Lal Bahadur Shastri Jayanti 2018: जब देश के दूसरे प्रधानमंत्री ने कर्ज लेकर खरीदी अपनी पहली कार
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: October 2, 2018 07:49 AM2018-10-02T07:49:51+5:302018-10-02T07:49:51+5:30
लाल बहादुर शास्त्री जयंती 2018 (Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary): जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद जून 1964 में शास्त्री जी देश के प्रधानमंत्री बने थे। उससे पहले देश के गृह मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके थे।
आज (दो अक्टूबर) भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। भारत के दूसरे प्रधानमंत्री का जन्म दो अक्टूबर 1904 को बनारस के मुगलसराय में हुआ था। शास्त्री जी निजी ईमानदारी और सादगी के प्रतीक थे।
आम तौर पर देखा जाता है कि नेता जब तक सत्ता से बाहर रहते हैं वो शानोशौकत की जिंदगी से परहेज करते हैं लेकिन कुर्सी पर बैठते ही उनका रंग बदल जाता है। शास्त्री जी इसका अपवाद थे। उनकी सादगी से जुड़े दर्जनों किस्सें हैं। ऐसा ही एक किस्सा है देश के दूसरे पीएम के कर्ज लेकर कार खरीदने का।
जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद जून 1964 में शास्त्री जी देश के प्रधानमंत्री बने थे। उससे पहले देश के गृह मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके थे। देश को "जय जवान, जय किसान" का नारा देने वाले शास्त्री का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था।
शास्त्री ने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा में व्यतीत किया था इसलिए निजी संपत्ति के नाम पर उनके पास कोई खास जायदाद नहीं थी। पीएम बनने तक उनके पास अपनी कार नहीं थी। शास्त्री जी के बेटे अनिल शास्त्री ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में बताया था कि बच्चों के जिद करने पर वो कार खरीदने के तैयार हुए थे।
जब शास्त्री जी ने खरीदी फिएट कार
1960 के दशक में फिएट कार 12 हजार रुपये की आती थी। शास्त्री जी के बैंक खाते में महज सात हजार रुपये ही थे। पैसे कम पड़ने पर शास्त्री जी ने बाकी राशि बैंक से लोन के तौर पर कर्ज ली। दुर्भाग्य से 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में उनका निधन हो गया। 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में देश को विजय दिलाने वाले शास्त्री जी जीते जी बैंक का कर्ज नहीं चुका सके थे।
शास्त्री जी के निधन के बाद जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी देश की तीसरी प्रधानमंत्री बनीं। इंदिरा जी ने सरकार की तरफ से बैंक का कर्ज चुकाने का प्रस्ताव दिया जिसे शास्त्री जी के परिवार ने ठुकरा दिया।
शास्त्री जी की पत्नी ललिता शास्त्री पूर्व प्रधानमंत्री के तौर पर मिलने वाली शास्त्री जी की पेंशन से कार का कर्ज चुकाती रहीं। अनिल शास्त्री के अनुसार शास्त्री जी की मौत के चार साल बाद ही ये कर्ज चुकाया जा सका। ये कार दिल्ली स्थिति लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल में रखी हुई है।