लॉकडाउन कानून का उड़ा माखौल: कोटा से पटना पहुंच गई विद्यार्थियों से भरी बस, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के उड़े होश
By एस पी सिन्हा | Published: April 15, 2020 04:45 PM2020-04-15T16:45:27+5:302020-04-15T16:50:49+5:30
बिहार सरकार ने केंद्र को पत्र भेजकर कहा है कि बाहर पढ़ने वाले छात्रों को प्रदेश में आने से कोरोना संक्रमण और बढ़ सकता है. ऐसे में राजस्थान सरकार को वहीं पर छात्रों का ध्यान रखना चाहिए.
पटना: देश में लॉकडाउन कानून का पालन कितना हो पा रहा है, इसका खुलासा पटना में तब हुआ है. जब राजस्थान के कोटा से बच्चों को लेकर एक बस बिहार की राजधानी पटना पहुंच गया. ऐसे में प्रशासन की सख्ती का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है. एक हजार किमी दूर कोटा से एक बस पटना पहुंच गई. कहा जा रहा है कि इस बस में बिहार के कुछ रसुखदार लोगों के बच्चे थे. हालांकि इस बात का खुलासा नही हो पा रहा है इस भरी बस में कौन-कौन लोग सवार थे और वह कहां गए?
वहीं, पुलिस से सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के होश उड़ गये हैं. पटना पुलिस और जिला प्रशासन इस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटा है. लेकिन छात्रों से संबंधित कोई डाटा अधिकारियों को नहीं मिल सका है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन से संबंधित छात्रों की सूची मिलने के बाद उन्हें क्वारंटाइन कराने के साथ जांच की तैयारी की जाएगी. इसबीच बिहार सरकार ने इसको लेकर केंद्र सरकार के समक्ष आपत्ति जताई है. बिहार सरकार ने केंद्र को पत्र भेजकर कहा है कि बाहर पढ़ने वाले छात्रों को प्रदेश में आने से कोरोना संक्रमण और बढ़ सकता है. ऐसे में राजस्थान सरकार को वहीं पर छात्रों का ध्यान रखना चाहिए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोटा में कोचिंग करने के लिए हर साल बडी संख्या में बिहार के छात्र जाते हैं. इनमें से मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की कोचिंग करने वाले छात्र अधिक होते हैं. कोटा में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन की कोचिंग करवाने के लिए कई प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान हैं. लेकिन जब पूरे देश में संपूर्ण लॉक डाउन है तो ऐसे में कोटा से चलकर बस पटना कैसे पहुंच गई? जबकि प्रदेश में ही आना जाना संभव नहीं हो पा रहा है. शहर में ही निकलने पर पुलिस की लाठियां बरस रही है. ऐसे में बिहार सहित अन्य प्रदेशों में पुलिस की चौकसी का अंदाजा लगाया जा सकता है. छात्रों से भरी बस पटना कैसे पहुंच गई? यह सवाल उठने लगा है. ऐसे में संक्रमण को रोक पाना बड़ी चुनौती होगी. जबकि पटना से कोटा की दूरी एक हजार किलो मीटर से अधिक है. इसके पहले दिल्ली से आए मजदूरों को लेकर भी सरकार ने संक्रमण के खतरे को देखते हुए बिहार के सीमा पर ही रोक दिया था और उन्हें गांव के पास क्वारंटाइन सेंटर में रख गया था. लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नही किया गया.
वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वह प्रशासन से ऐसे छात्रों की सूची मांग रहा है, जो कोटा से आए हैं. लेकिन सूची नहीं मिलने से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मुश्किल बढ गई है. जब तक सूची नहीं मिल जाती है वह कुछ नहीं कर सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस समय किसी भी प्रांत से लोगों का आना एक तरफ लॉक डाउन का उलंघन है तो दूसरी तरफ संक्रमण को लेकर बड़ी चुनौती. सूत्रों की मानें तो यह भी पता लगाया जा रहा है कि कोटा से पटना बस कैसे आ गई?