लद्दाख गतिरोध: भारत और चीन की सेनाओं के बीच नौंवे दौर की सैन्य वार्ता जारी, जानें सेना के कौन से अधिकारी कर रहे हैं देश का नेतृत्व
By अनुराग आनंद | Published: January 24, 2021 03:25 PM2021-01-24T15:25:27+5:302021-01-24T15:29:15+5:30
भारत और चीन दोनों देशों के सेना अधिकारियों के बीच बैठक एलएसी पर चीन के मोल्डो बीपीएम-हट में चल रही है।
नयी दिल्ली: करीब ढाई महीने के अंतराल के बाद भारत और चीन की सेना के बीच रविवार को नौवें दौर की वार्ता हो रही है। कोर कमांडर स्तर की इस वार्ता का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की ओर मोल्दो सीमावर्ती क्षेत्र में पूर्वाह्न दस बजे शुरु हुई। इससे पहले, छह नवंबर को हुई आठवें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों ने टकराव वाले खास स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर व्यापक चर्चा की थी।
वायुसेना के प्रमुख ने चीन से वार्ता के बीच दिया ये बड़ा बयान-
वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं। वहीं, चीन के साथ सैन्य वार्ता से पहले देश के वायुसेना अध्यक्ष का बड़ा बयान दिया है। वायुसेना के प्रमुख ने कहा कि अगर चीनी सेना आक्रमक हो सकती है, तो हम भी हो सकते हैं। डेजर्ट नाइट अभ्यास के बीच एयरचीफ मार्शल ने यह बात कही है। बता दें कि चीन से जारी विवाद के बीच 8 राफेल पहले ही आ चुके हैं और 3 राफेल इस महीने के अंत तक आ जाएंगे। 2023 तक सभी 114 राफेल वतन के हवाले होंगे।
दोनों देशों के बीच ये बैठक एलएसी पर चीन के मोल्डो में हो रही है-
जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर (फायर एंड फ्यूरी कोर) के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन, जबकि चीन की तरफ से पीएलए के दक्षिणी झिंगज्यांग डिस्ट्रिक के कमांडर इस बातचीत का नेतृत्व कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच ये बैठक एलएसी पर चीन के मोल्डो बीपीएम-हट में चल रही है। मीटिंग का एजेंडा डिसइंगेजमेंट और डि-एस्कलेशन होगा यानी दोनों देशों के सैनिक एलएसी से पीछे हट जाएं और सैनिकों की तादाद भी कम कर दी जाए।
(एजेंसी इनपुट)