राजद ने पप्पू यादव के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- डाकू कभी संत नही बन सकता, वह गद्दार है
By एस पी सिन्हा | Published: May 12, 2021 08:24 PM2021-05-12T20:24:19+5:302021-05-12T20:24:19+5:30
मधेपुरा से राजद विधायक चंद्रशेखर और प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पप्पू यादव को सरकार की गोद में खेलने का आरोप लगाया है।
पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर सियासत गर्मा गई है। राष्ट्रीय जनता दल ने आज पप्पू यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। राजद ने प्रेस कांफ्रेंस कर पप्पू यादव पर आरोपों की झडी लगा दी। राजद नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि इनकी गिरफ्तारी हुई नहीं बल्कि ये खुद गिरफ्तार हुए हैं ताकी लोगों का सहानुभूति बटोर सकें।
उन्होंने कहा कि पप्पू यादव और नीतीश कुमार नूरा-कुश्ती कर रहे हैं। इसमें सरकार और पप्पू यादव की मिलीभगत है। राजद विधायक ने कहा कि पूर्व सांसद का चरित्र कैसा है ये किसी से छुपा है क्या? उन्होंने कहा पप्पू यादव डाकू हैं। किसी दौर में डाकू रत्नाकर महर्षि वाल्मिकी बन गया था। दूसरा कोई डाकू संत नहीं बन सकता। पप्पू डाकू और गद्दार है। पप्पू यादव को सेटिंग के तहत गिरफ्तार किया गया है।
सरकार औऱ पप्पू की सेटिंग है ताकि लालू-तेजस्वी को कमजोर किया जा सके। चंद्रशेखर ने कहा कि हमने 2020 के विस चुनाव में पप्पू यादव के खिलाफ केस छुपाने का सबूत पेश किया था, लेकिन डीएम ने नहीं माना। अब उसी केस में पप्पू यादव को गिरफ्तार किया जा रहा है। ऐसे में पप्पू यादव की सरकार के साथ सेटिंग है। उन्होंने कहा कि “पप्पू यादव की गिरफ्तारी शासन-सत्ता की साजिश है। सामाजिक न्याय की धारा को कमजोर करने के लिए। सोशल जस्टिस को कमजोर कर सांप्रदायिक ताकतों को मजबूती देने के लिए। उनकी गिरफ्तारी का खेल खेला गया है। इसमें साजिश है सरकार में बैठे लोगों की। आज पप्पू यादव की गिरफ्तारी का सीधा मतलब है हमारे वोटरों में कनफ्यूजन पैदा करना।
विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि पप्पू यादव के खिलाफ वारंट काफी पहले से निकला हुआ था। उन्होंने खुद प्रशासन को खबर दी थी कि पप्पू यादव के खिलाफ वारंट है। लेकिन सरकार ने उनकी गिरफ्तारी तब नहीं की। चुनाव के समय भी सूचना दी गयी थी कि पप्पू के खिलाफ वारंट है। तब भी गिरफ्तारी नहीं हुई। अब गिरफ्तारी होने के पीछे मकसद साफ है। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने जीवन दिया है पप्पू यादव को। एक बार नहीं कई बार चुनाव जिताया है, इस व्यक्ति को। वह लालू जी को गाली देने से बाज आता है क्या? किसी पार्टी को छोडा है क्या? जो मधेपुरा से खुद की जमानत नहीं बचा पाया वह क्या बिहार का नेता बनेगा?
उल्लेखनीय है कि जेल जाने से पहले पप्पू यादव ने तमाम विपक्ष से मिले सपोर्ट का आभार व्यक्त किया और लालू यादव से आग्रह कि बिहार को बचाने में संघर्ष तेज करें। एक सवाल के जवाब में पप्पू यादव ने ये भी कहा कि अगर आज हम जेल में हैं तो तेजस्वी यादव सडक पर उतरें, अस्पतालों में दवा लेकर जाएं, लोगों को बेड उपलब्ध कराएं। हमारे लोग हमेशा उनके साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत इतनी खराब है कि आज गरीब लोगों को हर रोज जाने वाले खाने को बंद करा दिया। इसलिए जब तक बिहार के मेरे गरीब भाई बहन और अस्पतालों में कोरोना का इलाज करा रहे लोग भूखे रहेंगे, तब तक मैं भी पानी का एक निवाला नहीं लूंगा।
बता दें कि, 1989 में मुरलीगंज थाना में रामकुमार यादव के अपहरण के आरोप में पप्पू यादव के खिलाफ कांड संख्या- 09 /89 दर्ज कराया गया था। इस कांड में पप्पू यादव को पहले जमानत मिली थी, लेकिन सुनवाई में भाग नहीं लेने की वजह से यादव की जमानत को रद्द करते हुए उन्हें फरार घोषित कर दिया गया। इस केस में एसीजीएम-एक, मधेपुरा ने 22 मार्च 2021 को पप्पू यादव के खिलाफ कुर्की-जब्ती की कार्रवाई का भी आदेश निर्गत किया था। पप्पू यादव का पैतृक निवास कुमारखंड थाना क्षेत्र के खुर्दा गांव में है। वारंट और कुर्की-जब्ती का आदेश कुमारखंड थाना को ही भेजा गया। मंगलवार को कुमारखंड पुलिस द्वारा ही पूर्व सांसद की गिरफ्तारी की गई।