लता मंगेशकर के परिवार ने कहा, शिवाजी पार्क में लता जी के नाम पर न बने कोई स्मारक नहीं, कांग्रेस ने किया समर्थन किया

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 12, 2022 05:50 PM2022-02-12T17:50:31+5:302022-02-12T17:58:53+5:30

दिवंगत लता मंगेशकर के छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने कहा कि वह शिवाजी पार्क में अपनी बहन लता मंगेशकर की याद में किसी भी तरह के स्मारक बनाने के खिलाफ हैं।

Lata Mangeshkar's family said, there is no memorial built in the name of Lata in Shivaji Park, Congress supported | लता मंगेशकर के परिवार ने कहा, शिवाजी पार्क में लता जी के नाम पर न बने कोई स्मारक नहीं, कांग्रेस ने किया समर्थन किया

लता मंगेशकर के परिवार ने कहा, शिवाजी पार्क में लता जी के नाम पर न बने कोई स्मारक नहीं, कांग्रेस ने किया समर्थन किया

Highlightsसाल 1925 में शिवाजी पार्क की स्थापना तत्कालीन बॉम्बे नगर निगम ने की थी ब्रिटिश शासकों ने महान मराठा योद्धा के नाम पर इसका नाम 'शिवाजी पार्क' रखा थाअंग्रेजों के दौर में ही छत्रपति शिवाजी महाराज की घोड़े पर बैठी हुई मूर्ति भी इस पार्क में लगी थी

मुंबई: भारत रत्न लता मंगेशकर के परिवार ने इस बात पर सख्त ऐतराज जताया है कि उनके नाम पर शिवाजी पार्क में किसी तरह का कोई स्मारक बने। इस मामले में स्पष्ट बात करते हुए लात मंगेशकर के छोटे भाई और जानेमाने संगीत निर्देशक हृदयनाथ मंगेशकर ने कहा कि वह शिवाजी पार्क में अपनी बहन लता मंगेशकर की याद में किसी भी तरह के स्मारक बनाने के खिलाफ हैं। मंगेशकर परिवार के इस स्टैंड को सही बताते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस ने शनिवार को परिवार का समर्थन किया।

वहीं इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करके शिवाजी पार्क में होने वाले सार्वजनिक अंत्येष्टि या स्मारकों के लिए 'क्रिकेट की जमीन' कहे जाने वाले इस 28 एकड़ के मैदान के दुरूपयोग पर रोक लगाने की मांग की है।

इस मामले में राज्य कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने कहा कि इस विशाल पार्क की स्थापना साल 1925 में तत्कालीन बॉम्बे नगर निगम द्वारा ब्रिटिश शासन के दौरान की गई थी और महान मराठा योद्धा के नाम पर इसे 'शिवाजी पार्क' नाम दिया गया था। सावंत ने कहा, "मराठी लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने इस मैदान का नाम शिवाजी पार्क रखने की अनुमति दी थी और साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज की घोड़े पर बैठी हुई मूर्ति भी स्थापित की गई थी।"

अब शिवाजी पार्क और उसके इतिहास के बारे में बात करते हुए सावंत ने कहा कि चूंकि पार्क पहले से ही छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित एक स्मारक है, तो ऐसे में उस जगह पर लता दीदी के नाम कैसे स्मारक बनाया जा सकता है।

बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सावंत ने कहा, 'भाजपा लता मंगेशकर के स्मारक के नाम पर गंदी राजनीति कर रही है, एक तरफ तो इसकी मांग कर रही है, वहीं दूसरी ओर उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ता अदालत में एक जनहित याचिका दायर कर मांग कर रहे हैं कि शिवाजी पार्क में लता दीदी का स्मारक न बने।

मालूम हो कि शुक्रवार को हृदयनाथ मंगेशकर ने कहा था कि परिवार शिवाजी पार्क में लता दीदी के स्मारक का समर्थन नहीं कर रहा था। इस मामले ने विवाद का रूप तब ले लिया जब दादर के प्रकाश बेलवाडे ने अदालत का रुख करते हुए कहा कि शिवादी पार्क मैदान खेल के लिए आरक्षित है, यहां पर पहले दिवंगत शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का एक स्मारक बनाया गया था और अब लता मंगेशकर के नाम पर स्मारक बनाने की माग हो रही है।

चूंकि दोनों दिवंगत हस्तियों के कद को ध्यान में रखते हुए, बालासाहेब ठाकरे का 18 नवंबर 2012 को और लता मंगेशकर का 6 फरवरी 2022 को शिवाजी पार्क में अंत्येष्टि की गई क्योंकि दोनों विशिष्ठ हस्तियों के अंतिम संस्कार में शोक मनाने वालों और वीवीआईपी की भारी भीड़ को अच्छे से संभाला जा सके।

मालूम हो कि इससे पहले भाजपा विधायक राम कदम और कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले जैसे सियासी नेताओं दिवंगत लता मंगेशकर के नाम पर शिवाजी पार्क में स्मारक बनाने की मांग की थी, लेकिन शिवसेना ने इस मांग को राजनीतिक बताते हुए शिवाजी पार्क में लता मंगेशकर के स्मारक बनाने की बात को खारिज कर दिया था। 

Web Title: Lata Mangeshkar's family said, there is no memorial built in the name of Lata in Shivaji Park, Congress supported

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