LMOTY 2020: सचिन वाझे पर बोले नितिन गडकरी, कहा-राष्ट्रहित में निष्पक्ष जांच हो...
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 16, 2021 01:33 PM2021-03-16T13:33:59+5:302021-03-18T16:30:07+5:30
LMOTY 2020:निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए बंबई उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की।
LMOTY 2020: केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह गंभीर मामला है।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि यह गंभीर मामला है। आपको बता दें मुंबई पुलिस ने सोमवार को सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को निलंबित कर दिया। दक्षिण मंबई स्थित उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से लदी कार मिलने की जांच कर रही एनआईए द्वारा वाजे को गिरफ्तार किए जाने के बाद उठाया गया।
नितिन गडकरी ने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार को हर कोण से जांच करनी चाहिए। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के पास 20 जिलेटिन छड़ों के साथ मिली स्कॉर्पियों कार के मामले की जांच कर रही है और इसी सिलसिले में शनिवार रात को वाजे की गिरफ्तारी की थी।
वाजे (49) को ‘मुठभेड़’ में 63 कथित अपराधियों को मार गिराने का श्रेय दिया जाता है। उनपर ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन की कथित हत्या को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। अंबानी के घर के पास मिली स्कॉर्पियों एसयूवी कार हिरन की ही थी और पांच मार्च को ठाणे जिले के क्रीक में वह मृत मिले थे।
मुंबई की अदालत ने रविवार को वाजे को 25 मार्च तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने इससे पहले बताया कि वाजे को भारतीय दंड संहिता की धारा-286 (विस्फोटक सामग्री के संबंध में लापरवाही), धारा-465 (फर्जीवाड़ा), धारा-473 (फर्जीवाड़ा करने के इरादे से जाली मुहर रखना या बनाना), धारा- 506(2)आपराधिक उद्देश्य, धारा-120बी (आपराधिक साजिश) और विस्फोटक अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है।
हिरासत में लेने के लिए एनआईए की ओर दिए गए आवेदन में कहा गया कि चश्मदीदों के बयान से वाजे की मामले में संलिप्तता प्रतीत होती है। वाजे 1990 के राज्य काडर के अधिकारी हैं। उन्हें वर्ष 2004 में घाटकोपर धमाके के संदिग्ध ख्वाजा यूनिस की हिरासत में हुई मौत मामले में भी निलंबित किया गया था लेकिन पिछले साल उन्हें बहाल कर दिया गया।
मुम्बई पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे को उनकी कथित संलिप्तता को लेकर शनिवार को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। अपने भाई सुधर्म के माध्यम से दायर की गयी इस याचिका में दावा किया गया है कि वाजे को ‘कुछ राजनीतिक ताकतों’ ने ‘बलि का बकरा’ बनाया है। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका आमतौर पर ‘अवैध हिरासत या गिरफ्तारी’ को चुनौती देने के लिए दायर की जाती है। इस याचिका में उच्च न्यायालय से दरख्वास्त की गयी है कि वह एनआईए को अदालत के सामने पेश करने और यह साबित करने का निर्देश दे कि गिरफ्तारी के दौरान उचित प्रक्रिया का पालन किया गया। याचिका में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी को प्राथमिकी की प्रति नहीं दी गयी और उन्हें गिरफ्तारी का कारण भी नहीं बताया गया एवं न ही उनके परिवार को सूचित किया गया। उसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि जिस हड़बड़ी के साथ वाजे को गिरफ्तार किया गया, वह यह दर्शाता है कि केंद्रीय एजेंसी ने दुर्भावना से कार्रवाई की। एनआईए पिछले महीने अंबानी के बहुमंजिला निवास ‘एंटिलिया’ के पास विस्फोटकों से भरे एक स्कोर्पियो बरामद होने की जांच कर रही है। जब ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरन की रहस्यमय मौत हो गयी तब एनआईए ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। हिरन ने दावा किया था कि यह गाड़ी उनके कब्जे से चुरायी गयी थी। याचिका में कहा गया है कि हिरन की मौत के लिए उनकी पत्नी द्वारा वाजे पर लगाये गये आरोप झूठे हैं। वाजे ने दावा किया कि जब महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की तब ‘ पूरी मीडिया बिरादरी और समाज उन्हें निशाना बनाने लगाया क्योंकि उन्हें बलि का बकरा चाहिए था। यह याचिका अभी सूचीबद्ध नहीं की गयी है। भाषा राजकुमार उमा उमा