'कुलभूषण जाधव ने पुनर्विचार याचिका से किया इनकार', पाकिस्तान के इस दावे को भारत ने बताया स्वांग, कहा- 'उन्हें मजबूर किया गया'

By स्वाति सिंह | Published: July 8, 2020 10:07 PM2020-07-08T22:07:17+5:302020-07-08T22:07:17+5:30

पाकिस्‍तान ने यह भी दावा किया है कि जाधव ने समीक्षा याचिका दायर करने से मना कर दिया है और चाहते हैं कि उनकी दया याचिका को आगे बढ़ाया जाए।

Kulbhushan Jadhav denied reconsideration petition, India told Pakistan's claim, 'they were forced' | 'कुलभूषण जाधव ने पुनर्विचार याचिका से किया इनकार', पाकिस्तान के इस दावे को भारत ने बताया स्वांग, कहा- 'उन्हें मजबूर किया गया'

श्रीवास्तव ने कहा, “पाकिस्तान का दावा कि उसकी हिरासत में कैद जाधव ने पुनर्विचार याचिका की पहल से इनकार किया है

Highlightsजाधव पर स्पष्ट रूप से मामले में पुनर्विचार याचिका दायर न करने के लिये दबाव बनाया गया: MEA उन्होंने इसे जाधव के पास उपलब्ध अपर्याप्त उपायों से भी उसे वंचित करने का “बेशर्म प्रयास” बताया। 

नई दिल्ली: भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के उस दावे को “स्वांग” करार दिया कि कुलभूषण जाधव ने कथित जासूसी मामले में अपनी मृत्युदंड की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करने का फैसला लिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि जाधव पर स्पष्ट रूप से मामले में पुनर्विचार याचिका दायर न करने के लिये दबाव बनाया गया। उन्होंने इसे जाधव के पास उपलब्ध अपर्याप्त उपायों से भी उसे वंचित करने का “बेशर्म प्रयास” बताया। 

श्रीवास्तव ने कहा, “पाकिस्तान का दावा कि उसकी हिरासत में कैद जाधव ने पुनर्विचार याचिका की पहल से इनकार किया है वास्तव में उसी स्वांग का हिस्सा है जो पाकिस्तान पिछले चार सालों से कर रहा है।” वह पाकिस्तानी मीडिया में आई उन खबरों पर यहां मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे कि जाधव ने अपनी मौत की सजा के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अपील करने से इनकार कर दिया है। 

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को 2017 में सुनाई थी मौत की सजा 

पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को अप्रैल 2017 में “जासूसी और आतंकवाद” के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी जिसके बाद भारत ने उसके मृत्युदंड को रुकवाने के लिये अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में अपील की थी। जुलाई 2017 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान को आदेश दिया था कि वह जाधव को दी गई सजा पर “प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार” करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “जाधव को एक फर्जी मुकदमे के जरिये मौत की सजा सुनाई गई। वह पाकिस्तानी सेना की हिरासत में है। उस पर स्पष्ट रूप से पुनर्विचार याचिका नहीं दायर करने के लिये दबाव डाला गया।” 

 

कुलभूषण जाधव की पुरानी तस्वीर
कुलभूषण जाधव की पुरानी तस्वीर
उन्होंने कहा कि भारत ने उस तक “निर्बाध पहुंच” की मांग की थी जिससे उसके साथ एक अध्यादेश के तहत उपलब्ध विकल्पों पर चर्चा की जा सके। उन्होंने कहा, “अध्यादेश के तहत उपलब्ध अपर्याप्त विकल्पों को भी उसकी पहुंच से दूर करने के बेशर्म प्रयास के तहत पाकिस्तान ने स्वाभाविक रूप से उस पर दबाव डाला होगा जिससे वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को लागू करने के अधिकार की मांग न करे।” 

पाकिस्तान ने 20 मई को एक अध्यादेश पारित किया था जिसके तहत उच्च न्यायालय सैन्य अदालतों द्वारा दिये गए फैसलों की समीक्षा कर सकता है। श्रीवास्तव ने कहा, “आईसीजे पहले ही कह चुका है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन करने वालों में है। सरकार जाधव को बचाने और उसकी सुरक्षित भारत वापसी के लिये यथासंभव प्रयास करेगी। उसके लिये वह सभी उचित विकल्पों पर विचार करेगी।” 

Web Title: Kulbhushan Jadhav denied reconsideration petition, India told Pakistan's claim, 'they were forced'

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