जानें RSS प्रमुख मोहन भागवत ने आज दो बच्चों वाले कानून पर लोगों को संबोधित करते हुए क्या कहा!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 19, 2020 02:23 PM2020-01-19T14:23:04+5:302020-01-19T14:23:04+5:30
संविधान कहता है कि हमें भावनात्मक एकीकरण लाने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन भावना क्या है? वह भावना है-यह देश हमारा है, हम अपने महान पूर्वजों के वंशज हैं और हमें अपनी विविधता के बावजूद एक साथ रहना होगा। इसे ही हम हिंदुत्व कहते हैं।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने दो बच्चों को लेकर छपी खबरों पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा था कि सभी के दो बच्चे होने चाहिए, जनसंख्या एक समस्या के साथ-साथ संसाधन भी है, सरकार को इस पर एक मसौदा तैयार करना चाहिए।
संविधान कहता है कि हमें भावनात्मक एकीकरण लाने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन भावना क्या है? वह भावना है-यह देश हमारा है, हम अपने महान पूर्वजों के वंशज हैं और हमें अपनी विविधता के बावजूद एक साथ रहना होगा। इसे ही हम हिंदुत्व कहते हैं।
बता दें कि रुहेलखंड विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स स्टेडियम में रविवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत ने संबोधित किया। इससे पहले मां भारती के सामने दीप प्रज्जवलन किया। मोहन भागवत यहां जनसंख्या नियंत्रण, एनआरसी और नागरिकता कानून जैसे मुद्दों के साथ ही साथ भविष्य के भारत सिद्धांत पर भी बोले। बता दें कि आरएसएस ने इश सिद्धांत के तहत आगे का रोडमैप तैयार किया है।
रुहेलखंड विवि के स्पोर्ट्स स्टेडियम से लोगों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि 2017 में भविष्य का भारत व्याख्यान माला शुरू हो गई है जिससे संघ को लेकर फैलाई गई गलतफहमियां दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि करोड़ों की जनसंख्या वाला देश हमारा बन गया है। देश के खजाने में 16 हजार करोड़ बाकी है, इंग्लैंड से हमको 30 हजार करोड़ वसूलना अभी बाकी है।
उन्होंने संघ को लेकर भी लोगों को संबोधित किया। वे बोले कि भविष्य का भारत आरएसएस का दृष्टिकोण है। लोगों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने इजरायल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह दुनिया में संपन्न देश है आज उसकी धाक है। हेडगेवार पर चर्चा करते हुए बोले कि उन्होंने प्रांत, भाषा, पंथ संप्रदाय को जोड़ने के लिए सात से आठ साल तक चिंतन किया है।