गलवान मे हुई हिंसक झड़प के दौरान बंधक बनाए गए भारतीय सेना के 10 सैनिकों को चीन ने 3 दिन बाद किया रिहा
By रामदीप मिश्रा | Published: June 19, 2020 11:41 AM2020-06-19T11:41:29+5:302020-06-19T11:41:29+5:30
भारत-चीन सीमा पर मौजूदा गतिरोध पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। विपक्ष ने लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद इस संबंध में जानकारी मांगी थी।
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए थे और चीनी सेना ने 10 भारतीय सैनिको ने बंधक बना लिया था, जिन्हें अब रिहा कर दिया है। वहीं, हिंसक झड़प के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव बरकरार है भारतीय सेना चौकन्नी है। वह चीन की हर हरकत पर नजर बनाए हुए है।
समचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सेना द्वारा बंधक बनाए गए 10 सैनिकों को बातचीत के बाद रिहा कर दिया गया है। हालांकि सेना की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है और न ही भारतीय सेना ने जवानों के बंधक बनाने की कोई बात कही है।
भारत-चीन सीमा पर मौजूदा गतिरोध पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। विपक्ष ने लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद इस संबंध में जानकारी मांगी थी। प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक शुक्रवार को हो रही है।
1967 में 300 चीनी सैनिक मारे गए थे
बता दें, पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण गलवान घाटी क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया। भारतीय सेना ने भी चीन को करारा जवाब दिया है और उसके भी कई सैनिकों की झड़प में मौत हुई है। वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे।
एलएसी पर इन क्षेत्रों में है गतिरोध
भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पांच सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। चीनी सेना के जवान बड़ी संख्या में पैंगोंग सो समेत अनेक क्षेत्रों में सीमा के भारतीय क्षेत्र की तरफ घुस आए थे। भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के उल्लंघन की इन घटनाओं पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करती रही है और उसने क्षेत्र में अमन-चैन की बहाली के लिए चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग करती रही है। दोनों पक्षों ने पिछले कुछ दिन में विवाद सुलझाने के लिए श्रृंखलाबद्ध बातचीत की थी।