केवी की ऑनलाइन पढ़ाई में अभिभावक बनेंगे शिक्षामित्र, दोपहर में नींद के समय लगती हैं क्लासेज

By एसके गुप्ता | Published: October 10, 2020 09:49 PM2020-10-10T21:49:13+5:302020-10-10T21:49:13+5:30

अभिभावकों से कहा गया है कि वह अपने बच्चे को पढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं तो बतौर शिक्षामित्र एक फार्म भर दें। इस फार्म को भरने से क्या होगा? यह सवाल हर अभिभावक पूछ रहा है लेकिन इसका जवाब न शिक्षकों के पास है न केवी प्रशासन के पास।

KV's online studies classes become parent take place in the afternoon | केवी की ऑनलाइन पढ़ाई में अभिभावक बनेंगे शिक्षामित्र, दोपहर में नींद के समय लगती हैं क्लासेज

ऑनलाइन कक्षाओं के चलते ही दिल्ली के एजीसीआर एंकलेव स्थित केंद्रीय विद्यालय में एक बच्चे की आंखें खराब हो गई हैं।

Highlightsपांचवी तक के छात्रों के सामने हाल ही में केवी ने नई चुनौती शिक्षामित्र के रूप में रखी है।बच्चे मोबाइल लत के साथ आंखों की बीमारियों से पीड़ित होने लगे हैं। आगे चलकर अभिभावकों के सामने कोई नई चुनौती न आ जाए।

नई दिल्लीः कोरोना काल में केंद्रीय विद्यालय द्वारा छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही हैं। पांचवी तक के छात्रों के सामने हाल ही में केवी ने नई चुनौती शिक्षामित्र के रूप में रखी है।

अभिभावकों से कहा गया है कि वह अपने बच्चे को पढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं तो बतौर शिक्षामित्र एक फार्म भर दें। इस फार्म को भरने से क्या होगा? यह सवाल हर अभिभावक पूछ रहा है लेकिन इसका जवाब न शिक्षकों के पास है न केवी प्रशासन के पास।

अभिभावकों की चिंता का कारण यह भी है कि जिस तरह शुरू में उन्हें मोबाइल पर कक्षाएं लेने की सलाह देते-देते सीधा बच्चों को हाथ में मोबाइल पकड़कर सीधे कक्षा लेनी शुरू कर दी गई हैं और बच्चे मोबाइल लत के साथ आंखों की बीमारियों से पीड़ित होने लगे हैं। आगे चलकर अभिभावकों के सामने कोई नई चुनौती न आ जाए।

ऑनलाइन कक्षाओं के चलते ही दिल्ली के एजीसीआर एंकलेव स्थित केंद्रीय विद्यालय में एक बच्चे की आंखें खराब हो गई हैं। चिकित्सकीय रपट के आधार पर अभिभावक ने स्कूल प्रशासन को अवगत भी कराया है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों में बच्चों की कक्षाएं जहां सुबह के समय लगती थी, अब वही कक्षाएं दोपहर में तीन बजे से शुरू हो रही हैं।

बच्चे स्कूल से ढाई से तीन बजे लौटकर सोते थे और शाम को उठकर होमवर्क करते थे। लेकिन अब ऑनलाइन कक्षाओं का समय बदलने से बच्चे उस समय नींद में रहते हैं। जिससे आंखों पर भी असर पड़ रहा है। दूसरी समस्या यह भी है कि जिन अभिभावकों के दो बच्चे पहली, दूसरी या तीसरी कक्षा में हैं।

दोनों बच्चों की कक्षाओं का समय दोपहर 3 से शाम पांच बजे तक का है। इसमें एक बच्चे की क्लास छूट ही जाती है। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन सभी पहलुओं पर केंद्रीय विद्यालय से विचार करने के लिए कहा गया है।

जहां तक छोटे बच्चों की ऑनलाइन कक्षाओं को दोपहर में लगाने की बात है तो अभिभावकों के आग्रह पर ही सुबह की कक्षाएं दोपहर में शुरू हुई हैं। क्योंकि गृहणियां घर का काम निपटाकर बच्चों के साथ कक्षाएं लेती हैं। केवी को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह ऑनलाइन कक्षाओं में आ रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए अभिभावकों से सुझाव लेकर उसमें सुधार करें। 

Web Title: KV's online studies classes become parent take place in the afternoon

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