लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर 100 से अधिक टी-72 हल्के टैंकों की तैनाती, फिर भी आधिकारियों का सीमा पर तनातनी से इनकार

By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 1, 2020 12:02 PM2020-06-01T12:02:23+5:302020-06-01T12:02:23+5:30

चीन सीमा पर पैदा होते खतरे से निपटने की खातिर सिर्फ जवानों की तैनाती और सैनिक साजो सामान ही नहीं है बल्कि सेना व वायुसेना चीन सीमा पर अधिक से अधिक हवाई पट्टियों और एयर बेसों को सक्रिय करने की कवायद में भी जुटे हैं।

Ladakh-china boarder: 100 T-72 light tanks along the Indo-China border in Ladakh, yet authorities refuse to escalate the border | लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर 100 से अधिक टी-72 हल्के टैंकों की तैनाती, फिर भी आधिकारियों का सीमा पर तनातनी से इनकार

भारतीय सेना अपने तोपखानों और टैंकों को गर्म रखने की खातिर अभ्यास में भी जुट गए हैं, पर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

Highlightsलद्दाख सेक्टर में चीन से सटी सीमा पर सैनिक गतिविधियां फिलहाल थमी नहीं हैं।लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के सभी जवानों को अगर चीन सीमा पर तैनात किया जा चुका है।

जम्मू: लद्दाख सेक्टर में चीन से सटी सीमा पर सैनिक गतिविधियां फिलहाल थमी नहीं हैं। बल्कि इनमें बिजली सी तेजी आ चुकी है। लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के सभी जवानों को अगर चीन सीमा पर तैनात किया जा चुका है। तोपखाने अभ्यास में भी जुटे हुए हैं। तो हाल ही में खोली गई हवाई पट्टियों को एडवांस लैंडिंग ग्राऊंड में बदलने की कवायद भी जारी है।

एक सौ के करीब टी-72 टैंकों को चीन सीमा पर तैनात किया जा चुका है। मिलने वाली खबरें कहती हैं कि भारतीय सेना अपने तोपखानों और टैंकों को गर्म रखने की खातिर अभ्यास में भी जुट गए हैं। पर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

यूं तो चीन सीमा पर ‘शांति’ का दावा किया जा रहा है। पर तनातनी का माहौल अभी भी गर्म है। अंतर इतना है कि भारतीय सेना ने अब इस मामले पर ‘मीडिया पाबंदी’ लगा दी है ताकि केंद्र सरकार के वे इरादे प्रभावित न हों जिनके तहत वह चीन के साथ टकराव की स्थिति से बचने की कोशिशों में जुटी है।

पर इसे जरूर माना जा रहा है कि हजारों सैनिक चीन से सटी 646 किमी लंबी सीमा व वास्तिक नियंत्रण रेखा पर तैनात हैं, जहां अभी तक इक्का-दुक्का जवान ही नजर आता था। हालांकि इनकी तैनाती को रक्षात्मक रणनीति का हिस्सा बता रही है। जबकि खबरें कहती हैं कि तनातनी वाले इलाकों में भारतीय तोपखानों ने टैंकों के साथ मिल कर अभ्यास भी किया है ताकि कहीं भयानक सर्दी में मौके पर वे दगा न दे जाएं।

चीन सीमा पर पैदा होते खतरे से निपटने की खातिर सिर्फ जवानों की तैनाती और सैनिक साजो सामान ही नहीं है बल्कि सेना व वायुसेना चीन सीमा पर अधिक से अधिक हवाई पट्टियों और एयर बेसों को सक्रिय करने की कवायद में भी जुटे हैं। पहले ही दौलत बेग ओल्डी व फुकचे हवाई पट्टियों को खोला जा चुका है तथा खोली गई कुछेक स्थानीय हवाई पट्टियों को एडवांस लंडिंग ग्राऊंड में बदलने का काम चल रहा है। 

रक्षाधिकारियों के बकौल दोनों सेनाएं एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं। कहीं पर दोनों के बीच फासला कुछ मीटर का है। भारतीय पक्ष इस बार रक्षात्मक के साथ साथ आक्रामक मूड भी दर्शा रहा है। हालांकि उच्च स्तर पर कोशिश टकराव टालने की हो रही है पर बावजूद इसके माहौल ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है, भारतीय सेना अपने तोपखानों को पीछे लाने को राजी नहीं है। वह नहीं चाहती कि उनकी वापसी का चीनी सेना लाभ उठा कर इलाके पर कब्जा जमा ले।

Web Title: Ladakh-china boarder: 100 T-72 light tanks along the Indo-China border in Ladakh, yet authorities refuse to escalate the border

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