दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 5 दिन के इंस्टीट्यूशनल आइसोलेशन के फैसले को लिया वापस, हजारों मरीजों को मिलेगी राहत
By अनुराग आनंद | Published: June 20, 2020 06:22 PM2020-06-20T18:22:52+5:302020-06-20T18:31:55+5:30
दिल्ली के कोरोना मरीजों को अब 5 दिन अस्पताल में रहना जरूरी नहीं होगा। वह अपने घर पर भी क्वारंटीन रह सकते हैं।
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के मामले में तेजी से वृद्धि हो रही है। देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
इस बीच खबर है कि दिल्ली के उप-राज्यपाल द्वारा कोरोना मरीजों के 5 दिन के क्वारंटीन किए जाने के फैसले का अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा विरोध किए जाने के बाद अब उप-राज्यपाल ने ये फैसला वापस ले लिया है।
इस मामले में उप-राज्यपाल कार्यालय ने कहा है कि अब सिर्फ उन्हीं लोगों को अस्पताल या सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा जिनमें कोरोना के लक्षण दिख रहे होंगे। इसके अलावा, जिन लोगों के घर में अलग रहने की पर्याप्त जगह नहीं होगी, उन्हें भी सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा।
Delhi LG announces rollback of compulsory 5-day institutional quarantine, says, "Only those #COVID positive cases which do not require hospitalisation on clinical assessment & do not have adequate facilities for home isolation would be required to undergo institutional isolation" pic.twitter.com/5WlrpfVxdR
— ANI (@ANI) June 20, 2020
अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही थी-
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण के मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक फैसला के जरिए पॉजिटिव मरीजों को होम क्वारनटीन किए जाने पर रोक लगा दी थी।वहीं, इस उपराज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। लेकिन, बाद में उपराज्यपाल ने अपना फैसला वापस ले लिया।
दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीजों को होम क्वारनटीन करने पर रोक लगा दी थी और कहा था कि नए नियम मुताबिक कोरोना संक्रमित मरीजों को पहले पांच दिन अनिवार्य संस्थागत क्वारनटीन किया जाएगा। इस मामले पर अब दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हालांकि दिल्ली राज्यपाल ने अब पांच दिन संस्थागत क्वारनटीन का फैसला वापस ले लिया है।
दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल के फैसले पर कहा था कि लोग जांच करवाने से डरेंगे-
होम आइसोलेशन ने मामूली लक्षणों वाले बहुत से लोगों को बाहर आने और अपनी जांच कराने के लिए प्रोत्साहित किया है, क्योंकि उन्हें पता हैं कि उन्हें जबर्दस्ती अस्पताल या क्वारंटीन सेंटर में नहीं ले जाया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार के होम आइसोलेशन पर रोक लगाने का दिया गया आदेश लोगों को जांच के प्रति हतोत्साहित करेगा। एसिम्प्टोमैटिक व हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीज जांच से बचेंगे और क्वारंटीन नहीं होंगे, नतीजतन संक्रमण और फैलेगा।