कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर स्पष्टता की कमी पार्टी को नुकसान पहुंचा रही है: शशि थरूर

By भाषा | Published: July 29, 2019 04:25 AM2019-07-29T04:25:02+5:302019-07-29T04:25:02+5:30

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस आकलन का भी समर्थन किया कि इस समय कांग्रेस की कमान किसी युवा नेता को सौंपी जानी चाहिए। थरूर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव होने पर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इसमें अपनी किस्मत आजमाने को लेकर फैसला करेंगी।

Lack of clarity about leadership in Congress is harming the party: Shashi Tharoor | कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर स्पष्टता की कमी पार्टी को नुकसान पहुंचा रही है: शशि थरूर

कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर स्पष्टता की कमी पार्टी को नुकसान पहुंचा रही है: शशि थरूर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को कहा कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद नेतृत्व को लेकर ‘‘स्पष्टता की कमी’’ पार्टी को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में सुधार का रास्ता यही हो सकता है कि कार्यसमिति सहित पार्टी में सभी महत्वपूर्ण पदों के लिए चुनाव हों, जिससे इनमें चुने जाने वाले नेताओं को स्वीकार्यता हासिल करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस आकलन का भी समर्थन किया कि इस समय कांग्रेस की कमान किसी युवा नेता को सौंपी जानी चाहिए। थरूर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव होने पर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इसमें अपनी किस्मत आजमाने को लेकर फैसला करेंगी। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि यह गांधी परिवार का फैसला होगा कि प्रियंका इस पद के लिए चुनाव लड़ेंगी या नहीं। पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में थरूर ने पार्टी की मौजूदा स्थिति पर असंतोष जताया और कहा कि कांग्रेस जिन हालात से गुजर रही है उसका अभी कोई स्पष्ट जवाब नहीं है।

तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘यह बिल्कुल सही बात है कि पार्टी के शीर्ष पद पर स्पष्टता की कमी संभवत: कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों को नुकसान पहुंचा रही है, इनमें से ज्यादातर पार्टी नेता की कमी महसूस करते हैं जो अहम फैसलों को देखे, कमान संभाले और यहां तक कि पार्टी में नई जान फूंके और उसे आगे ले जाए।’’

थरूर ने उम्मीद जतायी कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) मौजूदा स्थिति को ‘‘बहुत गंभीरता’’ से ले रही है और वह बिना किसी देरी के समाधान खोजने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस में सुधार का एक रास्ता यह हो सकता है कि सीडब्ल्यूसी पार्टी के लिए एक अंतरिम कार्यकारी अध्यक्ष का नाम बताए और फिर स्वयं को भंग कर दे।

इसके बाद सीडब्ल्यूसी समेत पार्टी के भीतर प्रमुख नेतृत्व पदों के लिए ताजा चुनाव हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) और प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (पीसीसी) से लिए गए नेताओं को यह तय करने का अधिकार दिया जाए कि इन अहम पदों में से कौन पार्टी का नेतृत्व करेगा। इससे आने वाले नेताओं को स्वीकार्यता मिल सकेगी और उन्हें पार्टी का नेतृत्व करने का विश्वसनीय जनादेश मिलेगा।’’ थरूर ने पार्टी अध्यक्ष पद पर चुनाव कराने के लिए ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी की शैली अपनाने का सुझाव दिया जिससे पार्टी में राष्ट्रीय दिलचस्पी बढ़ सकती है तथा वह एक बार फिर और ज्यादा मतदाताओं को अपनी ओर प्रेरित कर सकती है।

कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर स्पष्टता की कमी वाली थरूर की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी पर पूरा भरोसा है तथा पार्टी मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाती रहेगी। कांग्रेस की कमान किसी युवा नेता के हाथ में सौंपने के अमरिंदर सिंह के बयान पर सहमति जताते हुए थरूर ने कहा कि पार्टी की मौजूदा स्थिति और राष्ट्रीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए जो भी अध्यक्ष का पद संभालेगा, उसे दो लक्ष्य हासिल करने होंगे। पहले तो कार्यकर्ताओं में जोश भरना होगा और दूसरा कांग्रेस के पक्ष में मतदाताओं को प्रेरित करना होगा।

उन्होंने कहा कि अगर नया अध्यक्ष पूरी तरह से संगठनात्मक व्यक्ति होता है तो हो सकता है कि वह कार्यकर्ताओं को प्रेरित कर पाए और पार्टी की नींव मजबूत कर पाए लेकिन वे शायद और मतदाताओं को जोड़ नहीं पाए। थरूर ने कहा कि साथ ही अगर अध्यक्ष कोई करिश्माई व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बनता है ... लेकिन उसके पास अगर संगठनात्मक कौशल का अभाव है तो वह चाहे राष्ट्रीय मतदाताओं को निजी तौर पर प्रभावित कर सके लेकिन अपने करिश्मे को चुनावी नतीजे में बदल पाने की गुंजाइश कम होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में कोई भी यह मानेगा कि जो लंबे समय से इन भूमिकाओं को निभाते हुए थका न हो, ऐसा युवा नेता, यह दोनों काम करने के लिए इस पद पर उपयुक्त होगा।’’ यह पूछने पर कि क्या उन्हें लगता है कि प्रियंका गांधी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त हैं, इस पर थरूर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ेंगी।

उन्होंने कहा कि उनके पास ‘‘स्वाभाविक करिश्मा’’ है जो निश्चित तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं तथा मतदाताओं को प्रेरित और एकजुट कर सकता है। उनकी इसी खूबी के कारण कई लोग उनकी तुलना उनकी दादी और पूर्व पार्टी अध्यक्ष दिवंगत इंदिरा गांधी से करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले चुनावों में उत्तर प्रदेश में काम करते हुए वह प्रभावशाली छाप छोड़ने के साथ ही संगठन में अनुभवी नेता के तौर पर उभरी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन साथ ही राहुल गांधी का यह बयान कि गांधी परिवार के किसी सदस्य को उनका स्थान नहीं लेना चाहिए, उनके इस विकल्प को खारिज करता दिखाई देता है। यह गांधी परिवार पर निर्भर करता है कि वह फैसला करे कि वे इस मुद्दे पर कहां सामूहिक रूप से खड़े होते हैं।’’

पार्टी अध्यक्ष पद के लिए खड़े होने में रुचि के बारे में पूछने पर 63 वर्षीय थरूर ने कहा, ‘‘मैं ईमानदारी से कहूंगा कि मुझे नहीं लगता कि इस मुद्दे पर अटकलें लगाने की दूर-दूर तक भी कोई संभावना है।’’ गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 25 मई को कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। हालांकि, सीडब्ल्यूसी ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। भाषा नेत्रपाल दिलीप दिलीप

Web Title: Lack of clarity about leadership in Congress is harming the party: Shashi Tharoor

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे