सुभाष चंद्र बोस की बहू और पूर्व सांसद कृष्णा बोस का निधन, 89 वर्ष की उम्र में कोलकाता में ली अंतिम सांस
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: February 22, 2020 01:10 PM2020-02-22T13:10:39+5:302020-02-22T13:35:09+5:30
स्वतंत्रता सेनानी नेता जी सुभाष चंद्र बोस की बहू और पूर्व सांसद कृष्णा बोस का निधन होने की खबर। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, उनका निधन कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ। उन्होंने कोलकाता में अंतिम सांस ली। कृष्णा बोस सुभाष चंद्र बोस के बड़े बाई सरत चंद्र बोस की बहू थीं।
स्वतंत्रता सेनानी नेता जी सुभाष चंद्र बोस की बहू और पूर्व सांसद कृष्णा बोस का निधन होने की खबर। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, उनका निधन कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ। वह 89 वर्ष की थीं। उन्होंने कोलकाता में अंतिम सांस ली। कृष्णा बोस सुभाष चंद्र बोस के बड़े बाई सरत चंद्र बोस की बहू थीं। उन्हें एक शिक्षाविद के तौर पर भी जाना जाता है। कोलकाता के एक निजी अस्पताल में उनकी बायपास सर्जरी हुई थी।
कृष्णा बोस का जन्म 26 दिसंबर 1930 को ढाका में हुआ था। नेता जी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई सरत चंद्र बोस के बेटे शिशिर कुमार बोस के साथ उनका विवाह हुआ था।
Krishna Bose, Former MP, academician and daughter-in law of Subhash Chandra Bose's elder brother Sarat Chandra Bose, passes away in Kolkata due to cardiac arrest. pic.twitter.com/79UuHykAGy
— ANI (@ANI) February 22, 2020
कृष्णा बोस एक बार कांग्रेस और दो बार तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुनी गई थीं। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एमए की पढ़ाई की थी और बाद में शहर के एक कॉलेज में तकरीबन 40 वर्षों तक अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया था। उन्होंने सिटी कॉलेज में 8 साल तक प्रधानाचार्य के तौर पर भी काम किया था।
कृष्णा बोस के पुत्र सुगत बोस तृणमूल कांग्रेस पार्टी से सांसद हैं। पिछले दिनों कृष्णा बोस तब सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करने की नसीहत दी थी। उन्होंने पीएम मोदी के लिए भी कहा था कि उन्हें वाणी में संयम बरतना चाहिए। उनका कहना था कि भले ही दो नेताओं के बीच वैचारिक मतभेद हों लेकिन पीएम मोदी भारत के चुने हुए प्रधानमंत्री हैं, उनके प्रति सम्मान रखना चाहिए।
उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी को यह नहीं भूलना चाहिए कि राज्य की सरकारें भी जनता द्वारा चुनी जाती हैं और उनके पास भी अधिकार होते हैं।