लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम शुल्क का मामलाः वोडाफोन आइडिया ने 1367, जियो ने 1600 और एयरटेल ने 1440 करोड़ रुपये का भुगतान किया
By भाषा | Published: April 21, 2020 09:58 PM2020-04-21T21:58:38+5:302020-04-21T21:58:38+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा था कि बकाया राशि का पुनर्मूल्यांकन नहीं होगा। कंपनियों ने एजीआर बकाया का स्व-मूल्यांकन करने के नाम पर गंभीर धोखा किया है।
नई दिल्लीः दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने मार्च तिमाही के लिये लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) मद में सरकार को करीब 1,367 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विभाग को इसी सप्ताह यह राशि मिली। अन्य परिचालकों ने अपने भुगतान पहले ही कर दिए थे। वोडा-आइडिया के प्रवक्ता ने ताजा भुगतान या उसके लिए धन के प्रबंध के बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया। सूत्रों के अनुसार रिलायंस जियो और भारतीय एयरटेल ने उपरोक्त तिमाही के लाइसेंस शुल्क और एसयूसी के लिये क्रमश: 1,600 करोड़ रुपये और 1,440 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
उल्लेखनीय है कि दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्यूलर आपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने पिछले महीने दूरसंचार विभाग से संपर्क कर कोरोना वायरस महामारी से पैदा हालात का हवाला देते हुए कंपनियों को चौथी तिमाही के सांविधिक भुगतान 30 अप्रैल 2020 तक करने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
नियमत: कंपनियों को 2019-20 की चौथी तिमाही के लिये अनुमानित आय के आधार पर लाइेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (राजस्व हिस्सेदारी) 25 मार्च तक देने थे। उल्लेखनीय है कि दूरसंचार उद्योग को समायोजित सकल आय (एजीआर) (पिछला सांविधिक बकाया) के तहत 1.69 लाख करोड़ रुपये तक की पिछली देनदारी का सामना करना पड़ रहा है।