‘पत्र-राजनीति’ कुछ नेताओं की असुरक्षा, महत्वाकांक्षा को प्रदर्शित करती है: पंजाब कांग्रेस प्रमुख

By भाषा | Published: August 30, 2020 05:29 AM2020-08-30T05:29:15+5:302020-08-30T05:29:15+5:30

पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि कुछ नेता अपना आत्मविश्वास खो चुके हैं और भूल गए हैं कि पार्टी में उनका दर्जा कितना ऊंचा है।

'Letter-politics' shows the insecurity, ambition of some leaders: Punjab Congress chief | ‘पत्र-राजनीति’ कुछ नेताओं की असुरक्षा, महत्वाकांक्षा को प्रदर्शित करती है: पंजाब कांग्रेस प्रमुख

कांग्रेस (फाइल फोटो)

Highlightsकांग्रेस नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे पर सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के दौरान चर्चा हुई थी।पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि सोनिया गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पार्टी संगठन और इसके अध्यक्ष का चुनाव छह महीने में होगा।सुनील जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की घोषणा के बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ नेताओं द्वारा अवांछित बयानबाजी जारी है।

चंडीगढ़: पंजाबकांग्रेस के प्रमुख सुनील जाखड़ ने शनिवार को कहा कि पार्टी में बदलाव की मांग करने वाली ‘‘पत्र राजनीति’’ ने इसपर हस्ताक्षर करने वाले कुछ नेताओं की ‘‘असुरक्षा और राजनीतिक महत्वाकांक्षा’’ को प्रदर्शित किया है। गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और शशि थरूर सहित कांग्रेस के 23 नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को हाल ही में एक पत्र लिखकर पार्टी संगठन में ऊपर से नीचे तक बदलाव करने की मांग की थी।

कांग्रेस नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे पर सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के दौरान चर्चा हुई थी। जाखड़ ने एक बयान में कहा कि सोनिया गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पार्टी संगठन और इसके अध्यक्ष का चुनाव छह महीने में होगा, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ नेताओं द्वारा अवांछित बयानबाजी जारी है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान अब कहीं अधिक हास्यास्पद हो गए हैं क्योंकि चुनाव कराने की मांग वे लोग कर रहे हैं, जिन्होंने खुद कभी चुनाव नहीं लड़ा। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि इन नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र में विरोधाभास मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने युवा कांग्रेस का चुनाव कराने को लेकर राहुल गांधी को निशाना बनाया, वहीं दूसरी ओर वे चाहते हैं कि महामारी संकट के बावजूद प्रखंड (ब्लॉक) स्तर से लेकर राष्ट्रीय इकाई स्तर तक चुनाव हो।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या यह दोहरा मापदंड नहीं है? तब क्या ये चुनाव पार्टी में दरार नहीं डालेंगे?’’ जाखड़ ने याद दिलाया कि 2018 में पार्टी की आम सभा में इन्हीं नेताओं ने, जो अब पार्टी में चुनाव की बात कर रहे हैं, प्रस्ताव किया था कि चुनाव कराने की बजाय कांग्रेस अध्यक्ष को कार्य समिति नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एक नेता ने कांग्रेस कार्य समिति चुनाव का इस बहाने समर्थन किया था कि इस तरीके से चुने गए व्यक्ति के पास एक प्रदत्त कार्यकाल होगा और वह अपनी सीट गंवाने के डर के बगैर खुलकर अपनी बात रखेगा। जाखड़ ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे हो निर्वाचित हो या मनोनीत हो, जिसके पास साहस नहीं है और अपना पद गंवाने के डर से अपने मन की बात नहीं कह सकता, उसे पार्टी की निर्णय लेने वाली समिति में रहने का कोई अधिकार नहीं है।’’

पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि कुछ नेता अपना आत्मविश्वास खो चुके हैं और भूल गए हैं कि पार्टी में उनका दर्जा कितना ऊंचा है। ऐसा दर्जा संसद के किसी सदन की सदस्यता के चलते नहीं, बल्कि उनके अनुभव और पार्टी के प्रति उनके योगदान को लेकर है। उन्होंने कहा कि पार्टी में उच्च पदों पर आसीन नेताओं को यह महसूस करना चाहिए कि उनकी राज्यसभा की सदस्यता खत्म हो जाने से उनका राजनीतिक ओहदा प्रभावित नहीं होगा।

सामूहिक नेतृत्व पर टिप्पणी करते हुए जाखड़ ने कहा, ‘‘मैं यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि वे लोग हमेशा ही पार्टी के सामूहिक नेतृत्व का हिस्सा रहेंगे क्योंकि पार्टी ने उनमें काफी निवेश किया है और पार्टी राज्यसभा में उनके दशकों के अनुभव का लाभ उठाना चाहती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बेशक, मैं पार्टी में लोकतंत्र का समर्थक हूं, लेकिन पार्टी के अंदर नियमित रूप से विचार विमर्श होना चाहिए और इसके क्रियान्वयन के तौर तरीकों पर परस्पर चर्चा के जरिये काम किया जाना चाहिए। ’’ 

Web Title: 'Letter-politics' shows the insecurity, ambition of some leaders: Punjab Congress chief

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