वाम दलों ने दिल्ली में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा
By भाषा | Published: January 26, 2021 08:54 PM2021-01-26T20:54:17+5:302021-01-26T20:54:17+5:30
नयी दिल्ली, 26 जनवरी देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की निंदा की और आरोप लगाया कि सरकार ने समय रहते हालात नहीं संभाले तथा स्थिति बिगड़ने दी।
गौरतलब है कि किसान समूहों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कई स्थानों पर पुलिस के साथ झड़प हुई। इसके बाद पुलिस ने किसान समूहों पर आंसू गैस के गोले छोड़े तथा लाठीचार्ज किया।
दिल्ली की सीमा पर कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक तोड़ दिए। राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर परेड के लिए जो मार्ग पूर्व में निर्धारित किया गया था उन्होंने उसका अनुसरण नहीं किया।
ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित मार्ग से हटकर प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह मंगलवार को लालकिले में घुस गया और राष्ट्रीय राजधानी स्थित इस ऐतिहासिक स्मारक के कुछ गुंबदों पर अपने संगठनों के झंडे लगा दिए।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार द्वारा हालात को यहां तक पहुंचाया गया। किसान 60 दिनों से सर्दीं के बीच शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें दिल्ली में नहीं आने दिया गया। 100 से अधिक किसानों की मौत हो गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा किसी चीज का जवाब नहीं है और यह अस्वीकार्य है। लेकिन भाजपा की ट्रोल आर्मी अपने अधिकार मांगने वालों को बदनाम करती है, मंत्री निराधार आरोप लगाते हैं, विधि अधिकारी अदालत में बिना किसी आधार के दावे करते हैं। किसानों की वाजिब मांगों के निदान का यह कोई तरीका नहीं है।’’
भाकपा महासचिव डी राजा ने दावा किया कि हिंसा किसी भी पक्ष के लिए कोई रास्ता नहीं है, लेकिन सरकार ने स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाने दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को किसानों को विश्वास दिलाना चाहिए था कि संसद के आगामी सत्र में वह तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए विधेयक लाएगी।’’
भाकपा(माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने किसानों को उनकी ट्रैक्टर रैली के लिए बधाई दी औरद उनका आह्वान किया कि वे बिना किसी उकसावे में आए अपना संघर्ष जारी रखें।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘दिल्ली में जिस तरह की घटनाएं हुई हैं वो मुख्य रूप से मोदी सरकार के अड़ियल रुख और किसानों के खिलाफ पुलिस के दमन के कारण हुई हैं।
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