जयंती विशेष: क्या आप लाल बहादुर शास्त्री का असली नाम जानते हैं?, जानें उनके बारे में 15 बातें, जो नहीं जानते होंगे आप

By पल्लवी कुमारी | Published: October 2, 2018 07:27 AM2018-10-02T07:27:36+5:302018-10-02T13:37:04+5:30

Lal Bahadur Shastri Birth anniversary special (लाल बहादुर जयंती विशेष): लाल बहादूर शास्त्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ मिलकर देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई है। देश की आजदी के बाद भी उन्होंने भारत को कई संकटों से उबारा।

Lal Bahadur Shastri Birth anniversary special: 15 known Facts about 2nd Prime Minister | जयंती विशेष: क्या आप लाल बहादुर शास्त्री का असली नाम जानते हैं?, जानें उनके बारे में 15 बातें, जो नहीं जानते होंगे आप

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नई दिल्ली, 2 अक्टूबर: देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने देश की आजदी में और देश की आजदी के बाद भी भारत को कई संकटों से उबारा। आज (2 अक्टूबर) को लालबहादुर शास्त्री की जयंती है। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सात मील मुगलसराय में हुआ था। उनके पिता एक स्कूल में शिक्षक थे। जब लाल बहादुर शास्त्री केवल डेढ़ वर्ष के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। उनकी माँ अपने तीनों बच्चों को लेकर अपने मायके में जाकर रहने लगी। 

लाल बहादूर शास्त्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ मिलकर देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई है। जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद जून 1964 में शास्त्री जी देश के प्रधानमंत्री बने थे। उससे पहले देश के गृह मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके थे।  शास्त्री का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। उन्होंने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा में व्यतीत किया था इसलिए निजी संपत्ति के नाम पर उनके पास कोई खास जायदाद नहीं थी।

1964 में जब शास्त्री जी प्रधानमंत्री बने थे तब देश खाने की चीजें काफी मात्रा में आयात करता था। उस वक्त देश PL-480 स्कीम के तहत नॉर्थ अमेरिका पर अनाज के लिए निर्भर था। 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध होने पर देश में आकाली जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। देश में भूखमरी की हालत देखते हुए शास्त्री ने देशवासियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की थी। इसी वक्त उन्होंने  'जय जवान जय किसान' का नारा दिया था। आइए उनके जयंती के अवसर पर जानें उनसे जुड़ी 15 रोचक बातें...

1 - लाल बहादुर शास्त्री का नाम ज्नम के वक्त कुछ और था। इनका नाम लाल बहादुर वर्मा रखा गया था। जब उन्होंने वाराणसी (यूपी) में काशी विद्यापीठ से स्नातक किया गया, तो उन्हें 'शास्त्री' का शीर्षक दिया गया था। 

2-  गांधी के असहयोग आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने की वजह से शास्त्री जी जेल गए थे। लेकिन कुछ दिनों बाद ही छोड़ दिया गया, क्योंकि उनकी उम्र महज उस वक्त 17 साल थी। ब्रिटिशों ने उन्हें ये कह कर छोड़ दिया कि वह अभी नाबालिग हैं। 

3- देश की आजादी के बाद लाल बहादुर शास्त्री को परिवहन मंत्री नियुक्त किया गया था। शास्त्री ने इसके बाद सार्वजनिक परिवहन में महिला चालकों और कंडक्टरों के प्रावधान की शुरुआत की थी। 

4- शास्त्री दहेज प्रथा के सख्त खिलाफ थे। उन्होंने ने अपनी शादी पर दहेज के नाम पर महज खादी का कपड़ा और कताई चक्र ही लिया था। 

5- पुलिस मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान शास्त्री ने लाठी चार्ज को खत्म करने का निर्देश दिया था और इसकी जगह उन्होंने पानी छिड़कने का नियम पेश किया था। 

6- शास्त्री ने डांडी मार्च में भी हिस्सा लिया था। जिसके लिए उन्हें दो सालों तक जेल में रखा गया था। 

7- गृह मंत्री के रूप में, शास्त्री ने भ्रष्टाचार रोकथाम पर पहली समिति की शुरुआत की थी।

8- जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद, इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री पद संभालने के लिए कहा गया था। लेकिन इंदिरा गांधी ने मना किया। जिसके बाद लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने। 

9- शास्त्री ने दूध उत्पादन में वृद्धि के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान, व्हाइट क्रांति को भी बढ़ावा दिया। उन्होंने आनंद, गुजरात में स्थित अमूल दूध सहकारी का समर्थन किया और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड भी बनाया। 

10-  शास्त्री ने हरित क्रांति के विचार को भी बढ़ावा देने और भारत के खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय समिति का भी गठन किया था। 

11-  शास्त्री ने 1920 के दशक में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता के रूप में कार्य किया। गांधी और नेहरू से प्रेरित, उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तानी युद्ध के कठिन दौर के दौरान देश का नेतृत्व भी किया। 

12- जनवरी, 1966 को, शास्त्री ने 1965 के युद्ध को समाप्त करने के लिए पाकिस्तानी राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान के साथ ताशकंद घोषणा पर हस्ताक्षर भी किया था। 

13-  लाल बहादुर शास्त्री का निधन 11 जनवरी 1966 में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। लेकिन उनके चिकित्सक डॉ आर एन चुग के अनुसार, शास्त्री को पहले कार्डियक कमजोरी का कोई संकेत नहीं था। शास्त्री के मौत का रहस्य आज भी बना हुआ है। 

14- निधन के बाद जब शास्त्री का शव दिल्ली एयरपोर्ट पर लाया गया था तो उनके परिवार वाले भी नहीं पहचान पाए थे। वह उनका शव देखकर काफी डर गए थे। 

15- काफी वर्षो के बाद शास्त्री के मौत पर आधिकारिक स्पष्टीकरण आया। जिसमें कहा गया था कि उनके पेट में कोई गंभीर बीमारी थी। गर्दन पर किसी भी चीरा का अस्तित्व नहीं था। जबकि शास्त्री के परिवार वालों का कहना था कि उनके शव पर गर्दन में गहरा कट जैसा लगा हुआ था। 

शास्त्री की पत्नी ने शव देखने के बाद कही थे ये बात 

शास्त्री की पत्नी ललिता ने कहा था, उनका शरीप पूरा नीला रंग का हो गया था। चेहरा पर सफेद पैच से भरा हुआ था। मृत शरीर को नहाया जाने पर भी हमें इसके पास जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। शास्त्री जी का चेहरा और शरीर नीला हो गया था और बहुत सूजन हो गई थी। शरीर इतना फुलगया था कि कपड़े को फाड़ना पड़ा था। बाद में, जब कुछ लोगों ने चेहरे पर धब्बे की ओर इशारा किया तो किसी ने तुरंत एक छोटे कटोरे में चंदन का पेस्ट लाया और इसके साथ ही पूरे चेहरे पर उसको लगा दिया गया। लेकिन चंदन की कोटिंग के बावजूद धब्बे को छुपा नहीं जा सके। 

English summary :
Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary Special: Lal Bahadur Shastri, the country's second Prime Minister, has brought India out of many crises even after the country's freedom too. Today (October 2) is the birth anniversary of Lal Bahadur Shastri. Lal Bahadur Shastri was born on October 2, 1904, seven miles from Varanasi in Uttar Pradesh, in Mughalsarai.


Web Title: Lal Bahadur Shastri Birth anniversary special: 15 known Facts about 2nd Prime Minister

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