गंगा में लाशों के मिलने पर लालू प्रसाद यादव ने साधा निशाना, कहा- हिंदुओं के शवों को दफना दिया गया, कहां ले जा रहे हैं देश को...
By एस पी सिन्हा | Published: May 13, 2021 03:44 PM2021-05-13T15:44:10+5:302021-05-13T15:49:27+5:30
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने गंगा नदी में लाशों के मिलने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होने ट्वीट कर कहा कि जीते जी ऑक्सीजन और इलाज नहीं मिला और अब शवों को गंगा में फेंका जा रहा है।
पटना: बिहार के बक्सर और यूपी के बीच गंगा में बड़े पैमाने पर शवों के मिलने पर राजद लगातार हमलावर बनी हुई है. इसी कड़ी में पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के ने ट्विटर पर लिखा है कि, "जीते जी जिन्हें ऑक्सीजन, बेड, दवाएं और इलाज नहीं मिला, उन्हें मरने के बाद लकडी और कफन तक नहीं मिल सका. शवों को दुर्गति के लिए गंगा में फेंक दिया गया. कुत्ते उन्हें नोच रहे हैं. हिंदुओं के शवों को दफना दिया गया. कहां ले जा रहे हैं देश को...''
बता दें कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर और बलिया जिलों को बिहार के बक्सर जिले से गंगा नदी अलग करती हैं. इन तीन जिलों के बीच गंगा नदी में अब तक 100 से अधिक लाशों को बक्सर के गंगा नदी से निकाला जा चुका है. हालांकि बक्सर जिला प्रशासन और बिहार सरकार का दावा है कि ये सभी लाश उत्तर प्रदेश से बहकर बिहार की तरफ आए हैं.
एक साथ बड़े पैमाने पर शवों को देखे जाने के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा जेसीबी से गड्ढे खुदवाकर सभी शवों को दफना दिया जा रहा है. इससे पहले कई शवों का कोविड टेस्ट करने के लिए सैंपल लिया गया. बक्सर जिले के स्वास्थ्य विभाग ने कई शवों का प्रशासन के अनुरोध पर पोस्टमॉर्टम भी कराया गया था.
वहीं बिहार और यूपी के सीमा पर गंगा नदी में महाजाल भी लगा दिया है ताकि यूपी की तरफ से आने वाले शवों को उधर हीं रोका जा सके. इस महाजाल में भी लशें फंस रही हैं, जो यूपी की तरफ से बहकर आ रही हईं.
पटना में भी गंगा नदी में नजर आई लाश
इस बीच इसी बीच अब पटना में गंगा नदी में लाश को देखा गया है. गुरुवार सुबह पटना के गुलबी घाट पर दिखा, जहां एक युवक और बच्चे का शव गंगा में बह रहा था. दृश्य काफी खौफनाक था. जब इस मामले में अधिकारी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि ये लाश कहां से आई है और किसकी है?
गौरतलब है कि बीते 48 घंटे में बक्सर के चौसा में 100 से अधिक शवों को गंगा नदी से बरामद किया जा चुका है. जिला प्रशासन द्वारा नदी में लगाए गए महाजाल में 10 शव फंसा, जिसे बाहर निकाला गया. प्रशासन द्वारा उनको दफन कराया.
वहीं, जानकारों का कहना है कि जो लाशें गंगा की धारा से किनारे आकर घाट तक पहुंच रही हैं, वही मिल रही हैं, जबकि कई लाशें मुख्य धारा में बहती आगे बढ जा रही हैं, जिसकी गणना शायद संभव नही है.
शवों को प्रवाहित करने के लिए लोग गंगा की बीच धारा में ही नाव से जाते हैं और वहां लाश में भारी पत्थर अथवा बड़ा-बड़ा घड़ा बांधकर डूबोया जाता है ताकि वह उपले नही. ऐसे में कई लाशें ऐसी होंगी जो बाहर शायद ही आ पाई हों, वह धारा में बहते हुए काफी दूर चली जाती हैं.