लोजपा में लड़ाई तेज, पशुपति कुमार पारस लोजपा के नए अध्यक्ष, चाचा ने भतीजे चिराग को बताया तानाशाह
By एस पी सिन्हा | Published: June 17, 2021 08:14 PM2021-06-17T20:14:01+5:302021-06-17T20:16:54+5:30
पार्टी संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के छोटे भाई और राज्य के पूर्व मंत्री पशुपति कुमार पारस ने हाल ही में लोजपा के अन्य चार सांसदों के समर्थन से चिराग की जगह लोकसभा में पार्टी के नेता का ओहदा हासिल कर लिया है.
पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में जारी खींचतान के बीच सांसद पशुपति कुमार पारस को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है.
आज सुबह ही पशुपति कुमार पारस ने राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के बाद अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था. लेकिन इस पद पर कोई और दावेदार नहीं होने की वजह से उनका निर्विरोध चयन कर लिया गया. इस तरह से लोजपा में दो फाड़ होने के बाद पारस गुट ने पशुपति कुमार पारस को अपना नया नेता चुन लिया. बागी गुट ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान उनको सौंप दी है.
71 सदस्यों ने कार्यसमिति की बैठक की
बताया जाता है कि 71 सदस्यों ने कार्यसमिति की बैठक में उन्हें अपना अध्यक्ष चुन लिया. इसके बाद उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की और उन्होंने अपनी बातों को सबके सामने रखा. इस दौरान वे काफी भड़के हुए भी दिखे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मुझे निर्विरोध चुना गया है. अपने बडे़ भाई रामविलास पासवान को लेकर कहा कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से जितने भी पिछडे़ हुए लोग हैं, उनके उत्थान करना उनका सपना था. जो वे पूरा करेंगे. पारस ने अपनी भतीजे को तानाशाह करार दिया. उन्होंने कहा कि भतीजा तानाशाह हो जायेगा, तो चाचा क्या करेगा?
पार्टी में कोई भी मतभेद नहीं
पारस ने कहा कि दल के सभी साथियों ने अहम जिम्मेदारी दी. केवल मेरा नामांकन हुआ, किसी दूसरे ने नहीं किया. हमारा प्रयास रहेगा कि अपने बडे़ भाई के सपनों को साकार कर सकें. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी 21 वर्ष की हुई है. पार्टी में कोई भी मतभेद नहीं है. पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना है. सामाजिक न्याय के तहत पार्टी को आगे बढ़ाऊंगा.
अपने निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने पर पारस ने कहा कि लोजपा के अंदर कोई मतभेद नहीं, अगर ऐसा होता तो मैं निर्विरोध नहीं चुना जाता. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व में जितने भी लोजपा नेता जो पार्टी छोड़ कर चले गए हैं, उनसे माफी मांगते हुए पार्टी में वापस आपने का आग्रह करता हूं. उन्होंने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाते हुए कहा कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है.
सूरजभान सिंह ने पशुपति कुमार पारस के पार्टी को नया अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा
इस दौरान पत्रकारों द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष को बदलने को लेकर संविधान में जो प्रावधान हैं, उसे लेकर प्रश्न किया गया. जिस पर वे काफी भड़क गए. इस सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसा कहीं भी प्रावधान में नहीं है कि कोई एक व्यक्ति आजीवन राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर रहे. साथ ही कहा कि उनके पार्टी के संविधान के अनुसार प्रत्येक 2 या 3 वर्ष में राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनने का प्रावधान है.
उन्होंने कहा कि जब मैं सरकार में शामिल होऊंगा तो, संगठन का पद छोड़ दूंगा. लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि संसदीय दल का नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष आप स्वयं बन गए हैं, तो खीझते हुए पशुपति पारस ने प्रेस कांफ्रेंस छोड़ दी. इससे पहले लोजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजभान सिंह ने पशुपति कुमार पारस के पार्टी को नया अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की.
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया
यहां बता दें कि इससे पहले चिराग पासवान ने ही कहा था कि इस तरह से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनने का प्रावधान नहीं है. इससे पहले लोजपा नेता सूरजभान सिंह के घर पर बागी नेताओं की बैठक दोपहर 12:30 बजे हुई. इस बैठक में सूरज भान सिंह ने पार्टी के अलग-अलग पदों के लिए हो रहे चुनाव का संचालन किया.
बैठक में 10 प्रस्तावकों ने पारस का नाम लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया. जिसपर सभी ने अपनी सहमति दे दी. पारस ने जब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया तो उस वक्त सूरजभान सिंह के भाई और सांसद चंदन सिंह, वीणा देवी, महमूद अली कैसर पारस के साथ मौजूद रहे.
प्रिंस राज नहीं पहुंचे
उन्होंने माला पहनाकर पशुपति कुमार पारस को बधाई भी दी. वहीं, इस कार्य समिति की बैठक में सांसद प्रिंस राज नहीं पहुंचे. जबकि किसी राज्य के प्रदेश अध्यक्ष के पहुंचने की सूचना भी नहीं है. प्रिंस राज के नहीं पहुंचने पर पार्टी की ओर से कहा गया कि तबीयत खराब रहने के कारण वह पटना नहीं आ पाये. उन्होंने अपने समर्थन का पत्र भेज दिया था.
मीडिया से बात करते हुए पूर्व सांसद सूरजभान ने कहा कि प्रिंस राज ने समर्थन भेज दिया है. पार्टी में कोई इफ-बट नहीं है. उधर, लोजपा में चल रहे उठापटक के बीच चिराग पासवान के चचेरे भाई प्रिंस राज अलग ही मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं. लोजपा की पूर्व पार्टी कार्यकर्ता होने का दावा करने वाली एक लड़की उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अड़ी हुई है.
लोकसभा स्पीकर को भी दी
वह लगातार मीडिया के सामने आकर प्रिंस पर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगा रही हैं. उसका यह भी कहना है कि चिराग पासवान ने उनका नाम सार्वजनिक तौर पर उछाल कर गलत किया है. यहां उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार की शाम से ही लोजपा में कलह शुरू हो गई थी. सोमवार को चिराग पासवान को छोड़ बाकी पांचों सांसदों ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई और हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस को संसदीय बोर्ड का नया अध्यक्ष चुन लिया. इसकी सूचना तत्काल लोकसभा स्पीकर को भी दे दी गई.
सोमवार शाम तक लोकसभा सचिवालय से उन्हें मान्यता भी मिल गई थी. वहीं, चिराग पासवान ने बुधवार को दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए अपना इरादा साफ कर दिया था. उन्होंने कहा कि वे हार मानने वाले नहीं हैं. चाचा पारस से लंबी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर चुके हैं.
सांसद प्रिंस राज को चिराग ने मंगलवार को पार्टी से निकाल दिया था
देर शाम उन्होंने लड़ाई जारी रखते हुए लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से पूर्व विधायक राजू तिवारी को पार्टी का बिहार प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. इस आशय का पत्र उन्होंने जारी किया. वहीं, लोजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष रहे सांसद प्रिंस राज को चिराग ने मंगलवार को पार्टी से निकाल दिया था.
गौरतलब है कि लोजपा में बगावत के बाद पारस ने कहा था कि पार्टी में वन पर्सन-वन पोस्ट का सिद्धांत लागू है. इसी वजह से चिराग पासवान से संसदीय दल के नेता का पद छीन लिया गया है. वहीं अब पशुपति पारस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राजनीतिक गलियारों में यह सवाल फिर से उठने लगा है.
पारस वर्तमान में लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता हैं. वहीं आज वे पार्टी के बागी नेताओं द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष भी चुने गए हैं, जिसके बाद उनके पास लोजपा में तीन पद हो गया. इतना ही नहीं पशुपति पारस रामविलास पासवान के दलित सेना के भी अध्यक्ष हैं. इसके बाद अब उनपर भी सवाल उठने लगे हैं.