Ladakh Half Marathon: 13862 फीट ऊंची पेंगोग झील पर इतिहास रचा, गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाया, 21 किमी लंबी हाफ मैराथन में 75 लोगों ने लिया हिस्सा

By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 21, 2023 03:11 PM2023-02-21T15:11:58+5:302023-02-21T15:12:56+5:30

Ladakh Half Marathon: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने 13,862 फीट ऊंची पेंगोग झील में शून्य से कम तापमान में अपनी पहली 21 किलोमीटर दौड़ का सफलतापूर्वक आयोजन करके इतिहास रचा।

Ladakh Half Marathon 13862 feet high Pengog Lake History created Guinness world record 21 km long and 75 people participated | Ladakh Half Marathon: 13862 फीट ऊंची पेंगोग झील पर इतिहास रचा, गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाया, 21 किमी लंबी हाफ मैराथन में 75 लोगों ने लिया हिस्सा

लेह जिला विकास आयुक्त श्रीकांत बालासाहेब सुसे ने बताया कि चार घंटे तक चली मैराथन सोमवार को लुकुंग से शुरू हुई और मान गांव में समाप्त हुई। 

Highlightsदुनिया की सबसे ऊंची जमी हुई झील पर हुई हाफ मैराथन के रूप में दर्ज किया गया।पेंगोग झील का सर्दियों के दौरान तापमान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक होता है।लुकुंग से शुरू हुई और मान गांव में समाप्त हुई। 

जम्मूः आप इस खबर मात्र से ही रोमांच से भर सकते हैं कि कैसे 75 लोगों ने करीब 14 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया के सबसे बड़े खारे पानी के समुद्र अर्थात पैंगांग झील पर 21 किमी की मैराथन में दौड़ लगाई होगी। यह झील फिलहाल शून्य ये 25 डिग्री नीचे के तापमान के कारण जमी हुई है।

हालांकि चिंता इस बात की व्यक्त की जा रही है कि यह मैराथन इस झील पर आखिरी हो सकती है क्योंकि आशंका है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण आने वाले सालों में यह शायद ही पुनः जम पाए। लद्दाख में भारत और चीन के बीच बंटी हुई विश्व प्रसिद्ध पैंगांग झील ने सोमवार को लगभग 13,862 फीट की ऊंचाई पर पहली बार जमी हुई झील मैराथन की मेजबानी की।

तो इस घटनाक्रम का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया। अधिकारियों के अनुसार, 21 किमी की मैराथन भारत में अपनी तरह की पहली मैराथन थी। मैराथन 13,862 फीट की ऊंचाई पर हुई और इतनी ऊंचाई पर दुनिया में होने वाली यह अपनी तरह की पहली मैराथन थी।

मैराथन में शामिल होने वाले 75 लोगों ने एक दिवसीय कार्यक्रम के दौरान उस जमी हुई पैंगांग झील पर बर्फ की मोटी तह पर दौड़ लगाई जिसके किनारों पर चीन और भारत के करीब दो लाख सैनिक आमने-सामने हैं। दस मैराथन के आयोजकों का कहना था कि इसे अंतिम रन के रूप में संदर्भित करने का कारण यह है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पैंगांग झील के निकट भविष्य में जमने की संभावना नहीं है।

आयोजकों का कहना था कि अगर हम इस नजारे पर अभी ध्यान नहीं देंगे तो आने वाली पीढ़ी के लिए यह अतीत बन जाएगा। इस घटना को दुनिया की सबसे ऊंची जमी हुई झील मैराथन के तौर पर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया था। यह हाफ मैराथन लद्दाख के लुकुंग गांव से शुरू होकर मन गांव में समाप्त हुई थी।

सभी शामिल होने वालों को मैराथन पूरी करने में साढ़े तीन से 4 घंटों का समय लगा था। लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद लेह और लद्दाख पर्यटन विभाग के सहयोग से एडवेंचर स्पोर्ट्स फाउंडेशन आफ लद्दाख द्वारा ही भारत की पहली 21 किमी लंबी पैंगांग फ्रोजन लेक मैराथन का आयोजन किया गया।

अधिकारियों ने कहा कि इस फ्रोजन लेक मैराथन के आयोजन का मकसद स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देना और जलवायु और पर्यावरण के बारे में जागरूकता पैदा करना है। दरअसल यह एडवेंचर स्पोर्ट्स फाउंडेशन आफ लद्दाख (एएसएफएल) के दिमाग की उपज थी।

जिसने एक धूमिल वास्तविकता को उजागर करने के लिए इसे ‘द लास्ट रन’ का नाम दिया था। इसके आयोजकों का कहना था कि आने वाले वर्षों मंें दरअसल ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय के ग्लेशियरों की अनिश्चित स्थिति को देखते हुए, झील के कुछ हिस्से दौड़ के लिए अनुपयुक्त हो सकते हैं।

Web Title: Ladakh Half Marathon 13862 feet high Pengog Lake History created Guinness world record 21 km long and 75 people participated

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