राफेल डील की फाइल चोरी होने पर कुमार विश्वास का तंज, कहा- 'लो जी, न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी'

By पल्लवी कुमारी | Published: March 7, 2019 07:39 AM2019-03-07T07:39:07+5:302019-03-07T09:45:47+5:30

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ से अटार्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक करने वाले सरकारी गोपनीयता कानून के तहत और न्यायालय की अवमानना के दोषी हैं।

Kumar Vishwas tweet over Rafale case Govt tells SC documents related to deal 'stolen' | राफेल डील की फाइल चोरी होने पर कुमार विश्वास का तंज, कहा- 'लो जी, न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी'

राफेल डील की फाइल चोरी होने पर कुमार विश्वास का तंज, कहा- 'लो जी, न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी'

नरेन्द्र मोदी सरकार ने बुधवार (छह मार्च) को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हुये हैं। साथ ही, उन्होंने ‘द हिन्दू’ समाचार पत्र के इन दस्तावेजों के आधार पर आलेख प्रकाशित करने को लेकर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत कार्रवाई की भी धमकी दी। इस खबर के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने इस मसले पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया। उन्होंने कहा, 'लो जी, न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी।' सोशल मीडिया कुमार विश्वास के इस ट्वीट की काफी चर्चा है। 

कुमार विश्वास ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, 'लो जीन रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी। ये तो गोपनीय-सरकारी रक्षा दस्तावेज हैं! ऐसे मसलों में तो सैकड़ों “लोग” गायब हो जाते हैं! ये बड़ी जांची-परखी “व्यापम”आदत है!  भगवान मालिक है या वो मालिक हैं जो इन दिनों भगवान हैं।'


सरकार ने राफेल मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा? 

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ से अटार्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक करने वाले सरकारी गोपनीयता कानून के तहत और न्यायालय की अवमानना के दोषी हैं। लड़ाकू विमानों के सौदे के बारे में एक नया लेख समाचार पत्र में प्रकाशित होने के दिन अटार्नी जनरल ने कहा कि इस चोरी की जांच की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि चोरी के दस्तावेज पर आधारित आलेख प्रकाशित करना सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन जैसा होगा, जिसके लिए अधिकतम 14 साल की कैद की सजा हो सकती है। वहीं अवमानना कानून के तहत छह महीने की जेल और 2000 रूपये का जुर्माना भी हो सकता है। 

अटार्नी जनरल ने कहा कि चोरी की जांच जारी है। वहीं, समाचार पत्र (द हिंदू) ने आज भी राफेल सौदे पर एक और आलेख प्रकाशित किया है। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम जोसफ भी शामिल हैं। यह पीठ राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को चुनौती देने वाली याचिकायें खारिज करने के शीर्ष न्यायालय के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

‘द हिंदू’ समाचारपत्र के चेयरमैन ने क्या कहा? 

वहीं, केंद्र के इस रूख के बाद द हिंदू प्रकाशन समूह के चेयरमैन एन. राम ने कहा है कि राफेल सौदे से जुड़े दस्तावेज जनहित में प्रकाशित किए गए और उन्हें मुहैया करने वाले गुप्त सूत्रों के बारे में ‘द हिंदू’ समाचारपत्र से कोई भी व्यक्ति कोई सूचना नहीं पाएगा। 

प्रख्यात पत्रकार एन. राम ने कहा कि दस्तावेज प्रकाशित किए गए क्योंकि ब्योरा दबा कर या छिपा कर रखा गया था। 

राम ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘आप इसे चोरी हो गए दस्तावेज कह सकते हैं।।।हम इसको लेकर चिंतित नहीं हैं। हमें यह गुप्त सूत्रों से मिला था और हम इन सूत्रों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कोई भी इन सूत्रों के बारे में हमसे कोई सूचना नहीं पाने जा रहा है। लेकिन दस्तावेज खुद ही बोलते हैं और खबरें (स्टोरी) खुद ब खुद बोलती हैं। ’’ 

पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दायर की थी याचिका 


पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने संयुक्त रूप से याचिकाएं दायर की थी। उन्होंने अपनी पुनर्विचार याचिका में आरोप लगाया है कि केन्द्र (सरकार) ने जनहित याचिकाओं (पीआईएल) को खारिज करने का फैसला सुनाने वाले शीर्ष न्यायालय से महत्वपूर्ण तथ्य छुपाये।

प्रशांत भूषण ने जब ‘द हिन्दू’ में वरिष्ठ पत्रकार एन राम के प्रकाशित आलेख का जिक्र किया, तो वेणुगोपाल ने कहा कि आलेख चोरी के दस्तावेजों पर आधारित है।

अटार्नी जनरल ने कहा कि राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेजों की चोरी के मामले में अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है। उन्होंने कहा कि एन राम का आठ फरवरी को प्रकाशित आलेख और अब बुधवार को प्रकाशित एक अन्य आलेख का मकसद न्यायिक कार्यवाही को प्रभावित करना है और यह न्यायालय की अवमानना जैसा है। (पीटीआई इनपुट के साथ)

English summary :
Narendra Modi government told the Supreme Court on Wednesday (March 6) that the documents related to the purchase of Rafale aircrafts were stolen from the Ministry of Defense. Aam Aadmi Party (AAP) leader Kumar Vishwas tweeted on this issue.


Web Title: Kumar Vishwas tweet over Rafale case Govt tells SC documents related to deal 'stolen'

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