दिल्ली में शुरू हो सकती है शराब की होम डिलीवरी, केजरीवाल सरकार कर रही है तैयारी
By निखिल वर्मा | Published: May 9, 2020 07:40 AM2020-05-09T07:40:55+5:302020-05-09T07:40:55+5:30
लॉकडाउन 3.0 में 4 मई से देश भर में शराब की स्टैंड अलोन दुकानों को खोलने की इजाजत मिली है. करीब 40 दिन बाद दुकानें खुलने की वजह से भारी भीड़ उमड़ रही है. इससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है.
शराब दुकानों पर उमड़ी भारी भीड़ के चलते दिल्ली सरकार शराब की होम डिलीवरी के लिए एक वेब पेज बना रही है। इसके अलावा एक मोबाइल फोन एल्पिकेशन बनाने पर विचार-विमर्श कर रही है। इस सप्ताह की शुरुआत में लॉकडाउन में मिली छूट के साथ दिल्ली सहित पूरे देश में शराब की दुकानें खुली हैं। शुक्रवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि सरकार एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल का मसौदा तैयार कर रही है। इस मसले पर आबकारी विभाग के मुख्य सचिव और वित्त मनीष सिसोदिया तीन बार बैठक कर चुके हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार एक अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “वेबलिंक प्रगति पर है लेकिन ऐप में तकनीकी परिवर्तनों की आवश्यकता होगी। इसलिए, हमें अधिक समय की आवश्यकता है। भुगतान के लिए गेटवे के साथ एक टाई-अप होगा। सोमवार तक सरकार की वेबलिंक शुरू करने की योजना है।"
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने शराब खरीदने के लिये दुकानों पर लग रही भारी भीड़ की वजह से कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की आशंका को रोकने के इरादे से राज्यों से कहा कि वे लॉकडाउन के दौरान इसकी ऑन लाइन बिक्री और होम डिलीवरी करने की संभावना पर विचार करें। अब तक, पंजाब, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल ने शराब की होम डिलीवरी शुरू की है।दिल्ली आबकारी अधिनियम 2009 में ऑनलाइन शराब खरीदने और बेचने पर प्रतिबंध है। एक अधिकारी ने कहा है कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की तरह एक अस्थायी प्रावधान किया जा सकता है।
इससे पहले दिल्ली सरकार द्वारा शराब प्रेमियों को ई टोकन देने के उद्देश्य से शुरू की गई वेबसाइट भारी ट्रैफिक आने के कारण बंद हो गई और शहर में शराब की दुकानों पर भीड़ लगी रही। गुरुवार को राज्य सरकार द्वारा ई-टोकन की व्यवस्था शुरू की गई थी ताकि शराब की दुकानों पर भीड़ कम हो और लॉकडाउन के दौरान सामाजिक नियमों का पालन किया जा सके।
दिल्ली में 864 शराब की दुकानें हैं, जिनमें से केवल 172 को अब तक खोलने की अनुमति मिली है, क्योंकि वे 'स्टैंड-अलोन दुकानें' हैं। इसका अर्थ है कि ये दुकानें बाजार, मॉल और वाणिज्यिक स्थानों में स्थित नहीं हैं। सरकार निजी शराब की दुकानों को भी संचालित करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है लेकिन नगर निगमों के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि शहर भर में उनमें से केवल 30 दुकानें ही एकल यानि स्टैंड-अलोन हैं।