कोविड-19 टीकाकरण: स्वदेशी कोवैक्सीन ने चरण तीन के क्लीनिकल ट्रायल में 81 प्रतिशत प्रभावशीलता दिखायी

By भाषा | Published: March 3, 2021 10:32 PM2021-03-03T22:32:44+5:302021-03-03T22:32:44+5:30

Kovid-19 Vaccination: Indigenous Covaxine Shows 81 Percent Effectiveness in Phase Three Clinical Trials | कोविड-19 टीकाकरण: स्वदेशी कोवैक्सीन ने चरण तीन के क्लीनिकल ट्रायल में 81 प्रतिशत प्रभावशीलता दिखायी

कोविड-19 टीकाकरण: स्वदेशी कोवैक्सीन ने चरण तीन के क्लीनिकल ट्रायल में 81 प्रतिशत प्रभावशीलता दिखायी

नयी दिल्ली, तीन मार्च सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने टीकाकरण अभियान को तेज करने के प्रयासों के तहत चौबीसों घंटे कोविड-19 के टीके लगाने की अनुमति दे दी है। इस टीकाकरण अभियान को तब और बल मिला जब स्वदेशी कोवैक्सीन के निर्माताओं ने यह कहा कि इस टीके ने तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में 81 प्रतिशत प्रभावशीलता दिखायी है।

शर्तों में ढील देते हुए को मंगलवार को सभी निजी अस्पतालों को निर्धारित मानदंडों का पालन करने पर टीके देने की अनुमति दे दी गई थी। वहीं सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक का समय भी समाप्त कर दिया गया था।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 16 जनवरी से लेकर बुधवार शाम सात बजे तक 1.63 करोड़ (1,63,14,485) से अधिक टीके की खुराक दी गई हैं।

इस बीच, एक मार्च से शुरू हुए टीकाकरण के दूसरे चरण में अब तक 60 वर्ष से अधिक आयु के 8,44,884 लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दी गई है। इसी तरह 45 वर्ष एवं बीमारी से ग्रस्त इससे अधिक आयु वाले 1,04,263 लोगों को टीका लगाया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने टीका लेने के एक दिन बाद ट्वीट किया, ‘‘सरकार ने टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए समय की बाध्यता समाप्त कर दी है। देश के नागरिक अब अपनी सुविधानुसार सप्ताह के किसी भी दिन और किसी भी समय टीका लगवा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके समय की कीमत बखूबी समझते हैं।’’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को दिल्ली स्थित सेना के एक अस्पताल में कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक और सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद सहित कई अन्य प्रमुख लोगों ने भी टीके की पहली खुराक ली।

देश के शीर्ष अनुसंधान निकाय इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक ने घोषणा की कि उनके द्वारा विकसित कोवैक्सीन के चरण 3 के परिणामों से कोविड-19 को रोकने में टीके ने 81 प्रतिशत की अंतरिम प्रभावशीलता दिखाई है। दोनों ने इसे टीके की खोज में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर करार दिया।

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बुधवार को कहा, ‘‘आठ महीने से भी कम समय में पूरी तरह से स्वदेश विकसित कोविड-19 का टीका आत्मनिर्भर भारत की असीम ताकत को दिखाता है। यह वैश्विक वैक्सीन महाशक्ति के रूप में भारत के उदय का एक गवाह है।’’

गत जनवरी में, भारत के ड्रग्स नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन को देश में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी थी, जिसने बड़े पैमाने पर टीकाकरण का मार्ग प्रशस्त किया था।

कोवैक्सीन को मंजूरी पर कुछ सवाल उठाए गए थे क्योंकि इसके चरण तीन के क्लीनिकल ट्रायल के परिणाम प्रतीक्षित थे, लेकिन कंपनी और सरकारी अधिकारियों ने चिंताओं को दूर किया था।

भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने कहा, ‘‘आज का दिन टीके की खोज, विज्ञान के लिए और कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। चरण 3 के क्लीनिकल ट्रायल के आज के परिणामों के साथ, हमने अब चरण 1, 2, और 3 के ट्रायल से हमारे कोविड-19 टीके पर डेटा रिपोर्ट कर दी है, जिसमें 27,000 प्रतिभागी शामिल किये गए।’’

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 60 और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों और अन्य बीमारियों से पीड़ित 45-59 की आयु के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान की शुरूआत के पहले दिन कोवैक्सीन टीके की पहली खुराक दी गई थी।

आईसीएमआर ने कहा कि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ प्रीक्वालिफाइड वेरो सेल प्लेटफॉर्म पर विकसित किया गया है।

इसने कहा कि कोवैक्सीन की एसएआरएस-सीओवी-2 के ब्रिटेन के प्रकार को बेअसर करने की क्षमता भी हाल ही में स्थापित की गई है।

डॉ. समीरन पांडा, प्रमुख, एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीज, आईसीएमआर और डायरेक्टर, नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा, ‘‘कोवैक्सीन का विकास और इसका इस्तेमाल यह सुनिश्चित करता है कि भारत के पास लगातार विकसित होने वाली महामारी की स्थिति में अपने पास एक शक्तिशाली हथियार है और हमें कोविड-19 के खिलाफ युद्ध जीतने में मदद करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए समय की आवश्यकता है कि भारत में लोग टीके लगवायें और वायरस संचरण की श्रृंखला को तोड़ें।’’

कोविशील्ड की दो पूर्ण खुराक के बाद 70 प्रतिशत की प्रभावशीलता दर पायी गई थी।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, ‘‘मैंने लोगों में टीके को लेकर भरोसा बढ़ाने के लिए टीका लिया।’’

सावंत एक प्रशिक्षित चिकित्सक हैं और स्वास्थ्य पेशेवरों की श्रेणी में आते हैं।

केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने लोगों से बिना किसी हिचकिचाहट के अभियान में शामिल होने का आग्रह किया और टीका लगवाने के खिलाफ अफवाहें फैलाने और गलत जानकारी देने वालों की आलोचना की।

उन्होंने अपनी पत्नी कमला के साथ टीका लगवाने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘कोविड-19 का टीका लेना एक अच्छा अनुभव था और इसके बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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Web Title: Kovid-19 Vaccination: Indigenous Covaxine Shows 81 Percent Effectiveness in Phase Three Clinical Trials

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