दिल्लीः वकीलों की हड़ताल 11वें दिन भी रही जारी, हाईकोर्ट ने दो पुलिसकर्मियों को दी गिरफ्तारी से अंतरिम राहत
By भाषा | Published: November 15, 2019 05:41 PM2019-11-15T17:41:37+5:302019-11-15T17:41:37+5:30
दिल्ली में सभी जिला अदालतों की बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति के महासचिव धीर सिंह कसाना ने कहा कि यहां की सभी जिला अदालतों के वकील 20 नवंबर को संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इस महीने की शुरुआत में तीस हजारी अदालत में वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी की सभी छह जिला अदालतों में वकीलों का कार्यबहिष्कार शुक्रवार को भी जारी रहा। इससे अदालतों का कामकाज 11वें दिन भी ठप रहा। कई मामलों में तारीखें लेने और वादियों की सहायता करने के लिए अदालतों में दूसरे वकील पेश हुए।
दिल्ली में सभी जिला अदालतों की बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति के महासचिव धीर सिंह कसाना ने कहा कि यहां की सभी जिला अदालतों के वकील 20 नवंबर को संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक आश्रय गृह में कई लड़कियों के कथित यौन और शारीरिक उत्पीड़न के मामले में फैसले सहित कई महत्वपूर्ण मामलों को वकीलों के गैर-हाजिर होने के कारण स्थगित कर दिया गया।
कसाना ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर विवाद को सुलझाने के लिए रविवार को सभी जिला अदालतों की एसोसिएशनों के सदस्यों, दिल्ली पुलिस के प्रतिनिधियों और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच हुई बैठक विफल रही। पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच विवाद 2 नवंबर को बढ़ गया जब पार्किंग विवाद को लेकर झड़प में कम से कम 20 सुरक्षाकर्मी और कई वकील घायल हो गए। छह जिला अदालतों के वकील झड़प के विरोध में 4 नवंबर से हड़ताल पर हैं।
इधर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने तीस हजारी अदालत में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के मामले में दो पुलिस अधिकारियों को शुक्रवार को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी। झड़प के मामले में इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज है।
दो सहायक पुलिस उप निरीक्षकों की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने केंद्र, दिल्ली पुलिस, बार काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य बार संगठनों से जवाब मांगा है। पुलिसकर्मियों ने अपनी याचिका में घटना की न्यायिक जांच जारी रहने तक गिरफ्तारी से छूट की मांग की थी।
अदालत ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख 23 दिसंबर तक दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए। पुलिसकर्मी कांता प्रसाद और पवन कुमार को घटना के बाद निलंबित कर दिया गया था। तीस हजारी अदालत परिसर में दो नवंबर को पार्किंग को लेकर ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी और एक वकील के बीच शुरू हुआ विवाद दोनों पक्षों के बीच झड़प में बदल गया था।