लखीमपुर हिंसा: BJP कार्यकर्ताओं के घर जाने को लेकर एसकेएम द्वारा निलंबन पर बोले योगेंद्र यादव- मैं उनकी शान में नहीं, शोक में गया था
By अनिल शर्मा | Published: October 23, 2021 08:49 AM2021-10-23T08:49:00+5:302021-10-23T09:23:03+5:30
योगेंद्र यादव ने कहा कि मैं उनकी शान में नहीं, उनकी शोक में गया था। मेरे लिए ये स्वाभाविक है। मेरे संस्कार में भी ये है। और मैं समझात हूं कि हमारी सभ्यता की भी यह संस्कार है कि शादी-ब्याह में जाए ना जाएं लेकिन मौत में आप अपने दुश्मन के भी घर जाते हैं, नमस्ते करते हैं।
लखीमपुर खीरीः संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखीमपुर खीरी (यूपी) में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए एक बीजेपी कार्यकर्ता के घर जाने को लेकर योगेंद्र यादव को 1 महीने के लिए निलंबित कर दिया है। यादव एसकेएम की बैठकों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हालांकि, यादव ने कहा कि उन्होंने शोकाकुल परिवार से मिलकर कुछ भी गलत नहीं किया। इस बाबत योगेंद्र यादव ने अपना बयान भी जारी किया है।
स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि मैं लखीमपुर खीरी मुख्यत: वहां शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देने गया था। हमारा एक कार्यक्रम था जहां शहीद किसानों और एक पत्रकार को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद वापस आते हुए मुझे महसूस हुआ कि जिस बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा की मृत्यु हुई है, उसके घर भी जाकर शोक व्यक्त करना चाहिए।
योगेंद्र यादव ने आगे कहा कि मैं उनकी शान में नहीं, उनकी शोक में गया था। मेरे लिए ये स्वाभाविक है। मेरे संस्कार में भी ये है। और मैं समझात हूं कि हमारी सभ्यता की भी यह संस्कार है कि शादी-ब्याह में जाए ना जाएं लेकिन मौत में आप अपने दुश्मन के भी घर जाते हैं, नमस्ते करते हैं। मैं समझता हूं कि इस तरह की इंसानियत से कोई भी आंदोलन मजबूर नहीं मजबूत होता है।
बातचीत में अपनी बात आगे रखते हुए यादव ने कहा, जब आप किसी आंदोलन मोर्च में होते हैं, तो इसका असर तमाम लोगों पर पड़ता है। तो मुझे महसूस हुआ कि अपने दूसरे साथियों से कम से कम मुझे उनसे राय-बात करनी चाहिए थी। मैंने मोर्चे के साथियों से कही कि मुझे ये गलती महसूस होती है। बाकी सिद्धांत और समझ अपनी जगह है। इसके बाद मोर्च ने फैसला लिया है। मेरे लिए व्यक्ति छोटा है आंदोलन बड़ा है।
मैं संयुक्त किसान मोर्चा की सामूहिक निर्णय प्रक्रिया का सम्मान करता हूं और इस प्रक्रिया के तहत दी गई सजा को सहर्ष स्वीकार करता हूं।
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) October 22, 2021
किसान आंदोलन देश के लिए आशा की एक किरण बनकर आया है।इसकी एकता और सामूहिक निर्णय प्रक्रिया को बनाए रखना आज के वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।
मेरा बयानः pic.twitter.com/xasPeegFNo
संयुक्त किसान मोर्चा द्व्रारा निलंबन के बाद योगेंद्र यादव ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से एक महीने के लिए निलंबित किए जाने के फ़ैसले का सम्मान करते हैं। अपने ट्विटर हैंडल से बयान जारी करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि मैं संयुक्त किसान मोर्चा की सामूहिक निर्णय प्रक्रिया का सम्मान करता हूं और इस प्रक्रिया के तहत दी गई सजा को सहर्ष स्वीकार करता हूं।