बिहार: पटना का राजीवनगर बना रण क्षेत्र, मकान तोड़ने गई पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हुई भिड़ंत, सिटी एसपी हुए घायल
By एस पी सिन्हा | Published: July 3, 2022 04:21 PM2022-07-03T16:21:25+5:302022-07-03T16:24:12+5:30
बताया जाता है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सिलेण्डर में भी पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इसमें सात लोगों के झुलस जाने की भी खबर है।
पटना: बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस- प्रशासन की टीम के साथ लोगों की जमकर झड़प हुई। हालात बिगड़ता देख खुद पटना के एसएसपी काफी संख्या में पुलिसबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। गुस्साए लोगों ने पुलिस टीम पर पत्थरबाजी भी की। इस दौरान एक बुजुर्ग अपने घर के बाहर बेहोश हो गया। परिजनों का कहना है कि मकान ध्वस्त करने की खबर सुन उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। इलाज के लिए बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, निर्माण तोडने का विरोध कर रहे लोगों द्वारा की गई पत्थरबाजी में पटना के सिटी एसपी मध्य अम्बरीष राहुल गंभीर रूप से घायल हो गए।
बताया जाता है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सिलेण्डर में भी पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इसमें सात लोगों के झुलस जाने की भी खबर है। पटना के राजीव नगर थाना के अंतर्गत नेपाली नगर के इलाके में प्रशासन 70 मकानों को ध्वस्त करने में जुटी है। अपने घरों को बचाने के लिए राजीव नगर के लोग पुलिस से जा भिड़े। कोई बुलडोजर रोकने की कोशिश करता तो कोई पुलिस वाले से बहसबाजी। आंखों में आसूं और दिलों में दर्द लिए बदहवास लोग अपनी आंखों के सामने टूटते आशियाने को बचाने के लिए हर कोशिश कर रहे थे।
राजीव नगर में घंटों जंग के मैदान सी बनी स्थिति में कोई पुलिस पर पत्थर फेंक रहा है तो कोई घर को बचाने के लिए रो-चिल्ला रहा है। काफी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आये और प्रशासन की टीम पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान प्रशासन ने लोगों को शांति बनाए रखने की नसीहत दी है लेकिन इलाके में स्थिति फिलहाल लगातार तनावपूर्ण है। वहीं इस मामले में पुलिस ने बीघा भूमि संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्रीनाथ समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस बीच पटना जिला प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि राजीव नगर और नेपाली नगर में अतिक्रमण के खिलाफ जारी बुलडोजर एक्शन के दौरान किसी की भी मौत नहीं हुई है। कुछ लोग मौत की अफवाह फैला रहे हैं, जो पूरी तरह गलत है। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया है, जिसमें 3 लोग घायल हुए हैं।
इस दौरान पटना जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि मकान तोड़ने का काम शुरू हो गया है। शाम तक अवैध निर्माण वाले सभी मकान ध्वस्त कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने 3 बार नोटिस दिया था। हम 40 एकड़ ज़मीन अपने कब्जे में लेंगे और जो भी इसमें व्यवधान डालेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। उधर, स्थानीय लोग जमीन को लेकर कई दावे कर रहे हैं कि इसकी रजिस्ट्री हमनें कोलकाता से कराई है और हमारे पास बिजली कनेक्शन के साथ-साथ वोटर आईडी कार्ड भी है।
इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि बिजली कनेक्शन और वोटर आईडी वैधता का प्रमाण पत्र नहीं होता। बिजली कनेक्शन मूलभूत सुविधा में आती है। अगर उनके पास जमीन के कागज नहीं भी हैं, उसके बाद भी हमें यह सुविधा उपलब्ध करानी होती है। इन्होने सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा कर मकान बना लिया था, जिसे हर हाल में तोड़ा जाएगा।
बता दें कि राजीव नगर में रह रहे लोगों को जिला प्रशासन की ओर से 70 घरों को तोड़ने का नोटिस भेजा गया था। साथ ही 20 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने की बात कही गई थी। यह नोटिस सीओ ने जारी किया था, जिसके बाद राजीव नगर के लोगों में काफी आक्रोश है। राजीव नगर का जमीन विवाद करीब 50 साल पुराना है। राजीव नगर में वर्ष 1974 में 1024 एकड़ जमीन को अधिग्रहित करने का आदेश दिया गया था। तत्कालीन सरकार ने गजट जारी कर यह जमीन हाउसिंग बोर्ड को दी थी। लेकिन गजट जारी होने के बाद भी यहां की जमीनों को बेचने का काला खेल जारी रहा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गजट जारी होने के बाद भी सरकार की ओर से जमीन को अधिग्रहित करने की कोई कार्रवाई नहीं हुई। ना ही यहां के किसानों को कोई मुआवजा जारी हुआ। बाद में किसानों से भू-माफिया ने सांठगाठ की कई लोगों को वर्ष 1974 के बाद भी राजीव नगर की जमीन बेची गई। इसके बाद बड़े पैमाने पर लोग अपना-अपना घर बनाकर रहने लगे। घर बनाते वक्त भी पुलिस-प्रशासन मौन रहा। लेकिन अब जब्कि लोग पूरी तरह से बस गये हैं, तो उन्हें उजाड़ा जा रहा है।