झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे नेता, JDU-BJP और RJD ने बिहार के नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी
By एस पी सिन्हा | Published: August 24, 2019 05:50 AM2019-08-24T05:50:37+5:302019-08-24T05:50:37+5:30
वहीं, बिहार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल चुके और वर्तमान सरकार में पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव को झारखंड का चुनाव सह प्रभारी बनाकर पार्टी को फिर से झारखंड में सत्तारूढ करने की जिम्मेदारी सौंपी है.
झारखंड में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बिहार के नेता वहां पिच तैयार कर रहे हैं. यहां चुनावी वैतरणी पार करने के लिए सभी प्रमुख दलों को बिहार के उनके कद्दावर नेताओं का ही आसरा है. जदयू, भाजपा और राजद जैसी प्रमुख पार्टियों ने बिहार के अनुभवी नेताओं को राज्य प्रभारी नियुक्त किया है. झारखंड में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है.
बिहार की मुख्य विपक्षी दल राजद और सत्ताधारी जदयू के झारखंड इकाई के नेताओं को आगामी चुनाव में अपने बिहारी आकांओं के सहारे की जरूरत होगी. लिहाजा, उन्हें उनकी ही रणनीति पर भरोसा है. बिहार के ये तीनों दल बिहार के अनुभवी नेताओं को झारखंड राज्य प्रभारी नियुक्त कर इसके स्पष्ट संदेश दे दिए हैं. बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रही जदयू पहले ही झारखंड में अकेले दम पर सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लडने की घोषणा कर दी है.
पार्टी ने झारखंड में पार्टी को मजबूत करने के लिए बिहार सरकार में मंत्री रामसेवक सिंह को वहां का प्रभारी नियुक्त किया है. सिंह ने बताया कि इस साल झारखंड में होने वाले चुनाव में जदयू पूरी ताकत से उतरेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी झारखंड में सदस्यता अभियान जोरशोर से चला रही है. अभी तक 50 हजार से अधिक सदस्य बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी 25 अगस्त को झारखंड का दौरा कर रांची में अपने क्रियाशील कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे और उनमें जोश भरेंगे. सिंह ने भी हाल ही में झारखंड के विभिन्न इलाकों का दौरा कर चुनावी रणनीति तैयार की है. उनका दावा है कि उन्होंने सभी जिलों का दौराकर लोगों से मुलाकात की और चुनाव के रूपरेखा पर विचार किया है.
वहीं, बिहार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल चुके और वर्तमान सरकार में पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव को झारखंड का चुनाव सह प्रभारी बनाकर पार्टी को फिर से झारखंड में सत्तारूढ करने की जिम्मेदारी सौंपी है. यादव ने हाल ही में झारखंड का दौरे के दौरान वहां के कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर 'इस बार 65 पार' का मूलमंत्र दिया है. यादव झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत तय मानकर चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार हमें इस बात से कोई फर्क नहीं पडता कि हमारे खिलाफ कौन लड रहा है. विधानसभा चुनाव में जीत के लिए केंद्र व राज्य सरकार के कामकाज और कार्यकर्ताओं की ताकत ही पर्याप्त है. उन्होंने विश्वास जताया कि झारखंड में भाजपा आसानी से 65 प्लस का लक्ष्य हासिल करेगी. उन्होंने कहा कि ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) गठबंधन का हिस्सा रहेगा, लोकसभा चुनाव में भी आजसू हमारे साथ था.
उधर, बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद भले ही इस साल हुए लोकसभा चुनाव में झारखंड में खाता नहीं खोल सकी है, परंतु साल के अंत में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में दमखम से चुनाव लडने की घोषणा की है. झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह कहते हैं कि राजद महागठबंधन के साथ झारखंड विधानसभा चुनाव में उतरेगी और पूरे दमखम के साथ चुनाव लडेगी. उन्होंने कहा कि बिहार से सटे झारखंड के सभी क्षेत्रों में राजद की अपनी पहचान रही है. उन्होंने कहा कि कई विधानसभा क्षेत्रों में राजद अन्य सभी दलों से मजबूत स्थिति में है. झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं.
झारखंड में खास कर बिहार से सटे इलाके में राजद का भी बोलबाला रहा है. विशेषकर यादव मतदाताओं में उसकी पैठ रही है. इसी के मद्देनजर पार्टी ने बांका के पूर्व सांसद जयप्रकाश नारायण यादव को वहां का प्रभारी मनोनीत किया है. यादव पार्टी के पुराने और राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यदव के खास सिपहसालारों में रहे हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहीं अन्नपूर्णा देवी के भाजपा में चले जाने से राजद को धक्का लगा है. यही नही राजद का दो फांक हो गया है. गौतम सागर राणा ने राजद से अलग हो कर राजद-लोकतांत्रीक पार्टी बना लिया है. ऐसे में पार्टी इस झटके से उबर विधानसभा चुनाव तैयारी में जुट गई है.