन फीस ही लें।
निशंक ने जिस दिल्ली मॉडल की बात की है उसमें स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि बढ़ाकर फीस लेने वाले, बच्चों का नाम काटने वाले या स्कूल स्टाफ की सैलेरी रोकने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के अनुच्छेद 51-बी के तहत एक साल की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
अगर स्कूलों के नियम न मानने पर और मनमानी के कारण जान-माल की हानि होगी तो स्कूल प्रबंधन को दो साल का कारावास होगा।
दिल्ली के शिक्षा निदेशक बिनय भूषण ने जारी 8 पेज के आदेश में साफ कहा है कि स्कूलों को किसी भी मद में फीस नहीं बढ़ानी है। केवल ट्यूशन फीस लेनी है। तीन महीने की फीस एक साथ नहीं लेनी है। अगर कोई अभिभावक फीस नहीं भरता है तो नियमानुसार स्कूल खुलने के बाद 10 दिनों में फीस ली जा सकती है। किसी छात्र को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जाएगा और न ही छात्र का नाम काटा जाएगा। ऐसा नहीं करने पर स्कूल दंड भुगतने के लिए तैयार रहें।