लक्ष्मी सहगल जयंती विशेषः भारत की पहली महिला कैप्टन के बारे में 10 खास बातें, अंग्रेजी हुकुमत की नाक में किया था दम

By जनार्दन पाण्डेय | Published: October 24, 2018 07:19 AM2018-10-24T07:19:07+5:302018-10-24T09:15:44+5:30

Lakshmi Sahgal Birth Anniversary 2018(लक्ष्मी सहगल जयंती): लक्ष्मी सहगल ने डॉक्टरी की पढ़ाई की थी और डॉक्टर रही भी थीं। इसलिए भारत की आजादी के बाद उन्होंने गरीबों-दबे-कुचले लोगों का इलाज शुरू कर दिया।

Lakshmi Sahgal birth anniversary special: 10 things you need know about her | लक्ष्मी सहगल जयंती विशेषः भारत की पहली महिला कैप्टन के बारे में 10 खास बातें, अंग्रेजी हुकुमत की नाक में किया था दम

Lakshmi Sahgal Birth Anniversary 2018|लक्ष्मी सहगल जयंती

भारत की पहली महिला कैप्टन के तौर पर पहचानी जाने वाली लक्ष्मी सहगल की आज जयंती है। उनका जन्म 24 अक्टूबर 1914 को हुआ था। वह सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज की पहली महिला कैप्टन थी, जिसने आगे बढ़कर 'रानी लक्ष्मी रेजिमेन्ट' की कमांड अपने हाथ में ली थी। जानिए, उनके बारे में 10 खास बातें-

1. लक्ष्मी सहगल की पढ़ाई चेन्नई (तब मंद्रास) से हुई थी। उन्होंने मेडिकल में स्नातक किया था। यही नहीं उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद उन्हें सिंगापुर में अच्छा काम मिल गया था। लेकिन वह वहां से लौट आईं।

2. द्व‌ितीय विश्व युद्ध के दौरान उनका सिंगापुर में नौकरी से मोहभंग हो गया। वह भारत लौट आईं और आते ही वह स्वतंत्रता आंदोलन में कूद गईं। उन दिनों आजाद हिन्द फौज की काफी चर्चा थी। तभी लक्ष्मी सहगल ने खुद आगे बढ़कर आजाद हिन्द फौज में एक सेनानी की भूमिका में आईं।

3. इससे पहले इस खुलकर महिलाएं खुलकर सेना का हिस्सा नहीं बनती थीं। लेकिन लक्ष्मी सहगल ने आजाद हिन्द फौज में बतौर पहली महिला सदस्यता ग्रहण की। साथ ही उनकी सक्रियता इस कदर बढ़ी की उन्हें रानी लक्ष्मी रेजिमेंट की कमांडर बना दिया गया।

4. आजाद हिन्द फौज में ही डॉ. लक्ष्मी सहगल, कैप्टन लक्ष्मी सहगल बन गईं। इसके लिए उन्हें बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी।

5. आजाद हिन्द की फौज की सीधे तौर पर अंग्रेजों से टक्कर होती थी। उसी दौरान लक्ष्मी सहगल को साल 1943 में अस्थायी आजाद हिंद सरकार की कैबिनेट में पहली महिला सदस्य के तौर शामिल कर दिया गया। इसके बाद उनकी अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया।

6. उन्होंने खुलकर महात्मा गांधी के स्वदेशी अभियान का समर्थन किया। अंग्रेजों भारत छोड़ो में भी महात्मा गांधी के आंदोलन में बढ़-चंढ़ कर हिस्स लिया। लेकिन उनकी अपनी आजाद हिन्द फौज अंग्रेजों से हार गई थी।

7. आजाद हिन्द फौज की हार के बाद अंग्रेजों ऐसे हर आदमी ढूंढ़ना शुरू किया, जिन्होंने उनकी सरकार की नाक में दम कर रखा था। उस दौर में अंग्रेजों ने लक्ष्मी सहगल को 4 मार्च 1946 को हिरासत में लिया था। लेकिन जल्द ही उन्हें रिहा कर दिया।

8. लक्ष्मी सहगल ने कर्नल प्रेम सहगल से भारत की आजादी वाले साल शादी की। आजादी के बाद वह उत्तर प्रदेश के कानपुर आईं और खुद को समाजसेवा में समर्पित कर दिया।

9. लक्ष्मी सहगल ने डॉक्टरी की पढ़ाई की थी और डॉक्टर रही भी थीं। इसलिए भारत की आजादी के बाद उन्होंने गरीबों-दबे-कुचैले लोगों का इलाज शुरू कर दिया। कहते हैं उन्होंने अपने मृत्यु 23 जुलाई 2012 के 15 दिन पहले तक लोगों का इलाज किया है।

10. वामदल ने लक्ष्मी सहगल को भारत के राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया था। 1998 में पद्मविभूषण से नवाजा गया था। उनकी बेटी सुभाषिनी अली सहगल लेखिका हैं। वह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से सांसद भी रही हैं।

English summary :
Lakshmi Sahgal Birth Anniversary Special 10 Unknown Facts about India's First Female captain. Today is Jayanti of Lakshmi Sehgal. She was born on October 24, 1914. She was the first woman Captain of the independent Indian army of Subhash Chandra Bose, who went ahead and took over the command of 'Rani Lakshmi Regiment'.


Web Title: Lakshmi Sahgal birth anniversary special: 10 things you need know about her

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